Friday, July 27, 2012

अगर आप ले रहे हैं 'विटामिन' तो यह खबर खोल सकती है आपकी आंखें

एक नई स्टडी ने मेडिकल जगत समेत आम लोगों में हलचल मचा दी है। इसके मुताबिक अधिक मात्रा में विटामिन सप्लीमेंट्स सेहत के लिए अच्छे नहीं हैं। इन्हें खाने से पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर तो महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर की आशंका बढ़ जाती है।

 स्टडी में शामिल विशेषज्ञों के मुताबिक विटामिन सप्लीमेंट्स लेने के बजाय उनके प्राकृतिक स्रोत यानी फल-सब्जियों का सेवन करना ज्यादा सही है। अगर सप्लीमेंट्स लेने की जरूरत पड़े भी, तो विशेषज्ञ से सलाह-मशविरा के बाद बताई गई मात्रा में ही उनका सेवन करें।

विटामिन ए से फ्रैक्चर

दावा:विटामिन ए से दिल की बीमारियों की आशंका बढ़ जाती है। इसकी ज्यादा मात्रा से हिप फ्रैक्चर का खतरा भी बढ़ता है, खासकर महिलाओं में।
आधार: विटामिन ए के ज्यादा सेवन से शरीर द्वारा कैल्शियम को जज्ब करने की क्षमता प्रभावित होती है। इसका असर हड्डियों की सेहत पर पड़ता है।
जरूरी क्यों:विटामिन ए दृष्टि समेत शरीर के प्रतिरोधी तंत्र के लिए बहुत जरूरी है। ये ऊतकों को स्वस्थ रखता है। इसकी कमी से दृष्टिदोष बढ़ता है। बेहतर होगा बीटा केरोटिन युक्त मल्टीविटामिन खरीदें, जो एक ऑर्गेनिक कंपाउंड होता है।
प्राकृतिक स्रोत:गाजर, पालक, लाल मिर्च, टमाटर, नारंगी, आड़ू, अंडे और दुग्ध उत्पाद।
विटामिन बी 6 से अनिद्रा
दावा:विटामिन बी 6 का सेवन करने से न सिर्फ आधी रात को नींद खुल जाती है, बल्कि यह बेतरतीब सपनों का भी कारण है।
आधार: विटामिन बी 6 ट्रिप्टोफैन को सेरोटोनिन हार्मोन में बदलने में मदद करता है। यह हार्मोन नींद के चक्र को व्यवस्थित रखता है। इसके स्राव में गड़बड़ी से नींद की मात्रा में कमी आती है।
जरूरी क्यों: इसकी कमी से त्वचा, नाड़ी, म्यूकस मैंब्रेन और सकरुलेटरी सिस्टम प्रभावित होते हैं। ये ऊतकों के निर्माण के लिए भी जरूरी है।
प्राकृतिक स्रोत:पनीर, अंडे, मेवे, साबुत अनाज, बींस और फलीदार सब्जियां।
विटामिन सी से कैंसर
दावा:विटामिन सी के ज्यादा सेवन से डीएनए क्षतिग्रस्त होते हैं। इससे कैंसर और आर्थराइटिस की आशंका बढ़ती है।
आधार: 500 मिलीग्राम या इससे ज्यादा होने पर विटामिन सी प्रो-ऑक्सीडेंट बन जाता है। इससे कोशिकाएं क्षतिग्रस्त होती हैं।
जरूरी क्यों: शरीर में इसकी कमी से त्वचा से जुड़ी समस्याएं सामने आती हैं। यही नहीं, हार्ट अटैक समेत रक्त वाहिनियों से जुड़ी अन्य परेशानियां भी सामने आती हैं। थकान ज्यादा महसूस होती है और बीमारी जल्दी-जल्दी घेरती है।
प्राकृतिक स्रोत:अमरूद, किवी, पपीता, नींबू, नारंगी और स्ट्रॉबेरी।
विटामिन डी से किडनी पर असर
दावा: विटामिन डी की अधिक मात्रा से किडनी और उसके ऊतक क्षतिग्रस्त होते हैं। इससे फ्रैक्चर होने की आशंका बढ़ती है।
आधार: विटामिन डी की अधिकता से खून और पेशाब में कैल्शियम का स्तर बढ़ता है। इससे किडनी में स्टोन बनते हैं।
जरूरी क्यों: इसकी कमी स्ट्रोक की आशंका बढ़ाती है। शरीर सही तरीके से काम नहीं करता, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और मोटापे की समस्या आ घेरती है। यही नहीं, इसकी कमी जोड़ों में दर्द देने समेत हड्डियों को कमजोर (ऑस्टियोपोरोसिस रोग) बनाती है।
विटामिन के से लिवर पर असर
दावा:विटामिन के कुछ एंटीऑक्सीडेंट्स के काम में रुकावट डालता है। इसके सेवन से कोशिकाएं क्षतिग्रस्त होने लगती हैं। ज्यादा मात्रा एनीमिया, पीलिया और खून पतला होने की आशंका बढ़ाती है।
आधार:खून में इसकी ज्यादा मात्रा से लाल रक्त कोशिकाएं टूटने लगती हैं। इसकी परिणति लिवर की समस्या के रूप में सामने आती है।
जरूरी क्यों:यह हड्डियों को मजबूती देने समेत खून को गाढ़ा बनाए रखता है। इसकी कमी से ऑस्टियोपोरोसिस और ब्लीडिंग होने लगती है।

Thursday, July 26, 2012

खून की कमी दूर हो जाएगी... सिर्फ पंद्रह मिनट में

शरीर में खून की कमी हो जाने पर रोगी कमजोरी, थकावट, शक्तिहीनता और चक्कर जैसी कई समस्याएं हो सकती है। अगर आपको भी ऐसी कोई समस्या है तो लोहतत्वों की कमी को पूरा करने के लिए सेब, अंजीर, मुनक्का, अनार, पपीता व सब्जी में पालक, मेथी, गाजर, बथुआ, चुकंदर, खूबानी आदि को रात्रि में लोहे की कड़ाही में पानी के साथ 6 घंटे भिगोने के बाद प्रयोग करें, ऎसा करने से तेजी से खून में आयरन की मात्रा बढ़ेगी। साथ ही रोजाना 15 मिनट वरूण मुद्रा करें तो जल्द ही खून की कमी पूरी हो जाएगी।
कैसे बनाएं वरूण मुद्रा- किसी समतल स्थान पर आसन बिछाकर सुखासन में बैठ जाएं। गहरी सांस लें और छोड़ें। सबसे छोटी अंगुली तथा अंगूठे के पोर को मिलाकर शेष अंगुलियों को सीधा रखा जाए तो वरूण मुद्रा बनती है। इस मुद्रा  का अभ्यास रोजाना पंद्रह मिनट करें।

लाभ - यह मुद्रा रक्त संचार संतुलित करने,चर्मरोग से मुक्ति दिलाने, रक्त की न्यूनता (एनीमिया) दूर करने में सहायक है। वरुण मुद्रा के नियमित अभ्यास से शरीर में जल तत्व की कमी से होने वाले अनेक विकार समाप्त हो जाते हैं। जल की कमी से ही शरीर में रक्त विकार होते हैं।यह मुद्रा त्वचा को सुन्दर बनाती है।

Wednesday, July 25, 2012

रखिए ये शॉर्टकट्स याद और बिना माउस कीजिये कंप्यूटर पर काम!


अगर आपसे कंप्यूटर पर माउस के बगैर काम करने को कहा जाए, तो आपकी क्या प्रतिक्रिया होगी? आपको न सिर्फ अजीब लगेगा, बल्कि ऐसा कहने वाले की समझ पर भी आप सवालिया निशान लगा सकते हैं, लेकिन विंडोज और दूसरे ऑपरेटिंग सिस्टम्स पर अधिकांश काम माउस के बिना भी किए जा सकते हैं। हालांकि कुछ कामों में माउस की जरूरत पड़ती है।

माय कंप्यूटर: WINDOWS KEY + E के से आप My Computer खोल सकते हैं।

फाइल कॉपी: कंट्रोल बटन दबाए रखते हुए किसी भी फाइल को माउस से ड्रैग करें। उसकी एक और कॉपी बन जाएगी।

शॉर्टकट बनाएं: Control+Shift को दबाते हुए माउस से किसी भी प्रोग्राम, फाइल, फोल्डर, ड्राइव को ड्रैग करें। इसका शॉर्टकट हाजिर हो जाएगा।

सिस्टम लॉक: काम करते-करते कहीं जाना पड़े तो Windows+L बटन दबाकर सिस्टम को लॉक करके जाएं। यह तभी काम करेगा जब कोई विंडो खुली हो और कंप्यूटर किसी पासवर्ड से खुलता हो।

परमानेंट डिलीट: डिलीट की हुई फाइलें सिस्टम से पूरी तरह डिलीट नहीं होतीं, बल्कि रिसाइकिल बिन में चली जाती हैं, जहां से उन्हें दोबारा लाया जा सकता है। अगर किसी फाइल को हमेशा के लिए डिलीट करना है तो Shift+Delete कॉम्बिनेशन आजमाएं।

राइट माउस क्लिक: अगर माउस को राइट क्लिक किए बिना उसका काम करना चाहते हैं तो Shift+F10 को आजमाएं।

स्टार्ट मेन्यू: माउस को हाथ लगाए बिना स्टार्ट मेन्यू खोलने के लिए Control+Esc का इस्तेमाल करें।

फाइल री-नेम: किसी फाइल या फोल्डर को री-नेम करने के लिए माउस को राइट क्लिक कर सिर्फ F2 दबाकर देखें।

