Friday, July 27, 2012

अगर आप ले रहे हैं 'विटामिन' तो यह खबर खोल सकती है आपकी आंखें

एक नई स्टडी ने मेडिकल जगत समेत आम लोगों में हलचल मचा दी है। इसके मुताबिक अधिक मात्रा में विटामिन सप्लीमेंट्स सेहत के लिए अच्छे नहीं हैं। इन्हें खाने से पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर तो महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर की आशंका बढ़ जाती है।

 स्टडी में शामिल विशेषज्ञों के मुताबिक विटामिन सप्लीमेंट्स लेने के बजाय उनके प्राकृतिक स्रोत यानी फल-सब्जियों का सेवन करना ज्यादा सही है। अगर सप्लीमेंट्स लेने की जरूरत पड़े भी, तो विशेषज्ञ से सलाह-मशविरा के बाद बताई गई मात्रा में ही उनका सेवन करें।

विटामिन ए से फ्रैक्चर

दावा:विटामिन ए से दिल की बीमारियों की आशंका बढ़ जाती है। इसकी ज्यादा मात्रा से हिप फ्रैक्चर का खतरा भी बढ़ता है, खासकर महिलाओं में।
आधार: विटामिन ए के ज्यादा सेवन से शरीर द्वारा कैल्शियम को जज्ब करने की क्षमता प्रभावित होती है। इसका असर हड्डियों की सेहत पर पड़ता है।
जरूरी क्यों:विटामिन ए दृष्टि समेत शरीर के प्रतिरोधी तंत्र के लिए बहुत जरूरी है। ये ऊतकों को स्वस्थ रखता है। इसकी कमी से दृष्टिदोष बढ़ता है। बेहतर होगा बीटा केरोटिन युक्त मल्टीविटामिन खरीदें, जो एक ऑर्गेनिक कंपाउंड होता है।
प्राकृतिक स्रोत:गाजर, पालक, लाल मिर्च, टमाटर, नारंगी, आड़ू, अंडे और दुग्ध उत्पाद।
विटामिन बी 6 से अनिद्रा
दावा:विटामिन बी 6 का सेवन करने से न सिर्फ आधी रात को नींद खुल जाती है, बल्कि यह बेतरतीब सपनों का भी कारण है।
आधार: विटामिन बी 6 ट्रिप्टोफैन को सेरोटोनिन हार्मोन में बदलने में मदद करता है। यह हार्मोन नींद के चक्र को व्यवस्थित रखता है। इसके स्राव में गड़बड़ी से नींद की मात्रा में कमी आती है।
जरूरी क्यों: इसकी कमी से त्वचा, नाड़ी, म्यूकस मैंब्रेन और सकरुलेटरी सिस्टम प्रभावित होते हैं। ये ऊतकों के निर्माण के लिए भी जरूरी है।
प्राकृतिक स्रोत:पनीर, अंडे, मेवे, साबुत अनाज, बींस और फलीदार सब्जियां।
विटामिन सी से कैंसर
दावा:विटामिन सी के ज्यादा सेवन से डीएनए क्षतिग्रस्त होते हैं। इससे कैंसर और आर्थराइटिस की आशंका बढ़ती है।
आधार: 500 मिलीग्राम या इससे ज्यादा होने पर विटामिन सी प्रो-ऑक्सीडेंट बन जाता है। इससे कोशिकाएं क्षतिग्रस्त होती हैं।
जरूरी क्यों: शरीर में इसकी कमी से त्वचा से जुड़ी समस्याएं सामने आती हैं। यही नहीं, हार्ट अटैक समेत रक्त वाहिनियों से जुड़ी अन्य परेशानियां भी सामने आती हैं। थकान ज्यादा महसूस होती है और बीमारी जल्दी-जल्दी घेरती है।
प्राकृतिक स्रोत:अमरूद, किवी, पपीता, नींबू, नारंगी और स्ट्रॉबेरी।
विटामिन डी से किडनी पर असर
दावा: विटामिन डी की अधिक मात्रा से किडनी और उसके ऊतक क्षतिग्रस्त होते हैं। इससे फ्रैक्चर होने की आशंका बढ़ती है।
आधार: विटामिन डी की अधिकता से खून और पेशाब में कैल्शियम का स्तर बढ़ता है। इससे किडनी में स्टोन बनते हैं।
जरूरी क्यों: इसकी कमी स्ट्रोक की आशंका बढ़ाती है। शरीर सही तरीके से काम नहीं करता, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और मोटापे की समस्या आ घेरती है। यही नहीं, इसकी कमी जोड़ों में दर्द देने समेत हड्डियों को कमजोर (ऑस्टियोपोरोसिस रोग) बनाती है।
विटामिन के से लिवर पर असर
दावा:विटामिन के कुछ एंटीऑक्सीडेंट्स के काम में रुकावट डालता है। इसके सेवन से कोशिकाएं क्षतिग्रस्त होने लगती हैं। ज्यादा मात्रा एनीमिया, पीलिया और खून पतला होने की आशंका बढ़ाती है।
आधार:खून में इसकी ज्यादा मात्रा से लाल रक्त कोशिकाएं टूटने लगती हैं। इसकी परिणति लिवर की समस्या के रूप में सामने आती है।
जरूरी क्यों:यह हड्डियों को मजबूती देने समेत खून को गाढ़ा बनाए रखता है। इसकी कमी से ऑस्टियोपोरोसिस और ब्लीडिंग होने लगती है।

