Friday, June 29, 2012

ऐसे सबसे पहले ऑनलाइन तत्काल टिकट बुक कर लेते हैं दलाल



आम आदमी रेलवे के तत्काल टिकट की लाइन में रात भर लगता है लेकिन फिर भी नंबर नहीं आता। सुबह जल्दी जागकर मिनट दर मिनट ऑनलाइन टिकट बुक करने के लिए आठ बजने का इंतेजार करते हैं और फिर भी आईआरसीटीसी की वेबसाइट नहीं खुलती। लेकिन दलाल मिनटों में टिकट बुक करा लेते हैं।


तत्काल टिकटों के दलाल रेलवे के सिस्टम को मात देने के लिए कुछ ऐसा दिमाग चलाते हैं कि आम लोग अपने बेव ब्राउजर को रिफ्रेश करते रहते हैं और टिकट दलालों के हो जाते हैं।


ऐसे तत्काल सिस्टम को मात दे देते हैं रेलवे टिकटों के दलाल....


1. दलाल आईआरसीटीसी की वेबसाइट खोलने के लिए फास्ट इंटरनेट कनेक्शन का इस्तेमाल करते हैं ताकि सर्वर से जल्दी जुड़ सकें। अक्सर दलाल एमटीएनएल या बीएसएनएल का कनेक्शन इस्तेमाल नहीं करते।


2. 8 बजे से 9 बजे के बीच एक आईपीए एड्रेस से दो ही तत्काल टिकट बुक किए जा सकते हैं लेकिन दलाल अपने सिस्टम का आईपी एड्रेस ही बदल देते हैं। ऐसा करने के लिए वो अपने इंटरनेट मोडम को बंद करके दोबारा चालू कर देते हैं। अक्सर मोडम बंद करके दोबारा चालू करने पर सिस्टम का आईपी एड्रेस बदल जाता है। पांच मिनट से ज्यादा देर तक मोडम को बंद करके या फिर इंटरनेट केबल को निकालकर दोबारा लगाने पर आईपी पता अक्सर बदल जाता है। ऐसा करके दलालों को नया आईपीए एड्रेस मिल जाता है और रेलवे का सिस्टम उन्हें ब्लॉक नहीं कर पाता।


3. दलाल अपने कंप्यूटर के टाइम को आईआरसीटीसी की वेबसाइट के टाइम से मिला लेते हैं। जैसे ही उनके सिस्टम में आठ बजते हैं वो टिकट बुक करने का प्रयास करते हैं। ऑनलाइन बुकिंग शुरु होने के कुछ सेकेंड्स बाद ही टिकट बुक करने पर टिकट मिलने का चांस सबसे ज्यादा होते हैं।


4. कई बार दलाल विदेश में बैठे अपने दोस्तों के जरिए टिकट बुक कराते हैं। विदेशी इंटरनेट सर्वरों पर लोड कम होता है और इंटरनेट स्पीड भी बेहद तेज मिलती है जिस कारण विदेश से टिकट बुक कराना बेहद आसान होता है।



5. दलाल ऑनलाइन बुकिंग फार्म को जल्दी भरने के लिए फायरफॉक्स ब्राउजर की आटो फिल एप्लीकेशन का इस्तेमाल करते हैं। जिन टिकटों को बुक किया जाना होता है उनकी जानकारी पहले से ही फार्म में भर दी जाती है और ऑनलाइन टिकट बुकिंग शुरु होते ही वो फार्म सबमिट कर देते हैं।

Tuesday, June 26, 2012

डाउनलोड करना चाहते हैं फ्री एंटीवायरस, तो ये हैं 'पांच' बेहतरीन वेबसाइट्स

इंटरनेट में एक तरफ जहां पूरी दुनिया की जानकारी रहती है, वहीं इसमें कई ऐसे घातक वायरस भी रहते हैं, जो आपके कंप्यूटर को नुकसान पहुंचा स‍कते हैं। हालांकि अगर आप इंटरनेट सर्फिग के दौरान सेफ साइट को ओपन करते हैं, तो पीसी में वायरस आने का खतरा नहीं रहता। फिर भी वायरस से बचने के लिए एंटीवायरस का होना बेहद जरूरी है।