फाइल सर्च: किसी फाइल को खोजना चाहते हैं, तो F3 को दबाकर सर्च विंडो खोलें।

प्रॉपर्टीज: किसी फाइल, फोल्डर या ड्राइव आदि की प्रॉपर्टीज देखने के लिए Alt+Enter दबाएं।

विंडोज करें मिनिमाइज: डेस्कटॉप पर बहुत सारे प्रोग्राम खुले हों, तो सबको एक साथ मिनिमाइज करने के लिए Windows Key+M यूज करें।

विंडोज करें मैक्सिमाइज: मिनिमाइज किए हुए सभी प्रोग्राम्स और फाइलों को मैक्सिमाइज करने के लिए Windows Key +shift+M को आजमाएं।

विंडोज नेविगेशन: डेस्कटॉप पर खुले कई सारे डॉक्युमेंट्स या प्रोग्राम्स में से किसी एक को सिलेक्ट करने के लिए Alt+Tab को बार-बार दबाकर देखें।

प्रोग्राम बंद करें: किसी भी चल रहे प्रोग्राम को बंद करने के लिए Alt+F4 दबाएं।

मल्टिपल सिलेक्ट: एक से ज्यादा फाइलों को Copy Move करना हो, तो उनकी सूची में पहली फाइल पर जाने के बाद Shift दबाएं और अब Arrow बटन दबाकर ऊपर-नीचे बढ़ते जाएं। किसी डॉक्युमेंट में एक से ज्यादा लाइनों को सिलेक्ट करने के लिए भी Shift+Arrow की मदद लें।

एड्रेस बार की सूची: माय कंप्यूटर या इंटरनेट एक्सप्लोरर में एड्रेस बार में मौजूद दस्तावेजों या वेब यूआरएल की सूची को खोलने के लिए F4 दबाएं।

पेज रिफ्रेश: अगर My Computer या Desktop या Internet Explorer को Refresh करना चाहते हैं तो F5 दबाएं।

टास्क बंद करें: किसी भी सॉफ्टवेयर में काम करते समय खुलने वाले डायलॉग बॉक्स (जैसे क्या आप वाकई यह फाइल डिलीट करना चाहते हैं?) को बंद करने और उसे कैंसल करने के लिए Escape बटन दबाने से भी काम चल जाता है। इसी तरह, ‘हां’ के लिए Enter दबाना काफी है।

मेन्यू खोलें: किसी भी सॉफ्टवेयर के मेन्यू में Alt दबाने के बाद अंडरलाइन किए हुए अक्षरों (जैसे फाइल में एफ और एडिट में ई) पर क्लिक करने से वह मेन्यू खुल जाएगा। उसके बाद सब-मेन्यू में दिए गए बटन भी इसी तरह खोले जा सकते हैं।

कंप्यूटर सर्च: अगर आप अपने नेटवर्क में मौजूद किसी खास कंप्यूटर को खोजना चाहते हैं, तो Control+Windows Logo+F का इस्तेमाल करें। प्रिंटआउट: ज्यादातर सॉफ्टवेयर्स में Control+P कीज दबाने पर प्रिंट आउट डायलॉग बॉक्स खुल जाता है।

इन शॉर्टकट्स की मदद से कंप्यूटर पर काम करना कहीं ज्यादा आसान और तेज गति में हो जाएगा।

इन तीन मोबाइल नंबरों को न उठाएं कभी, नहीं तो फंस जाएंगे आप


सावधान! अगर आपके मोबाइल पर 11 अंकों का मिस्ड कॉल आए तो आप उसे अपने परिचित का नंबर समझकर कॉल बैक न करें। ऐसा करने पर कॉल रिसीव होते ही आपके खाते से एक मिनट में तीस रुपए से लेकर दो सौ रुपए तक कट सकते हैं। यदि भाग्यशाली विजेता का मैसेज भी आए तो उसका जवाब नहीं दें। ऐसा करने से आप धोखा खा सकते हैं।

महिलाएं व युवा जल्दी आते हैं झांसे में

कई निजी कंपनियां एसएमएस के माध्यम से तरह-तरह प्रलोभन देकर लोगों को फंसाने का प्रयास करती हैं। इन कंपनियों के झांसे में सबसे ज्यादा महिलाएं व युवा आते हैं। मिस्ड कॉल आते ही वह नंबरों की जांच किए बगैर ही नंबर डायल कर देते हैं। बाद में राशि कटने पर उन्हें पछतावा होता है। कई युवा पैसों के लालच में आकर कंपनियों को एसएमएस कर अपनी गोपनीय जानकारियां दे देते हैं।

उत्तरी यूरोप से आ रही हैं कॉल

जिन उपभोक्ताओं के मोबाइल पर +371 से शुरू होने वाले नंबर से मिस कॉल आ रही है, वे उत्तरी यूरोप का आईएसडी कॉल हैं। यहां कॉल करने पर एक मिनट में तीस रुपए की राशि कटती है। इससे पहले भी उपभोक्ताओं के मोबाइल पर +380 से 11 डिजिट के कॉल आए थे।

एक मिनट में कट गए 30 रुपए

सुरेंद्र सरीन के मोबाइल फोन पर +37127691038 से मिस कॉल आया। सुरेंद्र ने किसी परिचित का नंबर समझकर कॉल बैक किया। कॉल रिसीव होते ही एक मिनट में तीस रुपए कट गए, जबकि सामने से दो लड़कियों के आपस में बात करने की आवाज सुनाई दे रही थी।

रिटर्न मैसेज न करने से बच गए रुपए

वायके मिश्रा के मोबाइल फोन पर +३71276903580 से मैसेज आया। उसमें लिखा था कि आपका नंबर दस भाग्यशाली विजेताओं में आया है। आपको 20,000 पाउंड का इनाम मिलेगा। आप अपना नाम, पता फोटो तथा अन्य जानकारियां उक्त नंबर पर भेज दें। लेकिन उन्होंने मैसेज नहीं भेजा।

इन नंबर पर कॉल बैक नहीं करें

- + 37127691038

- + 37127690358

- + 37181045133

नोट: यह वे नंबर हैं, जिनसे शहरवासियों के मोबाइल फोन पर कॉल आ रहे हैं।

क्या - क्या रखें सावधानियां

- अपरिचित नंबर को न रिसीव करें और न ही डायल करें।

- भारत में सिर्फ 10 डिजिट की सीरीज है। 11 अंकों का नंबर डायल नहीं किया जाए।

- अगर कोई कंपनी एसएमएस के माध्यम से किसी प्रकार का लालच देती है तो उसके बहकावे में न आए।

एसएमएस से दी थी समझाइश

11 नंबर का कॉल आईएसडी होता है। बीएसएनएल ने पूर्व में अपने उपभोक्ताओं को एसएमएस से ऐसे नंबरों पर कॉल बैक न करने की समझाइश दी थी। कॉल रिसीव होने से उपभोक्ता के खाते से आईएसडी दर से राशि कटती है।

Saturday, July 21, 2012

99% इंटरनेट यूजर अनजान हैं इस खतरे से, यह जानलेवा भी हो सकता है!

सोशल नेटवर्क साइट पर साइबर क्राइम की संख्या नागपुर में अधिक पाई जाती है। सूचना, प्रौद्योगिकी के विस्तार के साथ ही देश में इंटरनेट यूजर की संख्या 12 करोड़ तक पहुंच गई है।

इनमें से 99 प्रतिशत यूजर साइबर क्राइम से आज भी अनजान हैं। इंटरनेट का प्रयोग जितना फायदेमंद है, उतना ही नुकसानदायक भी हो सकता है। उक्त जानकारी इंटेलिजेंट कोशिएंट सिक्यूरिटी सिस्टम के सीईओ डा. हेरॉल्ड डिकोस्टा ने धंतोली स्थित पत्रकार भवन में पत्रकार वार्ता के दौरान दी।

असली-नकली ई-मेल पहचानें डा. डिकोस्टा ने बताया कि इंटरनेट का इस्तेमाल करते समय सावधानी बरतने की आवश्यकता है। इसमें थोड़ी सी लापरवाही आपके जी का जंजाल बन सकती है।

इसके लिए इंटरनेट यूजर को असली और नकली ई-मेल तथा एसएमएस की पहचान होनी आवश्यक है। उन्होंने मिसाल के तौर पर बताया कि माइकल जैक्सन की मौत नकली ई-मेल के कारण हुई।

जैक्सन लंबे समय से एक डॉक्टर से अपनी बीमारी का इलाज करा रहे थे। इसके लिए वे डॉक्टर के साथ इंटरनेट के माध्यम से संपर्कमें थे। डॉक्टर बीमारी के लक्षण बताने पर उन्हें इंटरनेट से ही दवाइयां लेने की सलाह देता था।

जैक्सन की मौत दवाइयों से होने का पोस्टमार्ट में खुलासा हुआ। जांच में पता चला की जिन दवाइयों से जैक्सन की मौत हुई, वह दवाइयां उनके डॉक्टर की ई-मेल आईडी हैक कर किसी दूसरे व्यक्ति ने जैक्सन की आईडी पर मेल भेजा था।

डॉक्टर का मेल समझकर जैक्सन ने दवाइयां खाईं और उनकी मौत हो गई। जैक्सन यदि असली और नकली ई-मेल में अंतर समझते तो शायद उनकी मौत टल सकती थी। आईटी एक्ट में 80 प्रतिशत अपराध जमानती : डा. डिकोस्टा ने बताया कि भारत में 12 करोड़ लोगों द्वारा इंटरनेट का प्रयोग किया जाता है।

इसमें से 99 प्रतिशत लोगों को अभी तक पता नहीं है कि साइबर क्राइम कैसे होता है। नागपुर में सोशल नेटवर्क जैसे- फेसबुक, ऑर्कुट के माध्यम से होने वाले साइबर क्राइम की संख्या अधिक है। जिन लोगों के सोशल नेटवर्क साइट पर एकाउंट हैं, उनमें से 72 प्रतिशत लोगों द्वारा अपनी पूरी जानकारी नेटवर्क पर डाली जाती है, जो गंभीर बात है।