Thursday, July 26, 2012

खून की कमी दूर हो जाएगी... सिर्फ पंद्रह मिनट में

शरीर में खून की कमी हो जाने पर रोगी कमजोरी, थकावट, शक्तिहीनता और चक्कर जैसी कई समस्याएं हो सकती है। अगर आपको भी ऐसी कोई समस्या है तो लोहतत्वों की कमी को पूरा करने के लिए सेब, अंजीर, मुनक्का, अनार, पपीता व सब्जी में पालक, मेथी, गाजर, बथुआ, चुकंदर, खूबानी आदि को रात्रि में लोहे की कड़ाही में पानी के साथ 6 घंटे भिगोने के बाद प्रयोग करें, ऎसा करने से तेजी से खून में आयरन की मात्रा बढ़ेगी। साथ ही रोजाना 15 मिनट वरूण मुद्रा करें तो जल्द ही खून की कमी पूरी हो जाएगी।
कैसे बनाएं वरूण मुद्रा- किसी समतल स्थान पर आसन बिछाकर सुखासन में बैठ जाएं। गहरी सांस लें और छोड़ें। सबसे छोटी अंगुली तथा अंगूठे के पोर को मिलाकर शेष अंगुलियों को सीधा रखा जाए तो वरूण मुद्रा बनती है। इस मुद्रा  का अभ्यास रोजाना पंद्रह मिनट करें।

लाभ - यह मुद्रा रक्त संचार संतुलित करने,चर्मरोग से मुक्ति दिलाने, रक्त की न्यूनता (एनीमिया) दूर करने में सहायक है। वरुण मुद्रा के नियमित अभ्यास से शरीर में जल तत्व की कमी से होने वाले अनेक विकार समाप्त हो जाते हैं। जल की कमी से ही शरीर में रक्त विकार होते हैं।यह मुद्रा त्वचा को सुन्दर बनाती है।

Wednesday, July 25, 2012

रखिए ये शॉर्टकट्स याद और बिना माउस कीजिये कंप्यूटर पर काम!


अगर आपसे कंप्यूटर पर माउस के बगैर काम करने को कहा जाए, तो आपकी क्या प्रतिक्रिया होगी? आपको न सिर्फ अजीब लगेगा, बल्कि ऐसा कहने वाले की समझ पर भी आप सवालिया निशान लगा सकते हैं, लेकिन विंडोज और दूसरे ऑपरेटिंग सिस्टम्स पर अधिकांश काम माउस के बिना भी किए जा सकते हैं। हालांकि कुछ कामों में माउस की जरूरत पड़ती है।

माय कंप्यूटर: WINDOWS KEY + E के से आप My Computer खोल सकते हैं।

फाइल कॉपी: कंट्रोल बटन दबाए रखते हुए किसी भी फाइल को माउस से ड्रैग करें। उसकी एक और कॉपी बन जाएगी।

शॉर्टकट बनाएं: Control+Shift को दबाते हुए माउस से किसी भी प्रोग्राम, फाइल, फोल्डर, ड्राइव को ड्रैग करें। इसका शॉर्टकट हाजिर हो जाएगा।

सिस्टम लॉक: काम करते-करते कहीं जाना पड़े तो Windows+L बटन दबाकर सिस्टम को लॉक करके जाएं। यह तभी काम करेगा जब कोई विंडो खुली हो और कंप्यूटर किसी पासवर्ड से खुलता हो।

परमानेंट डिलीट: डिलीट की हुई फाइलें सिस्टम से पूरी तरह डिलीट नहीं होतीं, बल्कि रिसाइकिल बिन में चली जाती हैं, जहां से उन्हें दोबारा लाया जा सकता है। अगर किसी फाइल को हमेशा के लिए डिलीट करना है तो Shift+Delete कॉम्बिनेशन आजमाएं।

