Wednesday, July 4, 2012

एक और संकेत: इस 21 दिसंबर को खत्‍म हो जाएगी दुनिया?


वाशिंगटन. माया सभ्यता के कैलेंडर के बाद अब 1300 साल पुराना माया सभ्यता का टेक्स्ट मिला है, जिसमें कहा गया है कि दिसंबर 21, 2012 को दुनिया का विनाश तय है। यह टेक्स्ट ग्‍वाटेमाला के ला कोरोना की साइट पर मिला है। यह टेक्स्ट प्राचीन राजनीतिक इतिहास के बारे में हैरतंगेज जानकारी देता है।

इसी साल मई में स्टुअर्ट नाम के विशेषज्ञ ने सबसे पहली बार ग्वाटेमाला के ला कोरोना इलाके में एक सीढ़ी पर माया टेक्स्ट का पता लगाया था। इसी टेक्स्ट में दुनिया के अंत की बात बताई गई है। यह सीढ़ी तब बनाई गई थी जब युकनूम नाम का राजा इस इलाके में आया था। युकनूम अपने समय में माया सभ्यता का सबसे ताकतवर शासक था, जिसे बाद में टिकाल नाम के विरोधी के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। 



माया टेक्स्ट से पहले माया कैलेंडर भी मिल चुका है, जो दुनिया के अंत की तारीख बताता है। इस कैलेंडर में 21 दिसंबर, 2012 के बाद की तारीख नहीं दी गई हैं, इसका अर्थ यही समझा जा रहा है कि इस दिन दुनिया पर खतरा मंडरा सकता है। माया कैलेंडर के मुताबिक 21 दिसंबर, 2012 में एक ग्रह पृथ्वी से टकराएगा, जिससे सारी धरती खत्म हो जाएगी। करीब 250 से 900 ईसा पूर्व माया नाम की एक प्राचीन सभ्यता स्थापित की गई थी। ग्वाटेमाला, मैक्सिको, होंडुरास और यूकाटन प्रायद्वीप में इस सभ्यता के अवशेष खोजकर्ताओं को मिले हैं।

प्राचीन माया सभ्यता के काल में गणित और खगोल के क्षेत्र में उल्लेखनीय विकास हुआ था। अपने ज्ञान के आधार पर माया लोगों ने एक कैलेंडर बनाया था। कहा जाता है कि उनके द्वारा बनाया गया कैलेंडर इतना सटीक निकला है कि आज के सुपर कम्प्यूटर भी उसकी गणनाओं में 0.06 तक का ही फर्क निकाल सके और माया कैलेंडर के अनेक आकलन, जिनकी गणना हजारों सालों पहले की गई थी, सही साबित हुए हैं।

शूलतुन के जंगलों में माया सभ्यता का एक महत्वपूर्ण शहर होने के बारे में पहली बार 1915 में पता चला था। इसके बाद यहां खजाना चोरों ने कई बार सेंध लगाने का प्रयास किया। प्रोफेसर सैटनरे के छात्र मैक्स चेम्बरलिन ने जब 2010 में एक सुरंग से जाकर यहां कुछ भित्तिचित्रों के होने का पता लगाया तो पूरी टीम खुदाई में जुट गई और उन्होंने सदियों से गुमनामी में खोए माया सभ्यता के इस प्राचीन शहर को ढूंढ निकाला। यह पूरा शहर 16 वर्गमील में फैला हुआ है और इसे पूरी तरह से खोदकर बाहर निकालने के लिए अगले दो दशकों का समय भी कम है।

No comments:

Post a Comment