उन्होंने बताया कि आईटी एक्ट 80 प्रतिशत जमानती अपराध है। इस कानून को कठोर बनाने के लिए इसमें सुधार की आवश्यकता है। वार्ता के दौरान विधान शर्मा, राकेश शर्मा, डा. दत्ता, श्रमिक पत्रकार संघ के अध्यक्ष प्रदीप मैत्रेय उपस्थित थे।

पहले देखें एचटीटीपीएस संकेत

उन्होंने अपने ई-मेल आईडी का दुरुपयोग टालने के लिए साइट पर एचटीटीपीएस संकेत की पुष्टि करने के बाद ही ई-मेल करने का सुझाव दिया। उन्होंने बताया कि ई-मेल आईडी का इस्तेमाल किसी दूसरे व्यक्ति द्वारा किया जा सकता है। साइबर कैफे में भी दूसरों के ई-मेल आईडी का दुरुपयोग किया जा सकता है। इसके लिए विविध प्रकार के सॉफ्टवेयर का प्रयोग किया जा रहा है।

Friday, July 13, 2012

अगर ऐसे बनाएंगे PASSWORD, तो मजाल नहीं कि हैक हो जाए

Bigga :- एक मजबूत और हैक न हो सकने वाला पासवर्ड बनाने के लिए strongpasswordgenerator.com और maord.com जैसे ऑनलाइन पासवर्ड जेनरेटर्स की मदद ली जा सकती है।

खुद अपना, अपने जीवनसाथी, बच्चों आदि के नाम या गाड़ी, टेलीफोन के नंबर, जन्म के साल आदि को पासवर्ड बनाना बिना पासवर्ड के काम चलाने जैसा ही है। यही बात 12345, BCDE, XYD जैसे पासवर्ड पर भी लागू होती है। अपने कंप्यूटर, ई-मेल, बैंक खाते आदि को सुरक्षित रखना चाहते हैं, तो कुछ बातों का ध्यान रखें।

- पासवर्ड ऐसा होना चाहिए, जो किसी भी डिक्शनरी में न मिले। हैकर्स उन्हें खोजने के लिए कुछ ऐसे सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करते हैं, जो हजारों किस्म के कांबिनेशंस को आजमाकर देख लेते हैं। वे वर्णमाला के अक्षरों, अंकों आदि से शुरू करके पूरी की पूरी डिक्शनरी को आजमा लेते हैं।

- अगर आपका पासवर्ड ABC है, तो उसे खोजने में सॉफ्टवेयर को सिर्फ छह कांबिनेशन आजमाने पड़ेंगे। अगर वह BC123 है तो उसे 720 बार प्रयास करना पड़ेगा और ABCvwxy के लिए यह संख्या छह हजार से ज्यादा होगी। आप के लिए छह हजार बार प्रयास करना भले ही मुश्किल हो, लेकिन कंप्यूटर के लिए यह पल भर का काम है।

- पासवर्ड जितना बड़ा और मुश्किल होगा, उतना ही अच्छा रहेगा। 14 अक्षरों का पासवर्ड बेहद सुरक्षित माना जाता है। कोशिश करें कि इसमें कैपिटल और स्मॉल लैटर, अंक, स्पेशल कैरेक्टर्स मसलन @!&%{- आदि भी हों। आप चाहें तो इसके लिए maord.com और strongpasswordgenerator.com जैसे ऑनलाइन पासवर्ड जेनरेटर्स की मदद भी ले सकते हैं।

- पासवर्ड को कहीं भी लिखकर न रखें। अगर आप कई पासवर्ड इस्तेमाल करते हैं और आपके लिए उन्हें याद रखना मुश्किल है, तो कीपास (keepass.info)जैसे फ्री सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करें, जो उन्हें एनक्रिप्ट करके सुरक्षित रखता है।

- अपने पासवर्ड को महीने में एक बार जरूर बदल लें। अगर पूरी तरह बदलना आसान न लगे, तो कम से कम उनमें हर बार एक-दो अक्षर या अंक जरूर जोड़ लें या बदल दें।

- अपने सभी अकाउंट्स के लिए एक ही पासवर्ड का प्रयोग न करें। अगर वह लीक हुआ तो कहीं भी, कुछ भी सीक्रेट नहीं बचेगा। सब अकाउंट्स में अलग पासवर्ड का मतलब है, सबकी अलग-अलग सुरक्षा।

- दूसरों के कंप्यूटर पर मसलन साइबर कैफे आदि में बैठें, तो ध्यान रखें कि ई-मेल अकाउंट या ब्राउजर में stay signed in जैसी कोई सैटिंग तो नहीं है। अन्यथा आपके हटते ही कोई आपकी मेल पढ़ रहा होगा। काम पूरा होने पर वेब पेज को sign out करना न भूलें। संभव हो तो tools मैन्यू में internet options पर जाकर browsing history में जाकर स्रद्गद्यद्गह्लद्ग कर दें।

- अपना पासवर्ड किसी को न बताएं। अगर ऐसा करना बहुत जरूरी हो, तो काम पूरा होते ही उसे बदल दें। भूले हुए पासवर्ड को ई-मेल से मंगवाया है, तो नया पासवर्ड आते ही उसे बदल दें।

Saturday, July 7, 2012

आयुर्वेदिक लिस्ट: : जानिए किस महीने में क्या नहीं खाना चाहिए ?

अच्छे भोजन से हमारा शरीर तंदुरुस्त बना रहता है। जल्दी थकान नहीं होती और साथ ही कई छोटी-छोटी बीमारियां भी पास नहीं आती हैं। आयुर्वेद में शरीर को स्वस्थ रखने  के लिए खाने से संबंधित कई नियम बताए गए हैं। इन्ही नियमों के अंतर्गत पूरे साल के हर महीने के लिए कुछ ऐसी चीजें बताई गई हैं, जिन्हें उन महीनों में नहीं खाना चाहिए।

पुराने समय की एक कहावत है-

- चौते गुड़, वैशाखे तेल, जेठ के पंथ, अषाढ़े बेल।

सावन साग, भादो मही, कुवांर करेला, कार्तिक दही।

अगहन जीरा, पूसै धना, माघै मिश्री, फाल्गुन चना।

जो कोई इतने परिहरै, ता घर बैद पैर नहिं धरै।

साल के किस महीने में क्या न खाएं- जनवरी-फरवरी: जनवरी और फरवरी में मिश्री नहीं खाना चाहिए।
मार्च-अप्रैल: इस समय गुड़ नहीं खाना चाहिए।
अप्रैल-मई: इसमें तेल व तली-भुनी चीजों से परहेज करना चाहिए।
मई-जून: इन महीनों में गर्मी का प्रकोप रहता है अत: ज्यादा घूमना-फिरना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
जून-जुलाई: हरी सब्जियों के सेवन से बचें।
जुलाई-अगस्त: दूध व दूध से बनी चीजों के साथ ही हरी सब्जियां भी न खाएं।
अगस्त-सितंबर: इन दो महीनों में छाछ, दही नहीं खाना चाहिए।
सितंबर-अक्टूबर: इस माह में करेला वर्जित माना गया है।
अक्टूबर-नवंबर: इन दो महीनों में भी दही और दही से बनी अन्य चीजें नहीं खाना चाहिए।
नवंबर: दिसंबर: इस समय में भोजन में जीरे का उपयोग नहीं करना चाहिए।
दिसंबर-जनवरी: इन दोनों माह में धनिया नहीं खाना चाहिए क्योंकि धनिए की प्रवृति ठंडी मानी गई है और सामान्यत: इस मौसम में बहुत ठंड होती है।

Thursday, July 5, 2012

खून की कमी हो जिन्हें... उन्हें ये चीजें खाना चाहिए, कमी दूर हो जाएगी

अक्सर शरीर में खून की कमी हो जाने पर कमजोरी, थकावट, चक्कर आना आदि परेशानियां हो जाती हैं। अगर आपके साथ भी ये समस्याएं हैं तो आपके शरीर में खून की कमी हो सकती है। शरीर में खून की कमी का मुख्य कारण लौह तत्व की कमी होती है। लौह तत्व बढ़ाने का सबसे अच्छा तरीका है, भोजन से इसकी पूर्ति करें। आज हम आपको बताने जा रहे हैं भोजन से जुड़ी कुछ चीजों के बारे में जो खून की कमी को दूर करती हैं।
- रोज रात को बादाम भिगोकर सुबह पीसकर दूध में मिलाकर पीने से भी खून की कमी नहीं होती है।
- हरी सब्जियां, दालें व ड्रायफ्रूटस आदि भी खून की कमी को दूर करते हैं।
- सेब, टमाटर व पालक आदि को विशेष रूप से भोजन में शामिल करें।
- रोजाना सलाद खाने व शहद लेने से शरीर में हीमोग्लोबिन बढ़ता है।
- खून बढ़ाने के लिए हरे मटर, हरे चने(छोले), अंकुरित अनाज, अंडे, दूध आदि को अपने भोजन में शामिल करें।
- सोयाबिन का दूध भी फायदेमंद होता है
-चाय,काफी और एन्टासिड जैसी दवाएं उपयोग में न लाएं। ये चीजें शरीर द्वारा तत्व ग्रहण करने की प्रक्रिया को बाधित करते हैं।
- मैथी दाने अंकुरित कर नियमित रूप से खाने से खून की कमी पूरी हप जाती है।

Wednesday, July 4, 2012

एक और संकेत: इस 21 दिसंबर को खत्‍म हो जाएगी दुनिया?