राइट माउस क्लिक: अगर माउस को राइट क्लिक किए बिना उसका काम करना चाहते हैं तो Shift+F10 को आजमाएं।

स्टार्ट मेन्यू: माउस को हाथ लगाए बिना स्टार्ट मेन्यू खोलने के लिए Control+Esc का इस्तेमाल करें।

फाइल री-नेम: किसी फाइल या फोल्डर को री-नेम करने के लिए माउस को राइट क्लिक कर सिर्फ F2 दबाकर देखें।

फाइल सर्च: किसी फाइल को खोजना चाहते हैं, तो F3 को दबाकर सर्च विंडो खोलें।

प्रॉपर्टीज: किसी फाइल, फोल्डर या ड्राइव आदि की प्रॉपर्टीज देखने के लिए Alt+Enter दबाएं।

विंडोज करें मिनिमाइज: डेस्कटॉप पर बहुत सारे प्रोग्राम खुले हों, तो सबको एक साथ मिनिमाइज करने के लिए Windows Key+M यूज करें।

विंडोज करें मैक्सिमाइज: मिनिमाइज किए हुए सभी प्रोग्राम्स और फाइलों को मैक्सिमाइज करने के लिए Windows Key +shift+M को आजमाएं।

विंडोज नेविगेशन: डेस्कटॉप पर खुले कई सारे डॉक्युमेंट्स या प्रोग्राम्स में से किसी एक को सिलेक्ट करने के लिए Alt+Tab को बार-बार दबाकर देखें।

प्रोग्राम बंद करें: किसी भी चल रहे प्रोग्राम को बंद करने के लिए Alt+F4 दबाएं।

मल्टिपल सिलेक्ट: एक से ज्यादा फाइलों को Copy Move करना हो, तो उनकी सूची में पहली फाइल पर जाने के बाद Shift दबाएं और अब Arrow बटन दबाकर ऊपर-नीचे बढ़ते जाएं। किसी डॉक्युमेंट में एक से ज्यादा लाइनों को सिलेक्ट करने के लिए भी Shift+Arrow की मदद लें।

एड्रेस बार की सूची: माय कंप्यूटर या इंटरनेट एक्सप्लोरर में एड्रेस बार में मौजूद दस्तावेजों या वेब यूआरएल की सूची को खोलने के लिए F4 दबाएं।

पेज रिफ्रेश: अगर My Computer या Desktop या Internet Explorer को Refresh करना चाहते हैं तो F5 दबाएं।

टास्क बंद करें: किसी भी सॉफ्टवेयर में काम करते समय खुलने वाले डायलॉग बॉक्स (जैसे क्या आप वाकई यह फाइल डिलीट करना चाहते हैं?) को बंद करने और उसे कैंसल करने के लिए Escape बटन दबाने से भी काम चल जाता है। इसी तरह, ‘हां’ के लिए Enter दबाना काफी है।

मेन्यू खोलें: किसी भी सॉफ्टवेयर के मेन्यू में Alt दबाने के बाद अंडरलाइन किए हुए अक्षरों (जैसे फाइल में एफ और एडिट में ई) पर क्लिक करने से वह मेन्यू खुल जाएगा। उसके बाद सब-मेन्यू में दिए गए बटन भी इसी तरह खोले जा सकते हैं।

कंप्यूटर सर्च: अगर आप अपने नेटवर्क में मौजूद किसी खास कंप्यूटर को खोजना चाहते हैं, तो Control+Windows Logo+F का इस्तेमाल करें। प्रिंटआउट: ज्यादातर सॉफ्टवेयर्स में Control+P कीज दबाने पर प्रिंट आउट डायलॉग बॉक्स खुल जाता है।

इन शॉर्टकट्स की मदद से कंप्यूटर पर काम करना कहीं ज्यादा आसान और तेज गति में हो जाएगा।

इन तीन मोबाइल नंबरों को न उठाएं कभी, नहीं तो फंस जाएंगे आप


सावधान! अगर आपके मोबाइल पर 11 अंकों का मिस्ड कॉल आए तो आप उसे अपने परिचित का नंबर समझकर कॉल बैक न करें। ऐसा करने पर कॉल रिसीव होते ही आपके खाते से एक मिनट में तीस रुपए से लेकर दो सौ रुपए तक कट सकते हैं। यदि भाग्यशाली विजेता का मैसेज भी आए तो उसका जवाब नहीं दें। ऐसा करने से आप धोखा खा सकते हैं।

