Monday, July 2, 2012

तत्काल टिकट के लिए आया नया नियम, फोन पर देना होगा सही जवाब


इंदौर।रेलवे की आईआरसीटीसी वेबसाइट से टिकट बुक कराने वाले सावधान हो जाइये। यदि सुबह आठ से सवा आठ बजे के बीच तत्काल टिकट बुक कराया तो हो सकता है कुछ देर में ही आपके फोन की घंटी बज उठे।

यह कॉल दिल्ली के आईआरसीटीसी कॉल सेंटर से होगा जो जिस यूजर आईडी से टिकट बुक किया गया है उसके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर या दिए गए एसएमएस नंबर पर आ सकता है। फोन पर आपसे यात्रा के बारे में सारी डिटेल पूछी जाएगी। यदि एक भी जानकारी गलत दी गई तो तुरंत आपका टिकट कैंसिल किया जा सकता है। आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की बात कही गई है।

आईआरसीटीसी के क्षेत्रीय अधिकारियों के मुताबिक वेरिफिकेशन कॉल यात्रा से पहले किसी भी समय आ सकता है। ऐसे में किसी एजेंट ने तत्काल टिकट बुक कराया है तो वह पूछे गए सवालों के सभी सही जवाब नहीं दे पाएगा। अधिकारियों का मानना है कि तत्काल में सबसे ज्यादा धांधली तत्काल खुलने के बाद पहले 15 मिनट तक ही होती है। १क् जुलाई से यह व्यवस्था तत्काल के ओपनिंग समय में परिवर्तित हो जाएगी। हालांकि इसकी सफलता और सही संचालन पर संशय बना हुआ है क्योंकि प्रतिदिन हजारों टिकट तत्काल के तहत बुक होते है जिनमें से कई यात्री अपने परिवार के सदस्यों से टिकट बुक कराते है।

इनके देना पड़ेंगे जवाब

यूजर आईडी : जिस यूजर आईडी से ई-टिकट बुक कराया है वह बताएं। यदि टिकट खरीदा या बेचा गया है तो यह बताने में परेशानी आएगी।

पीएनआर नंबर : टिकट का पीएनआर नंबर क्या है। कहां से कहां तक यात्रा कर रहे है।

यात्रियों की जानकारी : टिकट पर कौन-कौन से यात्री सफर कर रहे है उनकी उम्र क्या है उनको कौन सी बर्थ अलॉट की गई है।

मोबाइल नंबर : किसी सह यात्री का मोबाइल नंबर बताओ।

क्या है तत्काल स्कीम

कोई भी व्यक्ति अधिकृत रेलवे काउंटर या वेबसाइट्स के जरिए तत्काल स्कीम के तहत यात्रा के एक दिन पहले टिकट बुक कर सकता है। इसके लिए उन्हें अतिरिक्त राशि चुकानी होती है। आरोप है कि आम लोगों को इसका फायदा नहीं मिलता। कुछ दलाल स्कीम की खामियों का लाभ उठा रहे हैं।

जांच करेगा सीवीसी!

केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) तत्काल सेवा में धांधलियों की शिकायत की जांच शुरू कर सकता है। वह यह देखना चाहेगा कि कहीं रेलवे के अधिकारी इस भ्रष्टाचार में लिप्त तो नहीं हैं? सीवीसी खुद जांच कर सकता है। रेलवे के मुख्य सतर्कता अधिकारी को भी इसके लिए निर्देश दिए जा सकते हैं।

एक अधिकारी ने कहा, ‘आयोग तत्काल योजना में अनियमितताओं की खबरों से वाकिफ है। उसे भी कुछ शिकायतें मिली हैं। तथ्यात्मक स्थिति जानने और गड़बड़ी का पता लगाने के लिए मामले की जांच पर विचार किया जा रहा है। हालांकि, जांच समिति के गठन पर अब तक कोई फैसला नहीं हुआ है। जांच का आदेश दिया जाता है तो यह रेलवे अधिकारियों तथा दलालों के कथित गठजोड़ पर आधारित होगी। यह योजना की खामियों को भी देखेगी।’ हालांकि सीवीसी के सचिव केडी त्रिपाठी ने घटनाक्रम पर कोई टिप्पणी करने से मना कर दिया। वह आयोग के प्रवक्ता के रूप में भी काम करते हैं।

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