इससे न केवल पीसी सुरक्षित रहता है, बल्कि डाटा भी कोई नहीं चुरा सकता। इंटरनेट में भी कई एंटीवायरस मौजूद हैं, जिन्‍हें फ्री में डाउनलोड कर सकते हैं। जानते हैं कुछ ऐसे ही फ्री एंटीवायरस के बारे में।

कोमोडो इंटरनेट सिक्योरिटी प्रीमियम एंटीवायरस : www.comodo.com/home/internet-security/free-internet-security.php 


पांडा क्लाउड एंटीवायरस : www.cloudantivirus.com/en/

माइक्रोसॉफ्ट सिक्योरिटी एसेंशियल्स एंटीवायरस : www.microsoft.com/en-in/security_essentials/default.aspx 

अवीरा एंटीविर पर्सनल फ्री एंटीवायरस : www.avira.com/en/avira-free-antivirus

अवास्त फ्री एंटीवायरस : www.avast.com/free-antivirus-download 

Sunday, June 24, 2012

फेसबुक पर न करें ये दस चीजें

फेसबुक के लाइफबुक बनने की वजह से लोग अक्सर भूल जाते हैं कि सोशल नेटवर्किंग जैसे मंच पर क्या दिया जाना चाहिए और क्या  नहीं। हमें यह बात ध्यान रखनी चाहिए कि जो चीजें निजी दायरे में अच्छी लगती हैं, उन्हें फेसबुक पर डालना आपको हंसी का पात्र बना सकता है। आपके लिए खतरनाक भी हो सकता है। कुछ  ऐसी चीजें हैं , जिन्हें फेसबुक पर करने से बचना चाहिए। जरा गौर कीजिएः

1.  खाना खाते वक्त की तस्वीरें- नाश्ता करते और खाना खाते वक्त की तस्वीरें फेसबुक के लिए नहीं हैं। अगर आपको खाना खाते वक्त की  तस्वीरें एफबी पर डालने की जरूरत महसूस हो तो ध्यान रखिए कि वे चुटीली, दिलचस्प और कुछ जानकारी देनी वाली होनी चाहिए।

2. मत बदलिए रिलेशनशिप स्टेटस बार-बार- अगर आप किसी को पसंद करते हैं और उसे इंप्रेस करने के लिए रिलेशनशिप स्टेटस बार-बार बदल रहे हैं, तो यह सही नहीं है। ऐसा करने से फेसबुक पर आपको जानने वाले सैकड़ों लोगों के मन में आपकी गलत छवि बनेगी।

3. जूते-चप्पलों की तस्वीरें-  दोस्तों के साथ जूते चप्पल या पैरों की तस्वीरें लेना भद्दा लगता है। कई बार हमारे  जूते चप्पलों की स्थिति हमें हास्यास्पद बना देती है।

4.हैरान करने वाले मैसेज- हर आम बात को लेकर दूसरों को हैरान परेशान करने वाले मैसेज भेजना सही नहीं है।  ऐसा बार बार करने से आपकी विश्वसनीयता को धक्का लगता है।

5.स्माइली से शोक न जताएं- गमी के मौके पर दुख जताने वाले स्माइली (इमोटीकॉन) का इस्तेमाल न करें। इसे संवेदनहीनता का सूचक माना जा सकता है।

6. इंटरनेट स्लैंग का ज्यादा इस्तेमाल नहीं- LOL और ASAP जैसे नेट स्लैंग का ज्यादा इस्तेमाल न करें। ऐसा करने पर आपके दोस्त आपके पोस्ट और कमेंट हटा सकते हैं।

7. ज्यादा तस्वीरें सही नहीं-  फेसबुक पर जरूरत से ज्यादा फोटो पोस्ट करने से लोग आपको आत्ममुग्धता का शिकार मान सकते हैं।