महिलाएं व युवा जल्दी आते हैं झांसे में

कई निजी कंपनियां एसएमएस के माध्यम से तरह-तरह प्रलोभन देकर लोगों को फंसाने का प्रयास करती हैं। इन कंपनियों के झांसे में सबसे ज्यादा महिलाएं व युवा आते हैं। मिस्ड कॉल आते ही वह नंबरों की जांच किए बगैर ही नंबर डायल कर देते हैं। बाद में राशि कटने पर उन्हें पछतावा होता है। कई युवा पैसों के लालच में आकर कंपनियों को एसएमएस कर अपनी गोपनीय जानकारियां दे देते हैं।

उत्तरी यूरोप से आ रही हैं कॉल

जिन उपभोक्ताओं के मोबाइल पर +371 से शुरू होने वाले नंबर से मिस कॉल आ रही है, वे उत्तरी यूरोप का आईएसडी कॉल हैं। यहां कॉल करने पर एक मिनट में तीस रुपए की राशि कटती है। इससे पहले भी उपभोक्ताओं के मोबाइल पर +380 से 11 डिजिट के कॉल आए थे।

एक मिनट में कट गए 30 रुपए

सुरेंद्र सरीन के मोबाइल फोन पर +37127691038 से मिस कॉल आया। सुरेंद्र ने किसी परिचित का नंबर समझकर कॉल बैक किया। कॉल रिसीव होते ही एक मिनट में तीस रुपए कट गए, जबकि सामने से दो लड़कियों के आपस में बात करने की आवाज सुनाई दे रही थी।

रिटर्न मैसेज न करने से बच गए रुपए

वायके मिश्रा के मोबाइल फोन पर +३71276903580 से मैसेज आया। उसमें लिखा था कि आपका नंबर दस भाग्यशाली विजेताओं में आया है। आपको 20,000 पाउंड का इनाम मिलेगा। आप अपना नाम, पता फोटो तथा अन्य जानकारियां उक्त नंबर पर भेज दें। लेकिन उन्होंने मैसेज नहीं भेजा।

इन नंबर पर कॉल बैक नहीं करें

- + 37127691038

- + 37127690358

- + 37181045133

नोट: यह वे नंबर हैं, जिनसे शहरवासियों के मोबाइल फोन पर कॉल आ रहे हैं।

क्या - क्या रखें सावधानियां

- अपरिचित नंबर को न रिसीव करें और न ही डायल करें।

- भारत में सिर्फ 10 डिजिट की सीरीज है। 11 अंकों का नंबर डायल नहीं किया जाए।

- अगर कोई कंपनी एसएमएस के माध्यम से किसी प्रकार का लालच देती है तो उसके बहकावे में न आए।

एसएमएस से दी थी समझाइश

11 नंबर का कॉल आईएसडी होता है। बीएसएनएल ने पूर्व में अपने उपभोक्ताओं को एसएमएस से ऐसे नंबरों पर कॉल बैक न करने की समझाइश दी थी। कॉल रिसीव होने से उपभोक्ता के खाते से आईएसडी दर से राशि कटती है।

Saturday, July 21, 2012

99% इंटरनेट यूजर अनजान हैं इस खतरे से, यह जानलेवा भी हो सकता है!

सोशल नेटवर्क साइट पर साइबर क्राइम की संख्या नागपुर में अधिक पाई जाती है। सूचना, प्रौद्योगिकी के विस्तार के साथ ही देश में इंटरनेट यूजर की संख्या 12 करोड़ तक पहुंच गई है।

इनमें से 99 प्रतिशत यूजर साइबर क्राइम से आज भी अनजान हैं। इंटरनेट का प्रयोग जितना फायदेमंद है, उतना ही नुकसानदायक भी हो सकता है। उक्त जानकारी इंटेलिजेंट कोशिएंट सिक्यूरिटी सिस्टम के सीईओ डा. हेरॉल्ड डिकोस्टा ने धंतोली स्थित पत्रकार भवन में पत्रकार वार्ता के दौरान दी।

असली-नकली ई-मेल पहचानें डा. डिकोस्टा ने बताया कि इंटरनेट का इस्तेमाल करते समय सावधानी बरतने की आवश्यकता है। इसमें थोड़ी सी लापरवाही आपके जी का जंजाल बन सकती है।

इसके लिए इंटरनेट यूजर को असली और नकली ई-मेल तथा एसएमएस की पहचान होनी आवश्यक है। उन्होंने मिसाल के तौर पर बताया कि माइकल जैक्सन की मौत नकली ई-मेल के कारण हुई।

जैक्सन लंबे समय से एक डॉक्टर से अपनी बीमारी का इलाज करा रहे थे। इसके लिए वे डॉक्टर के साथ इंटरनेट के माध्यम से संपर्कमें थे। डॉक्टर बीमारी के लक्षण बताने पर उन्हें इंटरनेट से ही दवाइयां लेने की सलाह देता था।