वाशिंगटन. माया सभ्यता के कैलेंडर के बाद अब 1300 साल पुराना माया सभ्यता का टेक्स्ट मिला है, जिसमें कहा गया है कि दिसंबर 21, 2012 को दुनिया का विनाश तय है। यह टेक्स्ट ग्‍वाटेमाला के ला कोरोना की साइट पर मिला है। यह टेक्स्ट प्राचीन राजनीतिक इतिहास के बारे में हैरतंगेज जानकारी देता है।

इसी साल मई में स्टुअर्ट नाम के विशेषज्ञ ने सबसे पहली बार ग्वाटेमाला के ला कोरोना इलाके में एक सीढ़ी पर माया टेक्स्ट का पता लगाया था। इसी टेक्स्ट में दुनिया के अंत की बात बताई गई है। यह सीढ़ी तब बनाई गई थी जब युकनूम नाम का राजा इस इलाके में आया था। युकनूम अपने समय में माया सभ्यता का सबसे ताकतवर शासक था, जिसे बाद में टिकाल नाम के विरोधी के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। 



माया टेक्स्ट से पहले माया कैलेंडर भी मिल चुका है, जो दुनिया के अंत की तारीख बताता है। इस कैलेंडर में 21 दिसंबर, 2012 के बाद की तारीख नहीं दी गई हैं, इसका अर्थ यही समझा जा रहा है कि इस दिन दुनिया पर खतरा मंडरा सकता है। माया कैलेंडर के मुताबिक 21 दिसंबर, 2012 में एक ग्रह पृथ्वी से टकराएगा, जिससे सारी धरती खत्म हो जाएगी। करीब 250 से 900 ईसा पूर्व माया नाम की एक प्राचीन सभ्यता स्थापित की गई थी। ग्वाटेमाला, मैक्सिको, होंडुरास और यूकाटन प्रायद्वीप में इस सभ्यता के अवशेष खोजकर्ताओं को मिले हैं।

प्राचीन माया सभ्यता के काल में गणित और खगोल के क्षेत्र में उल्लेखनीय विकास हुआ था। अपने ज्ञान के आधार पर माया लोगों ने एक कैलेंडर बनाया था। कहा जाता है कि उनके द्वारा बनाया गया कैलेंडर इतना सटीक निकला है कि आज के सुपर कम्प्यूटर भी उसकी गणनाओं में 0.06 तक का ही फर्क निकाल सके और माया कैलेंडर के अनेक आकलन, जिनकी गणना हजारों सालों पहले की गई थी, सही साबित हुए हैं।

शूलतुन के जंगलों में माया सभ्यता का एक महत्वपूर्ण शहर होने के बारे में पहली बार 1915 में पता चला था। इसके बाद यहां खजाना चोरों ने कई बार सेंध लगाने का प्रयास किया। प्रोफेसर सैटनरे के छात्र मैक्स चेम्बरलिन ने जब 2010 में एक सुरंग से जाकर यहां कुछ भित्तिचित्रों के होने का पता लगाया तो पूरी टीम खुदाई में जुट गई और उन्होंने सदियों से गुमनामी में खोए माया सभ्यता के इस प्राचीन शहर को ढूंढ निकाला। यह पूरा शहर 16 वर्गमील में फैला हुआ है और इसे पूरी तरह से खोदकर बाहर निकालने के लिए अगले दो दशकों का समय भी कम है।

Monday, July 2, 2012

तत्काल टिकट के लिए आया नया नियम, फोन पर देना होगा सही जवाब


इंदौर।रेलवे की आईआरसीटीसी वेबसाइट से टिकट बुक कराने वाले सावधान हो जाइये। यदि सुबह आठ से सवा आठ बजे के बीच तत्काल टिकट बुक कराया तो हो सकता है कुछ देर में ही आपके फोन की घंटी बज उठे।

यह कॉल दिल्ली के आईआरसीटीसी कॉल सेंटर से होगा जो जिस यूजर आईडी से टिकट बुक किया गया है उसके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर या दिए गए एसएमएस नंबर पर आ सकता है। फोन पर आपसे यात्रा के बारे में सारी डिटेल पूछी जाएगी। यदि एक भी जानकारी गलत दी गई तो तुरंत आपका टिकट कैंसिल किया जा सकता है। आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की बात कही गई है।

आईआरसीटीसी के क्षेत्रीय अधिकारियों के मुताबिक वेरिफिकेशन कॉल यात्रा से पहले किसी भी समय आ सकता है। ऐसे में किसी एजेंट ने तत्काल टिकट बुक कराया है तो वह पूछे गए सवालों के सभी सही जवाब नहीं दे पाएगा। अधिकारियों का मानना है कि तत्काल में सबसे ज्यादा धांधली तत्काल खुलने के बाद पहले 15 मिनट तक ही होती है। १क् जुलाई से यह व्यवस्था तत्काल के ओपनिंग समय में परिवर्तित हो जाएगी। हालांकि इसकी सफलता और सही संचालन पर संशय बना हुआ है क्योंकि प्रतिदिन हजारों टिकट तत्काल के तहत बुक होते है जिनमें से कई यात्री अपने परिवार के सदस्यों से टिकट बुक कराते है।

इनके देना पड़ेंगे जवाब

यूजर आईडी : जिस यूजर आईडी से ई-टिकट बुक कराया है वह बताएं। यदि टिकट खरीदा या बेचा गया है तो यह बताने में परेशानी आएगी।

पीएनआर नंबर : टिकट का पीएनआर नंबर क्या है। कहां से कहां तक यात्रा कर रहे है।

यात्रियों की जानकारी : टिकट पर कौन-कौन से यात्री सफर कर रहे है उनकी उम्र क्या है उनको कौन सी बर्थ अलॉट की गई है।

मोबाइल नंबर : किसी सह यात्री का मोबाइल नंबर बताओ।

क्या है तत्काल स्कीम

कोई भी व्यक्ति अधिकृत रेलवे काउंटर या वेबसाइट्स के जरिए तत्काल स्कीम के तहत यात्रा के एक दिन पहले टिकट बुक कर सकता है। इसके लिए उन्हें अतिरिक्त राशि चुकानी होती है। आरोप है कि आम लोगों को इसका फायदा नहीं मिलता। कुछ दलाल स्कीम की खामियों का लाभ उठा रहे हैं।

जांच करेगा सीवीसी!

केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) तत्काल सेवा में धांधलियों की शिकायत की जांच शुरू कर सकता है। वह यह देखना चाहेगा कि कहीं रेलवे के अधिकारी इस भ्रष्टाचार में लिप्त तो नहीं हैं? सीवीसी खुद जांच कर सकता है। रेलवे के मुख्य सतर्कता अधिकारी को भी इसके लिए निर्देश दिए जा सकते हैं।

एक अधिकारी ने कहा, ‘आयोग तत्काल योजना में अनियमितताओं की खबरों से वाकिफ है। उसे भी कुछ शिकायतें मिली हैं। तथ्यात्मक स्थिति जानने और गड़बड़ी का पता लगाने के लिए मामले की जांच पर विचार किया जा रहा है। हालांकि, जांच समिति के गठन पर अब तक कोई फैसला नहीं हुआ है। जांच का आदेश दिया जाता है तो यह रेलवे अधिकारियों तथा दलालों के कथित गठजोड़ पर आधारित होगी। यह योजना की खामियों को भी देखेगी।’ हालांकि सीवीसी के सचिव केडी त्रिपाठी ने घटनाक्रम पर कोई टिप्पणी करने से मना कर दिया। वह आयोग के प्रवक्ता के रूप में भी काम करते हैं।

Friday, June 29, 2012

ऐसे सबसे पहले ऑनलाइन तत्काल टिकट बुक कर लेते हैं दलाल



आम आदमी रेलवे के तत्काल टिकट की लाइन में रात भर लगता है लेकिन फिर भी नंबर नहीं आता। सुबह जल्दी जागकर मिनट दर मिनट ऑनलाइन टिकट बुक करने के लिए आठ बजने का इंतेजार करते हैं और फिर भी आईआरसीटीसी की वेबसाइट नहीं खुलती। लेकिन दलाल मिनटों में टिकट बुक करा लेते हैं।


तत्काल टिकटों के दलाल रेलवे के सिस्टम को मात देने के लिए कुछ ऐसा दिमाग चलाते हैं कि आम लोग अपने बेव ब्राउजर को रिफ्रेश करते रहते हैं और टिकट दलालों के हो जाते हैं।


ऐसे तत्काल सिस्टम को मात दे देते हैं रेलवे टिकटों के दलाल....