8. व्यक्तिगत डायरी न बनाएं-फेसबुक पर कोई  भी सीक्रेट और कन्फेशन पोस्ट करने से पहले सौ बार सोचें।  हालांकि आप इन्हें बाद में डिलीट कर सकते हैं, लेकिन याद रखिए, मुंह से निकले शब्द वापस नहीं आते।

9. खुद को बढ़ा-चढ़ा कर न पेश करें-कई बार बड़े बड़े दावे फेसबुक पर आपको अपमान  का सामना करने पर मजबूर कर सकते हैं। मुझे पता है कि आपमें में से ज्यादातर लोग इसे रीपोस्ट नहीं करेंगे लेकिन मेरे दोस्त मेरा साथ जरूर देंगे। इस तरह के कमेंट भारी पड़ सकते हैं।

10. शीशे के सामने खड़ी तस्वीरें पोस्ट करना-आप भले खुद को कितना भी पसंद करें, लेकिन शीशे के सामने खड़े होकर सेलफोन से खींची गई तस्वीरें फेसबुक पर डालना सही नहीं है।

स्रोत-ब्लॉग,  Huffington Post और रसरंग रिसर्च

Friday, June 15, 2012

ये करें तो आंखों पर कभी चश्मा नहीं चढ़ेगा

आंखों में कोई रोग या किसी तरह की समस्या होने पर पढ़ने-लिखने में अक्षर धुंधले, अस्पष्ट दिखाई देते है। ऐसे में कम उम्र में आंखों पर मोटा चश्मा चढ़ जाता है। आंखें अनमोल है इनसे जुड़ी कोई भी समस्या जड़ से केवल योग ही मिटा सकता है। हस्तमुद्रा में प्राण मुद्रा करने से भी आंखों से जुड़ी कई परेशानियां दूर होती हैं।

कैसे बनाएं हस्तमुद्रा - अंगूठे से तीसरी अनामिका तथा चौथी कनिष्ठिका अंगुलियों के पोरों को अंगूठे के पोर के साथ मिलाकर शेष दोनों अंगुलियों को अपने सीध में खड़ा रखने से जो मुद्रा बनती है उसे प्राण मुद्रा कहते है।

लाभ - दिल के रोग में रामबाण तथा आंखो की ज्योति बढाने में यह मुद्रा बहुत सहायक है। इससे आंखों से जुड़ी कई परेशानियां दूर होती है। साथ ही यह प्राण शक्ति बढ़ाने वाला भी होता है।प्राण शक्ति प्रबल होने पर मनुष्य के लिए किसी भी प्रतिकूल परिस्थितियों में धैर्यवान रहना अत्यंत सहज हो जाता है। वस्तुत: दृढ़ प्राण शक्ति ही जीवन को सुखद बनाती है।इस मुद्रा की विशेषता यह है कि इसके लिए अवधि की कोई बाध्यता नहीं। इसे कुछ मिनट भी किया जा सकता है।

ये हैं वे बेहतरीन वेबसाइट्स जो बनाते हैं आकर्षक बायोडाटा

एक अच्छा बायोडाटा नियोक्ता पर आपकी छाप सबसे पहले छोड़ता है। कभी अपनी डिजाइन के कारण, तो कभी अच्छी प्रेजेंटेशन के कारण। आप भी एक प्रभावशाली बायोडाटा बनाना चाहते हैं, तो इन वेबसाइट्स की मदद ले सकते हैं।

ceevee.com

सीवी डॉट कॉम का इस्तेमाल करने के लिए आप चाहें तो नया अकाउंट बना सकते हैं या फिर अपने फेसबुक अकाउंट से लॉग-इन कर सकते हैं। इसमें दिए गए my ceevee सेक्शन में जाकर रेज्युमे बनाना आसान है। बस ऑनलाइन फॉर्म में शिक्षा, रोजगार, अनुभव, हॉबी वगैरह के बारे में जरूरी सूचनाएं डालते जाइए और अपना ताजातरीन फोटो अपलोड कर दीजिए। देखते ही देखते एक आकर्षक बायोडाटा तैयार हो जाएगा। आप इसे पीडीएफ फॉर्मेट में भी डाउनलोड कर सकते हैं।