जैक्सन की मौत दवाइयों से होने का पोस्टमार्ट में खुलासा हुआ। जांच में पता चला की जिन दवाइयों से जैक्सन की मौत हुई, वह दवाइयां उनके डॉक्टर की ई-मेल आईडी हैक कर किसी दूसरे व्यक्ति ने जैक्सन की आईडी पर मेल भेजा था।

डॉक्टर का मेल समझकर जैक्सन ने दवाइयां खाईं और उनकी मौत हो गई। जैक्सन यदि असली और नकली ई-मेल में अंतर समझते तो शायद उनकी मौत टल सकती थी। आईटी एक्ट में 80 प्रतिशत अपराध जमानती : डा. डिकोस्टा ने बताया कि भारत में 12 करोड़ लोगों द्वारा इंटरनेट का प्रयोग किया जाता है।

इसमें से 99 प्रतिशत लोगों को अभी तक पता नहीं है कि साइबर क्राइम कैसे होता है। नागपुर में सोशल नेटवर्क जैसे- फेसबुक, ऑर्कुट के माध्यम से होने वाले साइबर क्राइम की संख्या अधिक है। जिन लोगों के सोशल नेटवर्क साइट पर एकाउंट हैं, उनमें से 72 प्रतिशत लोगों द्वारा अपनी पूरी जानकारी नेटवर्क पर डाली जाती है, जो गंभीर बात है।

उन्होंने बताया कि आईटी एक्ट 80 प्रतिशत जमानती अपराध है। इस कानून को कठोर बनाने के लिए इसमें सुधार की आवश्यकता है। वार्ता के दौरान विधान शर्मा, राकेश शर्मा, डा. दत्ता, श्रमिक पत्रकार संघ के अध्यक्ष प्रदीप मैत्रेय उपस्थित थे।

पहले देखें एचटीटीपीएस संकेत

उन्होंने अपने ई-मेल आईडी का दुरुपयोग टालने के लिए साइट पर एचटीटीपीएस संकेत की पुष्टि करने के बाद ही ई-मेल करने का सुझाव दिया। उन्होंने बताया कि ई-मेल आईडी का इस्तेमाल किसी दूसरे व्यक्ति द्वारा किया जा सकता है। साइबर कैफे में भी दूसरों के ई-मेल आईडी का दुरुपयोग किया जा सकता है। इसके लिए विविध प्रकार के सॉफ्टवेयर का प्रयोग किया जा रहा है।

Friday, July 13, 2012

अगर ऐसे बनाएंगे PASSWORD, तो मजाल नहीं कि हैक हो जाए

Bigga :- एक मजबूत और हैक न हो सकने वाला पासवर्ड बनाने के लिए strongpasswordgenerator.com और maord.com जैसे ऑनलाइन पासवर्ड जेनरेटर्स की मदद ली जा सकती है।

खुद अपना, अपने जीवनसाथी, बच्चों आदि के नाम या गाड़ी, टेलीफोन के नंबर, जन्म के साल आदि को पासवर्ड बनाना बिना पासवर्ड के काम चलाने जैसा ही है। यही बात 12345, BCDE, XYD जैसे पासवर्ड पर भी लागू होती है। अपने कंप्यूटर, ई-मेल, बैंक खाते आदि को सुरक्षित रखना चाहते हैं, तो कुछ बातों का ध्यान रखें।

- पासवर्ड ऐसा होना चाहिए, जो किसी भी डिक्शनरी में न मिले। हैकर्स उन्हें खोजने के लिए कुछ ऐसे सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करते हैं, जो हजारों किस्म के कांबिनेशंस को आजमाकर देख लेते हैं। वे वर्णमाला के अक्षरों, अंकों आदि से शुरू करके पूरी की पूरी डिक्शनरी को आजमा लेते हैं।

- अगर आपका पासवर्ड ABC है, तो उसे खोजने में सॉफ्टवेयर को सिर्फ छह कांबिनेशन आजमाने पड़ेंगे। अगर वह BC123 है तो उसे 720 बार प्रयास करना पड़ेगा और ABCvwxy के लिए यह संख्या छह हजार से ज्यादा होगी। आप के लिए छह हजार बार प्रयास करना भले ही मुश्किल हो, लेकिन कंप्यूटर के लिए यह पल भर का काम है।

- पासवर्ड जितना बड़ा और मुश्किल होगा, उतना ही अच्छा रहेगा। 14 अक्षरों का पासवर्ड बेहद सुरक्षित माना जाता है। कोशिश करें कि इसमें कैपिटल और स्मॉल लैटर, अंक, स्पेशल कैरेक्टर्स मसलन @!&%{- आदि भी हों। आप चाहें तो इसके लिए maord.com और strongpasswordgenerator.com जैसे ऑनलाइन पासवर्ड जेनरेटर्स की मदद भी ले सकते हैं।

