Friday, May 18, 2012

बड़े ही काम की हैं ये वेबसाइट्स, आपको हो सकता है फायदा


स्टूडेंट्स को गर्मी की छुट्टियों में कई असाइनमेंट्स मिले होंगे। इसके अलावा होम वर्क अलग से होगा। ऐसे में कुछ ऐसी वेबसाइट्स के बारे में जानते हैं, जो इन्हें पूरा करने में मदद करेंगी। स्टूडेंट्स कई बार घर पर पढ़ते हुए ऐसी डिटेल्स पाने की जरूरत महसूस करते हैं, जिनका जिक्र किताबों में तो होता है, लेकिन उस पर गहराई से जानकारी नहीं होती। ऐसे मुद्दों और विषयों पर गहराई से जानकारी हासिल करने के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल किया जा सकता है। जानते हैं कौन सी साइट्स बनेंगी मददगार।

Refdesk.com

यह तथ्यों की जांच करने में मददगार वेबसाइट है। यहां पर इतने विविध तथ्य और जानकारियां मौजूद हैं कि छात्रों के लिए इससे बेहतर होमपेज कोई और नहीं हो सकता। गूगल, बिंग और याहू सर्च रेफडेस्क के होमपेज से ही की जा सकती है। इसके साथ-साथ विकीपीडिया, यू-ट्यूब तथा कई डिक्शनरियों तथा इनसाइक्लोपीडिया में भी सर्च की सुविधा मौजूद है। दिन के खास समाचारों, खास तथ्यों, खास लोगों, खास शब्दों, खास घटनाओं आदि की आकाईव भी उपलब्ध है।

Factmonster.com

इस वेबसाइट को ऑनलाइन अल्मनेक, डिक्शनरी, इनसाइक्लोपीडिया और होम वर्क में मदद करने वाले रिसोर्स के रूप में देख सकते हैं। होमपेज पर ही दुनिया की हलचल, लोग, खेल, विज्ञान, गणित जैसे लिंक्स दिए गए हैं, जिनके भीतर जाने पर तथ्यों और जानकारियों का खजाना खुल जाता है। टाइमलाइन सेक्शन यूजर को इतिहास की यात्रा करने का मौका देता है, तो वर्ड वाइस में शब्द-ज्ञान को आजमा सकते हैं। एटलस आपको दुनिया की सैर कराता है।

Wolframalpha.com

यह एक अनूठा सर्च इंजन है, जो विद्याथिर्यों और शोधकर्ताओं के लिए बेहद उपयोगी है। इसे कम्प्यूटेशनल नॉलेज इंजन कहा गया है, क्योंकि यह किसी भी विषय पर मांगी गई सामग्री को जरूरत के हिसाब से दिखाने में सक्षम है। यह सामान्य सर्च नहीं, बल्कि इंटेलीजेंट सर्च रिजल्ट है जो सिर्फ सूचनाएं नहीं खोजता बल्कि उनका विश्लेषण करके नतीजे दिखाने में सक्षम है। मिसाल के तौर पर गूगल hindi and mandarin लिखकर सर्च करने पर ऐसे पेजों को दिखाया जाता है, जिनमें हिंदी और मंदारिन दोनों का जिक्र हो।

लेकिन यही सर्च टर्म जब Wolframalpha में डाला जाता है, तो वह इन दोनों भाषाओं का तुलनात्मक विश्लेषण दिखाता है। यहां इतिहास से लेकर वर्तमान तक के बारे में जरूरी तथ्य मिलेंगे। विश्व एवं खबरें, इतिहास, खेल, जीवनियां, कलाएं, मनोरंजन, बिजनेस, हेल्थ एंड साइंसेज, कैलेंडर एंड हॉलीडेज जैसी कई श्रणियों में सूचनाओं का भंडार भरा पड़ा है। ज्ञानवर्धक पहेलियां, देशों के प्रोफाइल, कनवर्जन कैलकुलेटर आदि सुविधाएं आपको लुभाएंगी।

Wisegeek.com

इस वेबसाइट पर स्टूडेंट्स की जरूरत के विषयों पर स्तरीय लेखों का भंडार है। साइंस एंड इंजीनियरिंग से जुड़े विषयों पर कोई साढ़े चार हजार, एडल्ट एजुकेशन एंड ट्रेनिंग पर साढ़े पंद्रह हजार, महान हस्तियों पर तेरह सौ, बिजनेस एंड इकोनॉमी पर सात हजार से अधिक, जानवरों और पर्यावरण पर चार हजार, टेक्नोलॉजी और गैजेट्स पर करीब चार हजार लेख मौजूद हैं।

 

Thursday, May 17, 2012

क्या आप जानते हैं अपने लैपटॉप की बैटरी लाइफ कैसे बढ़ाई जाए?