visualcv.com

बहुत सी कंपनियां विजुअल सीवी डॉट कॉम पर अच्छे संभावित कर्मचारियों की तलाश करती हैं। अगर आप लिंक्ड-इन सोशल नेटवर्किग साइट के सदस्य हैं, तो उसकी सारी जानकारी को यहां अपने बायोडाटा में इंपोर्ट कर सकते हैं। तैयार सीवी को पीडीएफ के रूप में डाउनलोड कर सकते हैं। हालांकि रेज्युमे पर विजुअल सीवी का बैज लगा दिखाई देगा।

leadyou.com

कई आकर्षक कलर टेंप्लेट्स में से अपने पसंदीदा टेंप्लेट का चुनाव कर आप यहां अपना बायोडाटा बनाने की प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं, जिसमें ज्यादा से ज्यादा 15-20 मिनट लगेंगे। लेकिन यहां सेक्शंस को मैनुअली जोड़ना पड़ता है। तैयार रेज्युमे को डाउनलोड करने की सुविधा भी नहीं है। हां, आप उसका प्रिंटआउट ले सकते हैं या फिर ऑनलाइन ही किसी को भेज सकते हैं।

jobspice.com

जॉब स्पाइस डॉट कॉम पर बिना रजिस्ट्रेशन बायोडाटा तैयार किया जा सकता है। दस अलग-अलग स्टाइल और डिजाइन के बायोडाटा टेंप्लेट में से अपनी पसंद का चुनने के बाद आसान चरणों में आप अपना रेज्युमे तैयार कर सकेंगे।

हर रेज्युमे में कुछ सेक्शन होते हैं, जैसे शिक्षा, अनुभव वगैरह। बायोडाटा तैयार होने के बाद चाहें तो इसे कॉपी करके किसी वर्ड प्रोसेसर में पेस्ट कर फाइल बना लें, या फिर पीडीएफ की शक्ल में डाउनलोड कर लें। इसे कस्टमाइज्ड यूआरएल के जरिए इंटरनेट पर भी दूसरों के साथ शेयर किया जा सकता है।

Thursday, June 14, 2012

जानिए क्या होता है टेबलेट कंप्यूटर


टेबलेट कंप्यूटर इन दिनों चर्चा का विषय हैं। भारत द्वारा दुनिया का सबसे सस्ता टेबलेट कंप्यूटर पेश कर दिए जाने के बाद से तो इसकी चर्चा कुछ ज्यादा ही होने लगी है। आइए हम बाताते हैं कि टेबलेट कंप्यूटर क्या होता है। टेबलेट शब्द दरअसल इसके आकार के कारण ही इस्तेमाल हुआ है। टेबलेट कंप्यूटर एक वायरलेस उपकरण है जिसमें कनेक्टिविटी की व्यवस्था है।

यह पूरी तरह से एक कंप्यूटर ही है और इसमें टचस्क्रीन का इस्तेमाल होता है और यह पीसी ऑपरेटिंग सिस्टम मसलन विंडोज या लिनक्स पर चलता है। यह लैपटॉप से छोटा और हल्का होता है। लेकिन मोबाइल फोन से बड़ा और भारी। इसके स्क्रीन पर इलेक्ट्रॉनिक पेंसिल से भी लिखा जा सकता है। इसमें अलग से कीबोर्ड लगाने की भी व्यवस्था होती है। यह अब कई तरह का होने लगा है। ऐप्पल का आईपैड इस समय सबसे सफल टेबलेट है।

अमेरिकी टेक्नोलॉजी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने इस शब्द को पॉपुलर बनाने में बड़ी भूमिका निभाई थी। 1971 में जेरॉक्स कंपनी के एलन के ने पहली बार इसका स्केच बनाया था।