- पासवर्ड को कहीं भी लिखकर न रखें। अगर आप कई पासवर्ड इस्तेमाल करते हैं और आपके लिए उन्हें याद रखना मुश्किल है, तो कीपास (keepass.info)जैसे फ्री सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करें, जो उन्हें एनक्रिप्ट करके सुरक्षित रखता है।

- अपने पासवर्ड को महीने में एक बार जरूर बदल लें। अगर पूरी तरह बदलना आसान न लगे, तो कम से कम उनमें हर बार एक-दो अक्षर या अंक जरूर जोड़ लें या बदल दें।

- अपने सभी अकाउंट्स के लिए एक ही पासवर्ड का प्रयोग न करें। अगर वह लीक हुआ तो कहीं भी, कुछ भी सीक्रेट नहीं बचेगा। सब अकाउंट्स में अलग पासवर्ड का मतलब है, सबकी अलग-अलग सुरक्षा।

- दूसरों के कंप्यूटर पर मसलन साइबर कैफे आदि में बैठें, तो ध्यान रखें कि ई-मेल अकाउंट या ब्राउजर में stay signed in जैसी कोई सैटिंग तो नहीं है। अन्यथा आपके हटते ही कोई आपकी मेल पढ़ रहा होगा। काम पूरा होने पर वेब पेज को sign out करना न भूलें। संभव हो तो tools मैन्यू में internet options पर जाकर browsing history में जाकर स्रद्गद्यद्गह्लद्ग कर दें।

- अपना पासवर्ड किसी को न बताएं। अगर ऐसा करना बहुत जरूरी हो, तो काम पूरा होते ही उसे बदल दें। भूले हुए पासवर्ड को ई-मेल से मंगवाया है, तो नया पासवर्ड आते ही उसे बदल दें।

Saturday, July 7, 2012

आयुर्वेदिक लिस्ट: : जानिए किस महीने में क्या नहीं खाना चाहिए ?

अच्छे भोजन से हमारा शरीर तंदुरुस्त बना रहता है। जल्दी थकान नहीं होती और साथ ही कई छोटी-छोटी बीमारियां भी पास नहीं आती हैं। आयुर्वेद में शरीर को स्वस्थ रखने  के लिए खाने से संबंधित कई नियम बताए गए हैं। इन्ही नियमों के अंतर्गत पूरे साल के हर महीने के लिए कुछ ऐसी चीजें बताई गई हैं, जिन्हें उन महीनों में नहीं खाना चाहिए।

पुराने समय की एक कहावत है-

- चौते गुड़, वैशाखे तेल, जेठ के पंथ, अषाढ़े बेल।

सावन साग, भादो मही, कुवांर करेला, कार्तिक दही।

अगहन जीरा, पूसै धना, माघै मिश्री, फाल्गुन चना।

जो कोई इतने परिहरै, ता घर बैद पैर नहिं धरै।

साल के किस महीने में क्या न खाएं- जनवरी-फरवरी: जनवरी और फरवरी में मिश्री नहीं खाना चाहिए।
मार्च-अप्रैल: इस समय गुड़ नहीं खाना चाहिए।
अप्रैल-मई: इसमें तेल व तली-भुनी चीजों से परहेज करना चाहिए।
मई-जून: इन महीनों में गर्मी का प्रकोप रहता है अत: ज्यादा घूमना-फिरना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
जून-जुलाई: हरी सब्जियों के सेवन से बचें।
जुलाई-अगस्त: दूध व दूध से बनी चीजों के साथ ही हरी सब्जियां भी न खाएं।
अगस्त-सितंबर: इन दो महीनों में छाछ, दही नहीं खाना चाहिए।
सितंबर-अक्टूबर: इस माह में करेला वर्जित माना गया है।
अक्टूबर-नवंबर: इन दो महीनों में भी दही और दही से बनी अन्य चीजें नहीं खाना चाहिए।
नवंबर: दिसंबर: इस समय में भोजन में जीरे का उपयोग नहीं करना चाहिए।
दिसंबर-जनवरी: इन दोनों माह में धनिया नहीं खाना चाहिए क्योंकि धनिए की प्रवृति ठंडी मानी गई है और सामान्यत: इस मौसम में बहुत ठंड होती है।

