अच्छे भोजन से हमारा शरीर तंदुरुस्त बना रहता है। जल्दी थकान नहीं होती और साथ ही कई छोटी-छोटी बीमारियां भी पास नहीं आती हैं। आयुर्वेद में शरीर को स्वस्थ रखने के लिए खाने से संबंधित कई नियम बताए गए हैं। इन्ही नियमों के अंतर्गत पूरे साल के हर महीने के लिए कुछ ऐसी चीजें बताई गई हैं, जिन्हें उन महीनों में नहीं खाना चाहिए।
पुराने समय की एक कहावत है-
- चौते गुड़, वैशाखे तेल, जेठ के पंथ, अषाढ़े बेल।
सावन साग, भादो मही, कुवांर करेला, कार्तिक दही।
अगहन जीरा, पूसै धना, माघै मिश्री, फाल्गुन चना।
जो कोई इतने परिहरै, ता घर बैद पैर नहिं धरै।
साल के किस महीने में क्या न खाएं- जनवरी-फरवरी: जनवरी और फरवरी में मिश्री नहीं खाना चाहिए।
मार्च-अप्रैल: इस समय गुड़ नहीं खाना चाहिए।
अप्रैल-मई: इसमें तेल व तली-भुनी चीजों से परहेज करना चाहिए।
मई-जून: इन महीनों में गर्मी का प्रकोप रहता है अत: ज्यादा घूमना-फिरना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
जून-जुलाई: हरी सब्जियों के सेवन से बचें।
जुलाई-अगस्त: दूध व दूध से बनी चीजों के साथ ही हरी सब्जियां भी न खाएं।
अगस्त-सितंबर: इन दो महीनों में छाछ, दही नहीं खाना चाहिए।
सितंबर-अक्टूबर: इस माह में करेला वर्जित माना गया है।
अक्टूबर-नवंबर: इन दो महीनों में भी दही और दही से बनी अन्य चीजें नहीं खाना चाहिए।
नवंबर: दिसंबर: इस समय में भोजन में जीरे का उपयोग नहीं करना चाहिए।
दिसंबर-जनवरी: इन दोनों माह में धनिया नहीं खाना चाहिए क्योंकि धनिए की प्रवृति ठंडी मानी गई है और सामान्यत: इस मौसम में बहुत ठंड होती है।
पुराने समय की एक कहावत है-
- चौते गुड़, वैशाखे तेल, जेठ के पंथ, अषाढ़े बेल।
सावन साग, भादो मही, कुवांर करेला, कार्तिक दही।
अगहन जीरा, पूसै धना, माघै मिश्री, फाल्गुन चना।
जो कोई इतने परिहरै, ता घर बैद पैर नहिं धरै।
साल के किस महीने में क्या न खाएं- जनवरी-फरवरी: जनवरी और फरवरी में मिश्री नहीं खाना चाहिए।
मार्च-अप्रैल: इस समय गुड़ नहीं खाना चाहिए।
अप्रैल-मई: इसमें तेल व तली-भुनी चीजों से परहेज करना चाहिए।
मई-जून: इन महीनों में गर्मी का प्रकोप रहता है अत: ज्यादा घूमना-फिरना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
जून-जुलाई: हरी सब्जियों के सेवन से बचें।
जुलाई-अगस्त: दूध व दूध से बनी चीजों के साथ ही हरी सब्जियां भी न खाएं।
अगस्त-सितंबर: इन दो महीनों में छाछ, दही नहीं खाना चाहिए।
सितंबर-अक्टूबर: इस माह में करेला वर्जित माना गया है।
अक्टूबर-नवंबर: इन दो महीनों में भी दही और दही से बनी अन्य चीजें नहीं खाना चाहिए।
नवंबर: दिसंबर: इस समय में भोजन में जीरे का उपयोग नहीं करना चाहिए।
दिसंबर-जनवरी: इन दोनों माह में धनिया नहीं खाना चाहिए क्योंकि धनिए की प्रवृति ठंडी मानी गई है और सामान्यत: इस मौसम में बहुत ठंड होती है।
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