Saturday, July 21, 2012

99% इंटरनेट यूजर अनजान हैं इस खतरे से, यह जानलेवा भी हो सकता है!

सोशल नेटवर्क साइट पर साइबर क्राइम की संख्या नागपुर में अधिक पाई जाती है। सूचना, प्रौद्योगिकी के विस्तार के साथ ही देश में इंटरनेट यूजर की संख्या 12 करोड़ तक पहुंच गई है।

इनमें से 99 प्रतिशत यूजर साइबर क्राइम से आज भी अनजान हैं। इंटरनेट का प्रयोग जितना फायदेमंद है, उतना ही नुकसानदायक भी हो सकता है। उक्त जानकारी इंटेलिजेंट कोशिएंट सिक्यूरिटी सिस्टम के सीईओ डा. हेरॉल्ड डिकोस्टा ने धंतोली स्थित पत्रकार भवन में पत्रकार वार्ता के दौरान दी।

असली-नकली ई-मेल पहचानें डा. डिकोस्टा ने बताया कि इंटरनेट का इस्तेमाल करते समय सावधानी बरतने की आवश्यकता है। इसमें थोड़ी सी लापरवाही आपके जी का जंजाल बन सकती है।

इसके लिए इंटरनेट यूजर को असली और नकली ई-मेल तथा एसएमएस की पहचान होनी आवश्यक है। उन्होंने मिसाल के तौर पर बताया कि माइकल जैक्सन की मौत नकली ई-मेल के कारण हुई।

जैक्सन लंबे समय से एक डॉक्टर से अपनी बीमारी का इलाज करा रहे थे। इसके लिए वे डॉक्टर के साथ इंटरनेट के माध्यम से संपर्कमें थे। डॉक्टर बीमारी के लक्षण बताने पर उन्हें इंटरनेट से ही दवाइयां लेने की सलाह देता था।

जैक्सन की मौत दवाइयों से होने का पोस्टमार्ट में खुलासा हुआ। जांच में पता चला की जिन दवाइयों से जैक्सन की मौत हुई, वह दवाइयां उनके डॉक्टर की ई-मेल आईडी हैक कर किसी दूसरे व्यक्ति ने जैक्सन की आईडी पर मेल भेजा था।

डॉक्टर का मेल समझकर जैक्सन ने दवाइयां खाईं और उनकी मौत हो गई। जैक्सन यदि असली और नकली ई-मेल में अंतर समझते तो शायद उनकी मौत टल सकती थी। आईटी एक्ट में 80 प्रतिशत अपराध जमानती : डा. डिकोस्टा ने बताया कि भारत में 12 करोड़ लोगों द्वारा इंटरनेट का प्रयोग किया जाता है।

इसमें से 99 प्रतिशत लोगों को अभी तक पता नहीं है कि साइबर क्राइम कैसे होता है। नागपुर में सोशल नेटवर्क जैसे- फेसबुक, ऑर्कुट के माध्यम से होने वाले साइबर क्राइम की संख्या अधिक है। जिन लोगों के सोशल नेटवर्क साइट पर एकाउंट हैं, उनमें से 72 प्रतिशत लोगों द्वारा अपनी पूरी जानकारी नेटवर्क पर डाली जाती है, जो गंभीर बात है।

उन्होंने बताया कि आईटी एक्ट 80 प्रतिशत जमानती अपराध है। इस कानून को कठोर बनाने के लिए इसमें सुधार की आवश्यकता है। वार्ता के दौरान विधान शर्मा, राकेश शर्मा, डा. दत्ता, श्रमिक पत्रकार संघ के अध्यक्ष प्रदीप मैत्रेय उपस्थित थे।

पहले देखें एचटीटीपीएस संकेत

उन्होंने अपने ई-मेल आईडी का दुरुपयोग टालने के लिए साइट पर एचटीटीपीएस संकेत की पुष्टि करने के बाद ही ई-मेल करने का सुझाव दिया। उन्होंने बताया कि ई-मेल आईडी का इस्तेमाल किसी दूसरे व्यक्ति द्वारा किया जा सकता है। साइबर कैफे में भी दूसरों के ई-मेल आईडी का दुरुपयोग किया जा सकता है। इसके लिए विविध प्रकार के सॉफ्टवेयर का प्रयोग किया जा रहा है।

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