Thursday, July 5, 2012

खून की कमी हो जिन्हें... उन्हें ये चीजें खाना चाहिए, कमी दूर हो जाएगी

अक्सर शरीर में खून की कमी हो जाने पर कमजोरी, थकावट, चक्कर आना आदि परेशानियां हो जाती हैं। अगर आपके साथ भी ये समस्याएं हैं तो आपके शरीर में खून की कमी हो सकती है। शरीर में खून की कमी का मुख्य कारण लौह तत्व की कमी होती है। लौह तत्व बढ़ाने का सबसे अच्छा तरीका है, भोजन से इसकी पूर्ति करें। आज हम आपको बताने जा रहे हैं भोजन से जुड़ी कुछ चीजों के बारे में जो खून की कमी को दूर करती हैं।
- रोज रात को बादाम भिगोकर सुबह पीसकर दूध में मिलाकर पीने से भी खून की कमी नहीं होती है।
- हरी सब्जियां, दालें व ड्रायफ्रूटस आदि भी खून की कमी को दूर करते हैं।
- सेब, टमाटर व पालक आदि को विशेष रूप से भोजन में शामिल करें।
- रोजाना सलाद खाने व शहद लेने से शरीर में हीमोग्लोबिन बढ़ता है।
- खून बढ़ाने के लिए हरे मटर, हरे चने(छोले), अंकुरित अनाज, अंडे, दूध आदि को अपने भोजन में शामिल करें।
- सोयाबिन का दूध भी फायदेमंद होता है
-चाय,काफी और एन्टासिड जैसी दवाएं उपयोग में न लाएं। ये चीजें शरीर द्वारा तत्व ग्रहण करने की प्रक्रिया को बाधित करते हैं।
- मैथी दाने अंकुरित कर नियमित रूप से खाने से खून की कमी पूरी हप जाती है।

Wednesday, July 4, 2012

एक और संकेत: इस 21 दिसंबर को खत्‍म हो जाएगी दुनिया?


वाशिंगटन. माया सभ्यता के कैलेंडर के बाद अब 1300 साल पुराना माया सभ्यता का टेक्स्ट मिला है, जिसमें कहा गया है कि दिसंबर 21, 2012 को दुनिया का विनाश तय है। यह टेक्स्ट ग्‍वाटेमाला के ला कोरोना की साइट पर मिला है। यह टेक्स्ट प्राचीन राजनीतिक इतिहास के बारे में हैरतंगेज जानकारी देता है।

इसी साल मई में स्टुअर्ट नाम के विशेषज्ञ ने सबसे पहली बार ग्वाटेमाला के ला कोरोना इलाके में एक सीढ़ी पर माया टेक्स्ट का पता लगाया था। इसी टेक्स्ट में दुनिया के अंत की बात बताई गई है। यह सीढ़ी तब बनाई गई थी जब युकनूम नाम का राजा इस इलाके में आया था। युकनूम अपने समय में माया सभ्यता का सबसे ताकतवर शासक था, जिसे बाद में टिकाल नाम के विरोधी के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। 



माया टेक्स्ट से पहले माया कैलेंडर भी मिल चुका है, जो दुनिया के अंत की तारीख बताता है। इस कैलेंडर में 21 दिसंबर, 2012 के बाद की तारीख नहीं दी गई हैं, इसका अर्थ यही समझा जा रहा है कि इस दिन दुनिया पर खतरा मंडरा सकता है। माया कैलेंडर के मुताबिक 21 दिसंबर, 2012 में एक ग्रह पृथ्वी से टकराएगा, जिससे सारी धरती खत्म हो जाएगी। करीब 250 से 900 ईसा पूर्व माया नाम की एक प्राचीन सभ्यता स्थापित की गई थी। ग्वाटेमाला, मैक्सिको, होंडुरास और यूकाटन प्रायद्वीप में इस सभ्यता के अवशेष खोजकर्ताओं को मिले हैं।

प्राचीन माया सभ्यता के काल में गणित और खगोल के क्षेत्र में उल्लेखनीय विकास हुआ था। अपने ज्ञान के आधार पर माया लोगों ने एक कैलेंडर बनाया था। कहा जाता है कि उनके द्वारा बनाया गया कैलेंडर इतना सटीक निकला है कि आज के सुपर कम्प्यूटर भी उसकी गणनाओं में 0.06 तक का ही फर्क निकाल सके और माया कैलेंडर के अनेक आकलन, जिनकी गणना हजारों सालों पहले की गई थी, सही साबित हुए हैं।

शूलतुन के जंगलों में माया सभ्यता का एक महत्वपूर्ण शहर होने के बारे में पहली बार 1915 में पता चला था। इसके बाद यहां खजाना चोरों ने कई बार सेंध लगाने का प्रयास किया। प्रोफेसर सैटनरे के छात्र मैक्स चेम्बरलिन ने जब 2010 में एक सुरंग से जाकर यहां कुछ भित्तिचित्रों के होने का पता लगाया तो पूरी टीम खुदाई में जुट गई और उन्होंने सदियों से गुमनामी में खोए माया सभ्यता के इस प्राचीन शहर को ढूंढ निकाला। यह पूरा शहर 16 वर्गमील में फैला हुआ है और इसे पूरी तरह से खोदकर बाहर निकालने के लिए अगले दो दशकों का समय भी कम है।