1. दलाल आईआरसीटीसी की वेबसाइट खोलने के लिए फास्ट इंटरनेट कनेक्शन का इस्तेमाल करते हैं ताकि सर्वर से जल्दी जुड़ सकें। अक्सर दलाल एमटीएनएल या बीएसएनएल का कनेक्शन इस्तेमाल नहीं करते।


2. 8 बजे से 9 बजे के बीच एक आईपीए एड्रेस से दो ही तत्काल टिकट बुक किए जा सकते हैं लेकिन दलाल अपने सिस्टम का आईपी एड्रेस ही बदल देते हैं। ऐसा करने के लिए वो अपने इंटरनेट मोडम को बंद करके दोबारा चालू कर देते हैं। अक्सर मोडम बंद करके दोबारा चालू करने पर सिस्टम का आईपी एड्रेस बदल जाता है। पांच मिनट से ज्यादा देर तक मोडम को बंद करके या फिर इंटरनेट केबल को निकालकर दोबारा लगाने पर आईपी पता अक्सर बदल जाता है। ऐसा करके दलालों को नया आईपीए एड्रेस मिल जाता है और रेलवे का सिस्टम उन्हें ब्लॉक नहीं कर पाता।


3. दलाल अपने कंप्यूटर के टाइम को आईआरसीटीसी की वेबसाइट के टाइम से मिला लेते हैं। जैसे ही उनके सिस्टम में आठ बजते हैं वो टिकट बुक करने का प्रयास करते हैं। ऑनलाइन बुकिंग शुरु होने के कुछ सेकेंड्स बाद ही टिकट बुक करने पर टिकट मिलने का चांस सबसे ज्यादा होते हैं।


4. कई बार दलाल विदेश में बैठे अपने दोस्तों के जरिए टिकट बुक कराते हैं। विदेशी इंटरनेट सर्वरों पर लोड कम होता है और इंटरनेट स्पीड भी बेहद तेज मिलती है जिस कारण विदेश से टिकट बुक कराना बेहद आसान होता है।



5. दलाल ऑनलाइन बुकिंग फार्म को जल्दी भरने के लिए फायरफॉक्स ब्राउजर की आटो फिल एप्लीकेशन का इस्तेमाल करते हैं। जिन टिकटों को बुक किया जाना होता है उनकी जानकारी पहले से ही फार्म में भर दी जाती है और ऑनलाइन टिकट बुकिंग शुरु होते ही वो फार्म सबमिट कर देते हैं।

Tuesday, June 26, 2012

डाउनलोड करना चाहते हैं फ्री एंटीवायरस, तो ये हैं 'पांच' बेहतरीन वेबसाइट्स

इंटरनेट में एक तरफ जहां पूरी दुनिया की जानकारी रहती है, वहीं इसमें कई ऐसे घातक वायरस भी रहते हैं, जो आपके कंप्यूटर को नुकसान पहुंचा स‍कते हैं। हालांकि अगर आप इंटरनेट सर्फिग के दौरान सेफ साइट को ओपन करते हैं, तो पीसी में वायरस आने का खतरा नहीं रहता। फिर भी वायरस से बचने के लिए एंटीवायरस का होना बेहद जरूरी है।

इससे न केवल पीसी सुरक्षित रहता है, बल्कि डाटा भी कोई नहीं चुरा सकता। इंटरनेट में भी कई एंटीवायरस मौजूद हैं, जिन्‍हें फ्री में डाउनलोड कर सकते हैं। जानते हैं कुछ ऐसे ही फ्री एंटीवायरस के बारे में।

कोमोडो इंटरनेट सिक्योरिटी प्रीमियम एंटीवायरस : www.comodo.com/home/internet-security/free-internet-security.php 


पांडा क्लाउड एंटीवायरस : www.cloudantivirus.com/en/

माइक्रोसॉफ्ट सिक्योरिटी एसेंशियल्स एंटीवायरस : www.microsoft.com/en-in/security_essentials/default.aspx 

अवीरा एंटीविर पर्सनल फ्री एंटीवायरस : www.avira.com/en/avira-free-antivirus

अवास्त फ्री एंटीवायरस : www.avast.com/free-antivirus-download 

Sunday, June 24, 2012

फेसबुक पर न करें ये दस चीजें

फेसबुक के लाइफबुक बनने की वजह से लोग अक्सर भूल जाते हैं कि सोशल नेटवर्किंग जैसे मंच पर क्या दिया जाना चाहिए और क्या  नहीं। हमें यह बात ध्यान रखनी चाहिए कि जो चीजें निजी दायरे में अच्छी लगती हैं, उन्हें फेसबुक पर डालना आपको हंसी का पात्र बना सकता है। आपके लिए खतरनाक भी हो सकता है। कुछ  ऐसी चीजें हैं , जिन्हें फेसबुक पर करने से बचना चाहिए। जरा गौर कीजिएः

1.  खाना खाते वक्त की तस्वीरें- नाश्ता करते और खाना खाते वक्त की तस्वीरें फेसबुक के लिए नहीं हैं। अगर आपको खाना खाते वक्त की  तस्वीरें एफबी पर डालने की जरूरत महसूस हो तो ध्यान रखिए कि वे चुटीली, दिलचस्प और कुछ जानकारी देनी वाली होनी चाहिए।

2. मत बदलिए रिलेशनशिप स्टेटस बार-बार- अगर आप किसी को पसंद करते हैं और उसे इंप्रेस करने के लिए रिलेशनशिप स्टेटस बार-बार बदल रहे हैं, तो यह सही नहीं है। ऐसा करने से फेसबुक पर आपको जानने वाले सैकड़ों लोगों के मन में आपकी गलत छवि बनेगी।

3. जूते-चप्पलों की तस्वीरें-  दोस्तों के साथ जूते चप्पल या पैरों की तस्वीरें लेना भद्दा लगता है। कई बार हमारे  जूते चप्पलों की स्थिति हमें हास्यास्पद बना देती है।

4.हैरान करने वाले मैसेज- हर आम बात को लेकर दूसरों को हैरान परेशान करने वाले मैसेज भेजना सही नहीं है।  ऐसा बार बार करने से आपकी विश्वसनीयता को धक्का लगता है।

5.स्माइली से शोक न जताएं- गमी के मौके पर दुख जताने वाले स्माइली (इमोटीकॉन) का इस्तेमाल न करें। इसे संवेदनहीनता का सूचक माना जा सकता है।

6. इंटरनेट स्लैंग का ज्यादा इस्तेमाल नहीं- LOL और ASAP जैसे नेट स्लैंग का ज्यादा इस्तेमाल न करें। ऐसा करने पर आपके दोस्त आपके पोस्ट और कमेंट हटा सकते हैं।

7. ज्यादा तस्वीरें सही नहीं-  फेसबुक पर जरूरत से ज्यादा फोटो पोस्ट करने से लोग आपको आत्ममुग्धता का शिकार मान सकते हैं।

8. व्यक्तिगत डायरी न बनाएं-फेसबुक पर कोई  भी सीक्रेट और कन्फेशन पोस्ट करने से पहले सौ बार सोचें।  हालांकि आप इन्हें बाद में डिलीट कर सकते हैं, लेकिन याद रखिए, मुंह से निकले शब्द वापस नहीं आते।

9. खुद को बढ़ा-चढ़ा कर न पेश करें-कई बार बड़े बड़े दावे फेसबुक पर आपको अपमान  का सामना करने पर मजबूर कर सकते हैं। मुझे पता है कि आपमें में से ज्यादातर लोग इसे रीपोस्ट नहीं करेंगे लेकिन मेरे दोस्त मेरा साथ जरूर देंगे। इस तरह के कमेंट भारी पड़ सकते हैं।

10. शीशे के सामने खड़ी तस्वीरें पोस्ट करना-आप भले खुद को कितना भी पसंद करें, लेकिन शीशे के सामने खड़े होकर सेलफोन से खींची गई तस्वीरें फेसबुक पर डालना सही नहीं है।

स्रोत-ब्लॉग,  Huffington Post और रसरंग रिसर्च

Friday, June 15, 2012

ये करें तो आंखों पर कभी चश्मा नहीं चढ़ेगा

आंखों में कोई रोग या किसी तरह की समस्या होने पर पढ़ने-लिखने में अक्षर धुंधले, अस्पष्ट दिखाई देते है। ऐसे में कम उम्र में आंखों पर मोटा चश्मा चढ़ जाता है। आंखें अनमोल है इनसे जुड़ी कोई भी समस्या जड़ से केवल योग ही मिटा सकता है। हस्तमुद्रा में प्राण मुद्रा करने से भी आंखों से जुड़ी कई परेशानियां दूर होती हैं।

कैसे बनाएं हस्तमुद्रा - अंगूठे से तीसरी अनामिका तथा चौथी कनिष्ठिका अंगुलियों के पोरों को अंगूठे के पोर के साथ मिलाकर शेष दोनों अंगुलियों को अपने सीध में खड़ा रखने से जो मुद्रा बनती है उसे प्राण मुद्रा कहते है।

लाभ - दिल के रोग में रामबाण तथा आंखो की ज्योति बढाने में यह मुद्रा बहुत सहायक है। इससे आंखों से जुड़ी कई परेशानियां दूर होती है। साथ ही यह प्राण शक्ति बढ़ाने वाला भी होता है।प्राण शक्ति प्रबल होने पर मनुष्य के लिए किसी भी प्रतिकूल परिस्थितियों में धैर्यवान रहना अत्यंत सहज हो जाता है। वस्तुत: दृढ़ प्राण शक्ति ही जीवन को सुखद बनाती है।इस मुद्रा की विशेषता यह है कि इसके लिए अवधि की कोई बाध्यता नहीं। इसे कुछ मिनट भी किया जा सकता है।