लैपटॉप खरीदते समय उसके तमाम फीचर्स देखने के अलावा एक और चीज महत्वपूर्ण होती है और वह है उसका बैटरी बैकअप। अगर लैपटॉप का बैटरी बैकअप अच्छा नहीं है, तो इससे आपको काफी परेशानी उठानी पड़ सकती है। इससे अलावा आपका काम भी प्रभावित हो सकता है। ऐसे में जानते हैं कुछ ऐसी टिप्स के बारे में जिनकी मदद से लैपटॉप की लाइफ और बैटरी बैकअप बढ़ा सकते हैं।

ब्राइटनेस रखें कम

लैपटॉप का प्रयोग करते समय उसकी स्क्रीन सबसे ज्यादा बैटरी बैकअप कंज्यूम करती है। इसके लिए स्क्रीन की ब्राइटनेस कम रखें। जरूरत से अधिक ब्राइटनेस ज्यादा पावर तो कंज्यूम करती ही है, साथ ही यह आंखों के लिए भी घातक है। इसके अलावा लैपटॉप में दिए गए ब्लूटूथ, वाईफाई कनेक्शन की जरूरत न होने पर उन्हें बंद रखें। हो सके तो माउस की जगह लैपटॉप पैड का प्रयोग करें।

लगातार बैटरी चार्ज न करें

अगर आपका लैपटॉप पूरा चार्ज हो चुका है, तो उसे चाजिर्ंग पोर्ट से हटा दें या पॉवर ऑफ कर दें। कभी भी चाजिर्ंग के बीच में लैपटॉप से पावर डिसकनेक्ट न करें। इससे लैपटॉप की बैटरी लाइफ कम होती है। इसके अलावा जब लैपटॉप में पावर 15 प्रतिशत तक कम हो जाए तभी उसे चार्ज करें क्योंकि बीच में लैपटॉप चार्ज करने से डिवाइस की होल्डिंग पावर कम हो जाती है।

आसपास का माहौल रखें ठंडा

लैपटॉप का प्रयोग करते समय उसके आसपास का वातावरण ठंडा रहना चाहिए। साथ में लैपटॉप के किनारे दिए गए विंड पेनल खुले रहें। ऐसा न हो कि विंड पैनलों के सामने कोई अवरोध हो, इससे लैपटॉप और ज्यादा गर्म होगा। वैसे आजकल के लैपटॉप में एडवांस कूलिंग तकनीक दी जा रही है, जिसकी वजह से वे ज्यादा हीट नहीं करते। हो सके तो कार में ज्यादा देर तक नोटबुक को न रखें। जब आप कार में कहीं ट्रैवल कर रहें हो तभी लैपटॉप का प्रयोग करें, क्योंकि बंद कार में अंदर का तापमान काफी अधिक रहता है।

लैपटॉप बैटरी बदलें

नए डिवाइस में बैटरी बैकअप से जुड़ी कोई समस्या नहीं होती, मगर समय के साथ बैटरी की पावर क्षमता कम होने लगती है। एक निश्चित समय बाद पुरानी बैटरी को बदल दें। कमजोर बैटरी कभी भी पावर कट कर सकती है, जो लैपटॉप के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।

 

Saturday, May 12, 2012

सामने आया सबसे बड़ा सच, माया कैलेंडर में खुला असली राज !


ग्वाटेमाला सिटी। दुनिया के अंत की भविष्यवाणी कर रहे लोगों के लिए अच्छी खबर नहीं है। ऐसा लगता है कि 2012 दुनिया का आखिरी साल नहीं होगा। जिस माया सभ्यता के कैलेंडर की दुहाई देकर इस वर्ष दुनिया का अंत होने की भविष्यवाणियां की जा रही थीं, उसी के बनाए एक कैलेंडर ने इन आशंकाओं पर विराम लगा दिया है। ग्वाटेमाला के जंगलों में मिले माया कैलेंडर के अब तक के सबसे पुराने संस्करण से साफ है कि अगले कई अरब वर्षो तक पृथ्वी बनी रहेगी। कम से कम कुछ लाखों साल तक तो मानव सभ्यता के अंत का कारण बनने वाली कोई भी प्रलयंकारी आपदा नहीं आएगी।
अद्भुत खोज