Monday, July 2, 2012

तत्काल टिकट के लिए आया नया नियम, फोन पर देना होगा सही जवाब


इंदौर।रेलवे की आईआरसीटीसी वेबसाइट से टिकट बुक कराने वाले सावधान हो जाइये। यदि सुबह आठ से सवा आठ बजे के बीच तत्काल टिकट बुक कराया तो हो सकता है कुछ देर में ही आपके फोन की घंटी बज उठे।

यह कॉल दिल्ली के आईआरसीटीसी कॉल सेंटर से होगा जो जिस यूजर आईडी से टिकट बुक किया गया है उसके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर या दिए गए एसएमएस नंबर पर आ सकता है। फोन पर आपसे यात्रा के बारे में सारी डिटेल पूछी जाएगी। यदि एक भी जानकारी गलत दी गई तो तुरंत आपका टिकट कैंसिल किया जा सकता है। आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की बात कही गई है।

आईआरसीटीसी के क्षेत्रीय अधिकारियों के मुताबिक वेरिफिकेशन कॉल यात्रा से पहले किसी भी समय आ सकता है। ऐसे में किसी एजेंट ने तत्काल टिकट बुक कराया है तो वह पूछे गए सवालों के सभी सही जवाब नहीं दे पाएगा। अधिकारियों का मानना है कि तत्काल में सबसे ज्यादा धांधली तत्काल खुलने के बाद पहले 15 मिनट तक ही होती है। १क् जुलाई से यह व्यवस्था तत्काल के ओपनिंग समय में परिवर्तित हो जाएगी। हालांकि इसकी सफलता और सही संचालन पर संशय बना हुआ है क्योंकि प्रतिदिन हजारों टिकट तत्काल के तहत बुक होते है जिनमें से कई यात्री अपने परिवार के सदस्यों से टिकट बुक कराते है।

इनके देना पड़ेंगे जवाब

यूजर आईडी : जिस यूजर आईडी से ई-टिकट बुक कराया है वह बताएं। यदि टिकट खरीदा या बेचा गया है तो यह बताने में परेशानी आएगी।

पीएनआर नंबर : टिकट का पीएनआर नंबर क्या है। कहां से कहां तक यात्रा कर रहे है।

यात्रियों की जानकारी : टिकट पर कौन-कौन से यात्री सफर कर रहे है उनकी उम्र क्या है उनको कौन सी बर्थ अलॉट की गई है।

मोबाइल नंबर : किसी सह यात्री का मोबाइल नंबर बताओ।

क्या है तत्काल स्कीम

कोई भी व्यक्ति अधिकृत रेलवे काउंटर या वेबसाइट्स के जरिए तत्काल स्कीम के तहत यात्रा के एक दिन पहले टिकट बुक कर सकता है। इसके लिए उन्हें अतिरिक्त राशि चुकानी होती है। आरोप है कि आम लोगों को इसका फायदा नहीं मिलता। कुछ दलाल स्कीम की खामियों का लाभ उठा रहे हैं।

जांच करेगा सीवीसी!

केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) तत्काल सेवा में धांधलियों की शिकायत की जांच शुरू कर सकता है। वह यह देखना चाहेगा कि कहीं रेलवे के अधिकारी इस भ्रष्टाचार में लिप्त तो नहीं हैं? सीवीसी खुद जांच कर सकता है। रेलवे के मुख्य सतर्कता अधिकारी को भी इसके लिए निर्देश दिए जा सकते हैं।

एक अधिकारी ने कहा, ‘आयोग तत्काल योजना में अनियमितताओं की खबरों से वाकिफ है। उसे भी कुछ शिकायतें मिली हैं। तथ्यात्मक स्थिति जानने और गड़बड़ी का पता लगाने के लिए मामले की जांच पर विचार किया जा रहा है। हालांकि, जांच समिति के गठन पर अब तक कोई फैसला नहीं हुआ है। जांच का आदेश दिया जाता है तो यह रेलवे अधिकारियों तथा दलालों के कथित गठजोड़ पर आधारित होगी। यह योजना की खामियों को भी देखेगी।’ हालांकि सीवीसी के सचिव केडी त्रिपाठी ने घटनाक्रम पर कोई टिप्पणी करने से मना कर दिया। वह आयोग के प्रवक्ता के रूप में भी काम करते हैं।