ये हैं वे बेहतरीन वेबसाइट्स जो बनाते हैं आकर्षक बायोडाटा

एक अच्छा बायोडाटा नियोक्ता पर आपकी छाप सबसे पहले छोड़ता है। कभी अपनी डिजाइन के कारण, तो कभी अच्छी प्रेजेंटेशन के कारण। आप भी एक प्रभावशाली बायोडाटा बनाना चाहते हैं, तो इन वेबसाइट्स की मदद ले सकते हैं।

ceevee.com

सीवी डॉट कॉम का इस्तेमाल करने के लिए आप चाहें तो नया अकाउंट बना सकते हैं या फिर अपने फेसबुक अकाउंट से लॉग-इन कर सकते हैं। इसमें दिए गए my ceevee सेक्शन में जाकर रेज्युमे बनाना आसान है। बस ऑनलाइन फॉर्म में शिक्षा, रोजगार, अनुभव, हॉबी वगैरह के बारे में जरूरी सूचनाएं डालते जाइए और अपना ताजातरीन फोटो अपलोड कर दीजिए। देखते ही देखते एक आकर्षक बायोडाटा तैयार हो जाएगा। आप इसे पीडीएफ फॉर्मेट में भी डाउनलोड कर सकते हैं।

visualcv.com

बहुत सी कंपनियां विजुअल सीवी डॉट कॉम पर अच्छे संभावित कर्मचारियों की तलाश करती हैं। अगर आप लिंक्ड-इन सोशल नेटवर्किग साइट के सदस्य हैं, तो उसकी सारी जानकारी को यहां अपने बायोडाटा में इंपोर्ट कर सकते हैं। तैयार सीवी को पीडीएफ के रूप में डाउनलोड कर सकते हैं। हालांकि रेज्युमे पर विजुअल सीवी का बैज लगा दिखाई देगा।

leadyou.com

कई आकर्षक कलर टेंप्लेट्स में से अपने पसंदीदा टेंप्लेट का चुनाव कर आप यहां अपना बायोडाटा बनाने की प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं, जिसमें ज्यादा से ज्यादा 15-20 मिनट लगेंगे। लेकिन यहां सेक्शंस को मैनुअली जोड़ना पड़ता है। तैयार रेज्युमे को डाउनलोड करने की सुविधा भी नहीं है। हां, आप उसका प्रिंटआउट ले सकते हैं या फिर ऑनलाइन ही किसी को भेज सकते हैं।

jobspice.com

जॉब स्पाइस डॉट कॉम पर बिना रजिस्ट्रेशन बायोडाटा तैयार किया जा सकता है। दस अलग-अलग स्टाइल और डिजाइन के बायोडाटा टेंप्लेट में से अपनी पसंद का चुनने के बाद आसान चरणों में आप अपना रेज्युमे तैयार कर सकेंगे।

हर रेज्युमे में कुछ सेक्शन होते हैं, जैसे शिक्षा, अनुभव वगैरह। बायोडाटा तैयार होने के बाद चाहें तो इसे कॉपी करके किसी वर्ड प्रोसेसर में पेस्ट कर फाइल बना लें, या फिर पीडीएफ की शक्ल में डाउनलोड कर लें। इसे कस्टमाइज्ड यूआरएल के जरिए इंटरनेट पर भी दूसरों के साथ शेयर किया जा सकता है।

Thursday, June 14, 2012

जानिए क्या होता है टेबलेट कंप्यूटर


टेबलेट कंप्यूटर इन दिनों चर्चा का विषय हैं। भारत द्वारा दुनिया का सबसे सस्ता टेबलेट कंप्यूटर पेश कर दिए जाने के बाद से तो इसकी चर्चा कुछ ज्यादा ही होने लगी है। आइए हम बाताते हैं कि टेबलेट कंप्यूटर क्या होता है। टेबलेट शब्द दरअसल इसके आकार के कारण ही इस्तेमाल हुआ है। टेबलेट कंप्यूटर एक वायरलेस उपकरण है जिसमें कनेक्टिविटी की व्यवस्था है।

यह पूरी तरह से एक कंप्यूटर ही है और इसमें टचस्क्रीन का इस्तेमाल होता है और यह पीसी ऑपरेटिंग सिस्टम मसलन विंडोज या लिनक्स पर चलता है। यह लैपटॉप से छोटा और हल्का होता है। लेकिन मोबाइल फोन से बड़ा और भारी। इसके स्क्रीन पर इलेक्ट्रॉनिक पेंसिल से भी लिखा जा सकता है। इसमें अलग से कीबोर्ड लगाने की भी व्यवस्था होती है। यह अब कई तरह का होने लगा है। ऐप्पल का आईपैड इस समय सबसे सफल टेबलेट है।

अमेरिकी टेक्नोलॉजी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने इस शब्द को पॉपुलर बनाने में बड़ी भूमिका निभाई थी। 1971 में जेरॉक्स कंपनी के एलन के ने पहली बार इसका स्केच बनाया था।

Friday, May 18, 2012

बड़े ही काम की हैं ये वेबसाइट्स, आपको हो सकता है फायदा


स्टूडेंट्स को गर्मी की छुट्टियों में कई असाइनमेंट्स मिले होंगे। इसके अलावा होम वर्क अलग से होगा। ऐसे में कुछ ऐसी वेबसाइट्स के बारे में जानते हैं, जो इन्हें पूरा करने में मदद करेंगी। स्टूडेंट्स कई बार घर पर पढ़ते हुए ऐसी डिटेल्स पाने की जरूरत महसूस करते हैं, जिनका जिक्र किताबों में तो होता है, लेकिन उस पर गहराई से जानकारी नहीं होती। ऐसे मुद्दों और विषयों पर गहराई से जानकारी हासिल करने के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल किया जा सकता है। जानते हैं कौन सी साइट्स बनेंगी मददगार।

Refdesk.com

यह तथ्यों की जांच करने में मददगार वेबसाइट है। यहां पर इतने विविध तथ्य और जानकारियां मौजूद हैं कि छात्रों के लिए इससे बेहतर होमपेज कोई और नहीं हो सकता। गूगल, बिंग और याहू सर्च रेफडेस्क के होमपेज से ही की जा सकती है। इसके साथ-साथ विकीपीडिया, यू-ट्यूब तथा कई डिक्शनरियों तथा इनसाइक्लोपीडिया में भी सर्च की सुविधा मौजूद है। दिन के खास समाचारों, खास तथ्यों, खास लोगों, खास शब्दों, खास घटनाओं आदि की आकाईव भी उपलब्ध है।

Factmonster.com

इस वेबसाइट को ऑनलाइन अल्मनेक, डिक्शनरी, इनसाइक्लोपीडिया और होम वर्क में मदद करने वाले रिसोर्स के रूप में देख सकते हैं। होमपेज पर ही दुनिया की हलचल, लोग, खेल, विज्ञान, गणित जैसे लिंक्स दिए गए हैं, जिनके भीतर जाने पर तथ्यों और जानकारियों का खजाना खुल जाता है। टाइमलाइन सेक्शन यूजर को इतिहास की यात्रा करने का मौका देता है, तो वर्ड वाइस में शब्द-ज्ञान को आजमा सकते हैं। एटलस आपको दुनिया की सैर कराता है।

Wolframalpha.com

यह एक अनूठा सर्च इंजन है, जो विद्याथिर्यों और शोधकर्ताओं के लिए बेहद उपयोगी है। इसे कम्प्यूटेशनल नॉलेज इंजन कहा गया है, क्योंकि यह किसी भी विषय पर मांगी गई सामग्री को जरूरत के हिसाब से दिखाने में सक्षम है। यह सामान्य सर्च नहीं, बल्कि इंटेलीजेंट सर्च रिजल्ट है जो सिर्फ सूचनाएं नहीं खोजता बल्कि उनका विश्लेषण करके नतीजे दिखाने में सक्षम है। मिसाल के तौर पर गूगल hindi and mandarin लिखकर सर्च करने पर ऐसे पेजों को दिखाया जाता है, जिनमें हिंदी और मंदारिन दोनों का जिक्र हो।

लेकिन यही सर्च टर्म जब Wolframalpha में डाला जाता है, तो वह इन दोनों भाषाओं का तुलनात्मक विश्लेषण दिखाता है। यहां इतिहास से लेकर वर्तमान तक के बारे में जरूरी तथ्य मिलेंगे। विश्व एवं खबरें, इतिहास, खेल, जीवनियां, कलाएं, मनोरंजन, बिजनेस, हेल्थ एंड साइंसेज, कैलेंडर एंड हॉलीडेज जैसी कई श्रणियों में सूचनाओं का भंडार भरा पड़ा है। ज्ञानवर्धक पहेलियां, देशों के प्रोफाइल, कनवर्जन कैलकुलेटर आदि सुविधाएं आपको लुभाएंगी।

Wisegeek.com

इस वेबसाइट पर स्टूडेंट्स की जरूरत के विषयों पर स्तरीय लेखों का भंडार है। साइंस एंड इंजीनियरिंग से जुड़े विषयों पर कोई साढ़े चार हजार, एडल्ट एजुकेशन एंड ट्रेनिंग पर साढ़े पंद्रह हजार, महान हस्तियों पर तेरह सौ, बिजनेस एंड इकोनॉमी पर सात हजार से अधिक, जानवरों और पर्यावरण पर चार हजार, टेक्नोलॉजी और गैजेट्स पर करीब चार हजार लेख मौजूद हैं।

 

Thursday, May 17, 2012

क्या आप जानते हैं अपने लैपटॉप की बैटरी लाइफ कैसे बढ़ाई जाए?