पूवरेत्तर ग्वाटेमाला में माया सभ्यता के प्राचीन शहर शूलतुन में पुरातत्वविदों ने एक घर की दीवारों पर बनी पेंटिंग ढूंढ निकाली हैं। यह तस्वीरें न केवल गणितीय और ऐतिहासिक रूप से अहम है बल्कि इससे माया सभ्यता के जीवन की एक अनूठी झलक मिलती है। इस शोधकार्य को अंजाम देने वाले बोस्टन विश्वविद्यालय के पुरातत्वविद विलियम सैटनरे ने कहा कि माया सभ्यता के पुरोहित दरअसल ब्रrांडीय समय को समझने का प्रयास कर रहे थे और यही वह जगह है जहां वे इन गणनाओं को अंजाम दिया करते होंगे।

अंत का अंदेशा नहीं

दीवार पर बनी पेंटिंग्स में एक लगभग आधे वर्ग मीटर आकार का कैलेंडर है। वैज्ञानिक इसे अब तक मिला सबसे पुराना माया कैलेंडर करार दे रहे हैं। इस कैलेंडर में कई वर्षो के लिए समय की गणना की गई है और यह कम से कम 7000 साल आगे तक जाता है। जाहिर है 2012 का प्रलय इन मायावासियों के दिमाग में नहीं था। साथ ही इन गणनाओं के आधार पर लाखों-करोड़ों वर्ष आगे तक की भविष्यवाणियां की जा सकती हैं।यह नया कैलेंडर पत्थर की एक दीवार में तराशा हुआ है जबकि 2012 मे दुनिया के अंत की भविष्यवाणी करने वाले सभी माया कैलेंडर पुरानी पांडुलिपियों में मिलते हैं। दुनिया के अंत की घोषणा करने वाले सभी कैलेंडर इस पाषाण कैलेंडर से कई सौ वर्ष बाद तैयार किये गए थे।

2010 में मिला था शहर

शूलतुन के जंगलों में माया सभ्यता का एक महत्वपूर्ण शहर होने के बारे में पहली बार 1915 में पता चला था। इसके बाद यहां खजाना चोरों ने कई बार सेंध लगाने का प्रयास किया। प्रोफेसर सैटनरे के छात्र मैक्स चेम्बरलिन ने जब 2010 में एक सुरंग से जाकर यहां कुछ भित्तिचित्रों के होने का पता लगाया तो पूरी टीम खुदाई में जुट गई और उन्होंने सदियों से गुमनामी में खोए माया सभ्यता के इस प्राचीन शहर को ढूंढ निकाला। यह पूरा शहर 16 वर्गमील में फैला हुआ है और इसे पूरी तरह से खोदकर बाहर निकालने के लिए अगले दो दशकों का समय भी कम है।

Friday, May 11, 2012

घर पर रहेगा एटीएम कार्ड, निकल जाएगा आपके खाते से पैसा

अगर आप पैसा निकालने एटीएम पहुंचे और आपका डेबिट कार्ड घर पर ही छूट जाए, तो आपको बड़ी परेशानी होती होगी। इस परेशानी को अब आपको ज्यादा दिन तक सहने की जरूरत नहीं है। जी हां, अब इसका विकल्प खोज लिया गया है। इस नए विकल्प में आपके पास कार्ड नहीं भी होगा तो भी एटीएम से पैसे निकाल सकेंगे। एक बैंक ऐसे एटीएम मशीन को पर काम कर रहा है। इस नई तकनीक में हथेली की पहचान करके एटीएम मशीन आपको पैसा दे देगी। दिसम्बर में क्राफ्ट ने आईसैम्पल वेंडिंग मशीन का परीक्षण शुरू किया। मशीन बायोमेट्रिक स्कैनर के जरिए सामने खड़े व्यक्ति के उम्र और लिंग की पहचान करेगी। यह मशीन वयस्कों को तो पैसे देगी, लेकिन बच्चों को पैसे नहीं देगी। समाचार पत्र डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक दो मशीनों को परीक्षण के लिए शिकागो के शेड एक्वे रियम और न्यूयार्क के साउथ स्ट्रीट सीपोर्ट भेजा गया है। जिलेट जैसी कई कम्पनियां हैं जो पहले से बायोमेट्रिक प्रौद्योगिकी का परीक्षण कर रही है।