लैपटॉप खरीदते समय उसके तमाम फीचर्स देखने के अलावा एक और चीज महत्वपूर्ण होती है और वह है उसका बैटरी बैकअप। अगर लैपटॉप का बैटरी बैकअप अच्छा नहीं है, तो इससे आपको काफी परेशानी उठानी पड़ सकती है। इससे अलावा आपका काम भी प्रभावित हो सकता है। ऐसे में जानते हैं कुछ ऐसी टिप्स के बारे में जिनकी मदद से लैपटॉप की लाइफ और बैटरी बैकअप बढ़ा सकते हैं।

ब्राइटनेस रखें कम

लैपटॉप का प्रयोग करते समय उसकी स्क्रीन सबसे ज्यादा बैटरी बैकअप कंज्यूम करती है। इसके लिए स्क्रीन की ब्राइटनेस कम रखें। जरूरत से अधिक ब्राइटनेस ज्यादा पावर तो कंज्यूम करती ही है, साथ ही यह आंखों के लिए भी घातक है। इसके अलावा लैपटॉप में दिए गए ब्लूटूथ, वाईफाई कनेक्शन की जरूरत न होने पर उन्हें बंद रखें। हो सके तो माउस की जगह लैपटॉप पैड का प्रयोग करें।

लगातार बैटरी चार्ज न करें

अगर आपका लैपटॉप पूरा चार्ज हो चुका है, तो उसे चाजिर्ंग पोर्ट से हटा दें या पॉवर ऑफ कर दें। कभी भी चाजिर्ंग के बीच में लैपटॉप से पावर डिसकनेक्ट न करें। इससे लैपटॉप की बैटरी लाइफ कम होती है। इसके अलावा जब लैपटॉप में पावर 15 प्रतिशत तक कम हो जाए तभी उसे चार्ज करें क्योंकि बीच में लैपटॉप चार्ज करने से डिवाइस की होल्डिंग पावर कम हो जाती है।

आसपास का माहौल रखें ठंडा

लैपटॉप का प्रयोग करते समय उसके आसपास का वातावरण ठंडा रहना चाहिए। साथ में लैपटॉप के किनारे दिए गए विंड पेनल खुले रहें। ऐसा न हो कि विंड पैनलों के सामने कोई अवरोध हो, इससे लैपटॉप और ज्यादा गर्म होगा। वैसे आजकल के लैपटॉप में एडवांस कूलिंग तकनीक दी जा रही है, जिसकी वजह से वे ज्यादा हीट नहीं करते। हो सके तो कार में ज्यादा देर तक नोटबुक को न रखें। जब आप कार में कहीं ट्रैवल कर रहें हो तभी लैपटॉप का प्रयोग करें, क्योंकि बंद कार में अंदर का तापमान काफी अधिक रहता है।

लैपटॉप बैटरी बदलें

नए डिवाइस में बैटरी बैकअप से जुड़ी कोई समस्या नहीं होती, मगर समय के साथ बैटरी की पावर क्षमता कम होने लगती है। एक निश्चित समय बाद पुरानी बैटरी को बदल दें। कमजोर बैटरी कभी भी पावर कट कर सकती है, जो लैपटॉप के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।

 

Saturday, May 12, 2012

सामने आया सबसे बड़ा सच, माया कैलेंडर में खुला असली राज !


ग्वाटेमाला सिटी। दुनिया के अंत की भविष्यवाणी कर रहे लोगों के लिए अच्छी खबर नहीं है। ऐसा लगता है कि 2012 दुनिया का आखिरी साल नहीं होगा। जिस माया सभ्यता के कैलेंडर की दुहाई देकर इस वर्ष दुनिया का अंत होने की भविष्यवाणियां की जा रही थीं, उसी के बनाए एक कैलेंडर ने इन आशंकाओं पर विराम लगा दिया है। ग्वाटेमाला के जंगलों में मिले माया कैलेंडर के अब तक के सबसे पुराने संस्करण से साफ है कि अगले कई अरब वर्षो तक पृथ्वी बनी रहेगी। कम से कम कुछ लाखों साल तक तो मानव सभ्यता के अंत का कारण बनने वाली कोई भी प्रलयंकारी आपदा नहीं आएगी।
अद्भुत खोज

पूवरेत्तर ग्वाटेमाला में माया सभ्यता के प्राचीन शहर शूलतुन में पुरातत्वविदों ने एक घर की दीवारों पर बनी पेंटिंग ढूंढ निकाली हैं। यह तस्वीरें न केवल गणितीय और ऐतिहासिक रूप से अहम है बल्कि इससे माया सभ्यता के जीवन की एक अनूठी झलक मिलती है। इस शोधकार्य को अंजाम देने वाले बोस्टन विश्वविद्यालय के पुरातत्वविद विलियम सैटनरे ने कहा कि माया सभ्यता के पुरोहित दरअसल ब्रrांडीय समय को समझने का प्रयास कर रहे थे और यही वह जगह है जहां वे इन गणनाओं को अंजाम दिया करते होंगे।

अंत का अंदेशा नहीं

दीवार पर बनी पेंटिंग्स में एक लगभग आधे वर्ग मीटर आकार का कैलेंडर है। वैज्ञानिक इसे अब तक मिला सबसे पुराना माया कैलेंडर करार दे रहे हैं। इस कैलेंडर में कई वर्षो के लिए समय की गणना की गई है और यह कम से कम 7000 साल आगे तक जाता है। जाहिर है 2012 का प्रलय इन मायावासियों के दिमाग में नहीं था। साथ ही इन गणनाओं के आधार पर लाखों-करोड़ों वर्ष आगे तक की भविष्यवाणियां की जा सकती हैं।यह नया कैलेंडर पत्थर की एक दीवार में तराशा हुआ है जबकि 2012 मे दुनिया के अंत की भविष्यवाणी करने वाले सभी माया कैलेंडर पुरानी पांडुलिपियों में मिलते हैं। दुनिया के अंत की घोषणा करने वाले सभी कैलेंडर इस पाषाण कैलेंडर से कई सौ वर्ष बाद तैयार किये गए थे।

2010 में मिला था शहर

शूलतुन के जंगलों में माया सभ्यता का एक महत्वपूर्ण शहर होने के बारे में पहली बार 1915 में पता चला था। इसके बाद यहां खजाना चोरों ने कई बार सेंध लगाने का प्रयास किया। प्रोफेसर सैटनरे के छात्र मैक्स चेम्बरलिन ने जब 2010 में एक सुरंग से जाकर यहां कुछ भित्तिचित्रों के होने का पता लगाया तो पूरी टीम खुदाई में जुट गई और उन्होंने सदियों से गुमनामी में खोए माया सभ्यता के इस प्राचीन शहर को ढूंढ निकाला। यह पूरा शहर 16 वर्गमील में फैला हुआ है और इसे पूरी तरह से खोदकर बाहर निकालने के लिए अगले दो दशकों का समय भी कम है।

Friday, May 11, 2012

घर पर रहेगा एटीएम कार्ड, निकल जाएगा आपके खाते से पैसा

अगर आप पैसा निकालने एटीएम पहुंचे और आपका डेबिट कार्ड घर पर ही छूट जाए, तो आपको बड़ी परेशानी होती होगी। इस परेशानी को अब आपको ज्यादा दिन तक सहने की जरूरत नहीं है। जी हां, अब इसका विकल्प खोज लिया गया है। इस नए विकल्प में आपके पास कार्ड नहीं भी होगा तो भी एटीएम से पैसे निकाल सकेंगे। एक बैंक ऐसे एटीएम मशीन को पर काम कर रहा है। इस नई तकनीक में हथेली की पहचान करके एटीएम मशीन आपको पैसा दे देगी। दिसम्बर में क्राफ्ट ने आईसैम्पल वेंडिंग मशीन का परीक्षण शुरू किया। मशीन बायोमेट्रिक स्कैनर के जरिए सामने खड़े व्यक्ति के उम्र और लिंग की पहचान करेगी। यह मशीन वयस्कों को तो पैसे देगी, लेकिन बच्चों को पैसे नहीं देगी। समाचार पत्र डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक दो मशीनों को परीक्षण के लिए शिकागो के शेड एक्वे रियम और न्यूयार्क के साउथ स्ट्रीट सीपोर्ट भेजा गया है। जिलेट जैसी कई कम्पनियां हैं जो पहले से बायोमेट्रिक प्रौद्योगिकी का परीक्षण कर रही है।

Thursday, April 19, 2012

जानिए कौन-कौन से काम करने से दूर होती हैं महालक्ष्मी...

पैसा, धन, रुपए आज सभी की सबसे पहली जरूरत बन गया है। इसके लिए कई प्रकार के जतन किए जाते हैं। फिर भी कई लोगों के साथ काफी ऐसा होता है कि अत्यधिक मेहनत के बाद भी पर्याप्त पैसा नहीं मिल पाता। कुछ लोगों की आय तो बहुत अच्छी होती है लेकिन बचत नहीं हो पाती। ज्योतिष के अनुसार ऐसा होने के पीछे कई कारण मौजूद हैं।

धन की प्राप्ति और बचत के लिए जरूरी है कि आप देवी महालक्ष्मी की कृपा रहे। महालक्ष्मी की कृपा के बिना कोई भी व्यक्ति धन के संबंध में संतुष्ट हो ही नहीं सकता। धर्म शास्त्रों के अनुसार महालक्ष्मी उन्हीं लोगों से प्रसन्न होती हैं जो निम्न कर्मों से दूर रहते हैं-

सूर्योदय के बाद सोना, सूर्यास्त के समय सोना, दिन में सोने वाले लोगों से मां लक्ष्मी अप्रसन्न रहती हैं।

रात में दही तथा दिन में दूध का सेवन करने से लक्ष्मी का नाश होता है।

जिस घर में या प्रतिष्ठान में गंदगी या बदबू रहती है वहां महालक्ष्मी का निवास नहीं होता है।

किसी भी दिन विशेषकर गुरुवार को ज्यादा ऊंची आवाज में बोलने या लडऩे से पैसा समाप्त होता है।

जिस घर में पति-पत्नी में झगड़ा होता हो वहां महालक्ष्मी कृपा नहीं करती हैं।

जिस घर में रात के समय झूठे बरतन रहते हो वहां देवी लक्ष्मी नहीं रहती हैं।

इन बातों का ध्यान रखने पर धन की देवी महालक्ष्मी सदैव आपके घर पर निवास करेंगी और पैसा से जुड़ी समस्याएं आपसे दूर ही रहेंगी।

Friday, April 13, 2012

ई-मेल के कुछ और बेहतरीन ठिकाने, क्या आप जानते हैं?

इंदौर। इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाला लगभग हर शख्स किसी न किसी ई-मेल सर्विस से जरूर जुड़ा होता है। सबसे लोकप्रिय ई-मेल सर्विसेज में जीमेल, याहू, एओएल और हॉटमेल शामिल हैं, लेकिन और भी कई सेवाएं यूजर्स को अच्छी और सुरक्षित ई-मेल सुविधा मुहैया करा रही हैं। जानते हैं इनके बारे में।



zoho.com/mail


भारत से संचालित होने वाली एक बेहतरीन अंतरराष्ट्रीय सेवा। जोहो मेल में बिजनेस यूजर्स और आम यूजर्स दोनों के लिए ई-मेल अकाउंट बनाने की सुविधा है। आम यूजर फ्री अकाउंट बना सकते हैं, जिसमें पांच जीबी तक का स्पेस दिया जाता है। इंस्टेंट मैसेंजर और कैलेंडर इसके खास फीचर्स हैं। महत्वपूर्ण संदेशों और संपर्को को बेहतर ढंग से व्यवस्थित करने में ई-मेल को फोल्डर्स और लेबल्स में वर्गीकृत करने जैसी सुविधाएं पसंद आएंगी। मेल बॉक्स विज्ञापनों से पूरी तरह फ्री है। यूजर्स चाहें तो मैसेज को थोड़ी देर से भेजने (डिलेड रिप्लाय) की सुविधा का भी फायदा उठा सकते हैं, जो असावधानीवश कुछ गलत लिख देने के मामलों में कारगर है।


mail.com


ई-मेल के लिए इससे बेहतर कोई और पता शायद दूसरा नहीं हो सकता। याद रखना बेहद आसान और नाम कितना सटीक। यह सबसे पुरानी और लोकप्रिय ई-मेल सेवाओं में से है। हालांकि भारत में इसे कम इस्तेमाल किया जाता है। अगर आप अपने व्यवसाय या इलाके के नाम के आधार पर अपना ई-मेल आईडी चाहते हैं, तो यहां मौजूद दो सौ विकल्पों में से किसी एक को चुन सकते हैं, जैसे इंजीनियर.कॉम, जर्नलिस्ट.कॉम, आर्किटेक्ट.कॉम या एशिया.कॉम। असीमित स्टोरेज, स्पैम फिल्टर और एंटीवायरस सुरक्षा, लेबल्स को ड्रैग एंड ड्रॉप करने की सुविधा ने इसे दुनिया भर में तीन करोड़ से ज्यादा यूजर्स की पसंदीदा बनाया है।


inbox.com


अपनी स्पीड के लिए मशहूर यह ई-मेल सेवा पांच गीगाबाइट की स्टोरेज स्पेस देती है। साफ-सुथरा इंटरफेस, तेज सर्च, माइक्रोसॉफ्ट वर्ड की तरह रिच टेक्स्ट एडिटिंग, एंटी स्पैम और एंटीवायरस स्कैनिंग वगैरह इसकी खासियत हैं। ई-मेल को व्यवस्थित रखने के लिए स्टार्स, फोल्डर्स, लेबल्स और फिल्टर्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। 30 एमबी तक के अटैचमेंट भेजने की सुविधा भी बड़े काम की है। कैलेंडर, नोट्स और इमेज गैलरी भी मौजूद हैं। यूजर्स अपने इनबॉक्स को मनपसंद रंग और डिजाइन से भी सजा सकते हैं।


myspace.com/my/mail


मशहूर सोशल नेटवर्किग वेबसाइट माइस्पेस की तरफ से पेश यह ई-मेल सेवा दूसरों से अलग अनुभव देती है। खास बात यह है कि असीमित स्टोरेज क्षमता होने के कारण यूजर्स को कभी अपने ईमेल मैसेज डिलीट करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके स्पैम और वायरस फिल्टर काफी अच्छे हैं इसलिए आप अपनी ई-मेल के सुरक्षित रहने के बारे में निश्चिंत हो सकते हैं। अलबत्ता यहां फोल्डर या लेबल्स जैसी चीज नहीं है, इसलिए संदेशों को व्यवस्थित करना थोड़ा मुश्किल लगता है।

Tuesday, January 10, 2012

आपके ही घर में छुपा है किस्मत और पैसा डबल करने का राज


जी हां आपको यकीन नहीं होगा कि इतना बड़ा राज आपके ही घर में छुुपा हो सकता है, लेकिन ये सच है। अगर आप गोर करें तो आपको पता चल जाएगा कि कैसे आसानी से पैसा और किस्मत डबल कर सकते हैं।

पैसा, धन, रुपए की जरूरत आज सभी को है, इसे हासिल करने के लिए कई प्रकार के जतन किए जाते हैं। कई लोगों की किस्मत में थोड़ी मेहनत के बाद ही काफी धन प्राप्त हो जाता है लेकिन कुछ लोग कड़ी मेहनत करते हैं फिर भी उन्हें पर्याप्त पैसा नहीं मिल पाता है। ऐसे में वास्तु के अनुसार कुछ ऐसी टिप्स बताई गई हैं जिससे आपके परिवार की ओर महालक्ष्मी की कृपा बढ़ेगी, फिर मिलेगा धन ही धन।

वास्तु के अनुसार सबसे अधिक जरूरी है कि घर सभी चीजे सही जगह पर रखी रहें अन्यथा गरीबी का निवास बहुत जल्दी हो जाता है। इसलिए इन बातों को अपनाएं...

कौन सी वस्तु कहां रखें



- सोते समय सिर दक्षिण में पैर उत्तर दिशा में रखें। या सिर पश्चिम में पैर पूर्व दिशा में रखना चाहिए।

- अलमारी या तिजोरी को कभी भी दक्षिणमुखी नहीं रखें।

- पूजा घर ईशान कोण में रखें।

- रसोई घर मेन स्वीच, इलेक्ट्रीक बोर्ड, टीवी इन सब को आग्नेय कोण में रखें।

- रसोई के स्टेंड का पत्थर काला नहीं रखें।

- दक्षिणमुखी होकर रसोई नहीं पकाए।

- शौचालय सदा नैर्ऋत्य कोण में रखने का प्रयास करें।

- फर्श या दिवारों का रंग पूर्ण सफेद नहीं रखें।

- फर्श काला नहीं रखें।

- मुख्य द्वार की दाएं ओर शाम को रोजाना एक दीपक लगाएं।

इन बातों को अपनाने निश्चित की धन संबंधी कई परेशानियां दूर होंगी।

Monday, January 2, 2012

सावधान! सिम खरीदने से पहले इस खबर को पढ़ लें, वरना फंस सकते हैं बुरा!


सावधान! हो सकता है, आपके द्वारा जमा की गई फार्मेलिटी पर डिस्ट्रीब्यूटर ने कुछ दूसरे लोगों को भी सिम जारी कर दिया हो। इनमें कोई अपराधी प्रवृत्ति का व्यक्ति भी हो सकता है। अगर ऐसा हुआ होगा तो तय है कि किसी न किसी दिन आपके सिर पर किसी और के द्वारा किए गए किसी अपराध का ठीकरा फूट सकता है। क्योंकि आपके द्वारा जमा की गई फार्मेलिटी पर डिस्ट्रीब्यूटर ने किसी और को भी सिम जारी कर दिया है इसलिए पुलिस सीधे आप तक ही पहुंचेगी।

सूत्रों के अनुसार डिस्ट्रीब्यूटर को सिम की बिक्री करने हर महीने टार्गेट दिया जाता है, जिसे पूरा करने उसके द्वारा उपभोक्ता के द्वारा जमा की गई फार्मेलिटी के साथ छेड़छाड़ की जाती है। सूत्रों का कहना है कि फार्मेलिटी का आदान-प्रदान एक शहर से दूसरे शहर भी किया जाता है। जगह-जगह स्टाल लगाकर मु त में सिम और साथ में 25 से लेकर 50 रुपए तक का टाक टाइम आफर देने वालों के पास सौ-दो सौ रुपए में बिना फार्मेलिटी के भी सिम हासिल किया जा सकता है। ऐसे ड्रिस्ट्रीब्यूटर किसी और की फार्मेलिटी के आधार पर सिम जारी करते हैं।

ग्राहकों से आईडेंटी प्रूफ के लिए डिस्ट्रीब्यूटर आवश्यक दस्तावेज लेता है। इन दस्तावेजों को फोटोकापी कराकर डिस्ट्रीब्यूटर अपने पास रख लेता है, जिसके आधार पर बाद में किसी अन्य का सिम को एक्टीवेट कर दिया जाता है। नियम के मुताबिक एक आईडेंटी प्रूफ को अधिकतम 7 बार उपयोग किया जा सकता है। वहीं एक उपभोक्ता एक ही कंपनी का अधिकतम 7 सिम रख सकता है। कंपनी भी संबंधित व्यक्ति की पोजीशन देखकर सात सिम उपलब्ध कराती है।

युवा वर्ग करते हैं अधिक उपयोग

आजकल के युवाओं में फर्जी नाम से हासिल सिम उपयोग करने की आदत सी बनते जा रही है। इस सिम के मार्फत युवा वर्ग अपनी गर्ल फ्रेंड्स और अन्य लोगों से बात करते हैं, जिससे उन्हें पकड़े जाने का डर नहीं रहता। सबसे अधिक फर्जीगिरी रिम और स्मार्ट में होती है, क्योंकि इनमें फ्री टाकटाइम वाली कई स्कीम होती है। डिस्ट्रीब्यूटर से सांठगांठ कर युवा वर्ग दूसरे की फार्मेलिटी के आधार पर सिम ले लेते हैं।

अपराध को बढ़ावा

फर्जी सिम के जरिए महिलाओं, युवतियों के साथ अश्लील संवाद करने से लेकर फिरौती अथवा जान से मारने आदि की धमकी बेखौफ दी जा सकती है। ऐसे मामलों में पुलिस चाहकर भी अपराधी तक नहीं पहुंच सकती। पिछले दिनों क्राइम ब्रांच की टीम के सामने हत्या, लूट जैसे कई मामलों की जांच के दौरान ऐसी बाते सामनें आई।