Tuesday, April 26, 2011

कैसे होते हैं वे लोग जिनकी जन्म तारिख है 2, 11, 20 या 29


अंक 2 का मतलब है जिन लोगों का जन्म किसी भी माह की 2, 11, 20, 29 हुआ हो, वे सभी अंक 2 वाले होते हैं। यह नंबर चंद्रमा का प्रतीक माना जाता है। चंद्रमा रचनात्मकता और कल्पनाशीलता का प्रतिनिधित्व करता है। चंद्रमा के सभी गुण अंक 2 वाले में विद्यमान रहते हैं।

चंद्रमा किसी भी एक राशि में ढाई दिन ही रुकता है अत: चंद्रमा की चाल बहुत तेज है। चंद्रमा हमारे मन को शत-प्रतिशत नियंत्रित करता है। अंक 2 वालों का ग्रह स्वामी चंद्र है इस वजह से यह लोग मन से चंचल होते हैं। चंद्र के प्रभाव के कारण यह लोग रोमांस से भरपूर होते हैं।

अंक ज्योतिष के अनुसार इस अंक के लोगों की कल्पनाशक्ति और रचनात्मक क्षमता काफी अधिक होती है। हर कार्य को अच्छे और बेहद ही आकर्षक तरीके से करते हैं। हर पल नया करने के लिए लालायित रहते हैं। यह लोग काफी रोमांटिक स्वभाव के होते हैं और विपरित लिंग के प्रति बहुत अधिक आकर्षित होते हैं। अन्य लोग भी इनके व्यक्तित्व और कार्यशैली से इन पर मोहित हो जाते हैं। अधिकांशत: इस अंक के लोग शारीरिक दृष्टि से अधिक बलवान न होते हुए सामान्य शरीर वाले होते हैं।

यह लोग अधिक समय तक एक जैसा जीवन नहीं जी सकते, इन्हें परिवर्तन काफी पसंद होता है। इनके कई मित्र होते हैं। मन की चंचलता के कारण इनका मन अधिकांश समय अस्थिर ही रहता है। विपरित परिस्थितियों में बहुत जल्द दुखी हो जाते हैं और कई बार हिम्मत भी हार जाते हैं। ऐसे में इनमें आत्मविश्वास की कमी आ जाती है।

- इस अंक के लोगों के लिए रविवार, सोमवार और शुक्रवार काफी शुभ दिन होते हैं।

- इनके लिए हरा या हल्का हरा रंग बेहद फायदेमंद है। क्रीम और सफेद रंग भी विशेष लाभ देते हैं।

- लाल, बैंगनी या गहरे रंग इनके लिए अच्छे नहीं होते।

- अंक 2 वालों को मोती, चंद्रमणि, पीले-हरे रत्न पहनना चाहिए।

व्यापार में हो रहा है नुकसान तो करें यह उपाय

बिजनेस में उतार-चढ़ाव का दौर चलता रहता है। कभी मुनाफा होता है तो कभी नुकसान भी। लेकिन कई बार ऐसा भी होता है कि व्यापार में लगातार नुकसान होता जाता है जिसके कारण व्यापार लगभग चौपट हो जाता है। यदि आपके साथ भी यही परेशानी है तो नीचे लिखी रामायण की चौपाई का नियमित विधि-पूर्वक जप से आपकी समस्या दूर हो जाएगी और बिजनेस में सफलता मिलने लगेगी।

चौपाई- विश्व भरण पोषण कर जोई। ताकर नाम भरत अस होई।।



जप विधि

- सुबह जल्दी उठकर नहाकर, साफ वस्त्र पहनकर राम दरबार की तस्वीर लगाकर घी का दीपक व मोटी धूप बत्ती अर्पित करें जो कम से कम तीन घंटे जले।

- इसके बाद इस चौपाई का 1001 बार जप करें।

- जप पूर्ण होने के बाद गाय को हरी घास खिलाएं।

- इस उपाय को पूर्ण श्रध्दा के साथ करने से बिजनेस में सफलता मिलती है।

- इस चौपाई के जप के साथ दुकान या ऑफिस के मुख्य दरवाजे पर अशोक वृक्ष के 9 पत्ते कच्चे सूत में बाँधकर बंदनवार के जैसे बाँध दें। पत्ते सूखने पर उसे बदलते रहें तो व्यापार में हो रहा नुकसान थम जाएगा और व्यवसाय में उन्नति होने लगेगी।

इस मंत्र से पाएं धन, दौलत व शौहरत

वर्तमान समय में धन इंसान की सबसे बड़ी व महत्वपूर्ण आवश्यकता बन गया है। सभी चाहते हैं कि उन पर लक्ष्मी की कृपा हो। उनके पास जो लक्ष्मी आए वो उन्हें कभी छोड़कर ना जाए और घर हमेशा धनधान्य से पूर्ण हो, यदि आप भी यही चाहते हैं तो नीचे लिखे लक्ष्मी प्राप्ति के मंत्र का विधि-विधानपूर्वक जप करने से आप भी मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। इस मंत्र से धन-दौलत व शौहरत सभी कुछ पाया जा सकता है। रामरक्षा स्तोत्र का लक्ष्मीदायक यह मंत्र धन प्राप्ति के लिए बहुत लाभदायक है।

मंत्र

आपदाम अपहर्तारम् दातारम् सर्व संपदाम्।

लोकाभिरामम् श्री रामम् भूयो-भूयो नमाम्यहम्।।


जप विधि

- सुबह जल्दी उठकर सर्वप्रथम स्नान आदि नित्य कर्म से निवृत्त होकर साफ वस्त्र पहनें।

- इसके बाद अपने माता-पिता, गुरु, इष्ट व कुल देवता को नमन कर कुश का आसन ग्रहण करें।

- माता लक्ष्मी की प्रतिमा का पूजन कर इस मंत्र का 5 माला जप करें।

- जप के लिए स्फटिक या कमल गट्टे की माला का प्रयोग करें।

धन पाना है तो इस मंत्र का जप करें

वर्तमान समय में जीवन की सबसे बड़ी आवश्यकता धन है। धन न हो तो जीवन का आनंद ही नहीं आता। ऐसे अनेक लोग होते हैं जो जीवन भर धन प्राप्त करने के लिए जीतोड़ मेहनत करते हैं लेकिन फिर भी उनकी हर इच्छा पूरी नहीं होती। अगर आप चाहते हैं कि आपके पास धन की कोई कमी न हो तो नीचे लिखे मंत्र का विधि-विधान के अनुसार जप करें।



मंत्र

ऊँ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं दारिद्रय विनाशके जगत्प्रसूत्यै नम:।।

जप विधि

1- दीपावली/अक्षय तृतीया या अन्य किसी शुभ मुहूर्त के दिन यह प्रयोग प्रारंभ करें।

2- इसके बाद प्रतिदिन अपनी इच्छानुसार इस मंत्र का जप करें।

3- जप के लिए कमलगट्टे की माला का उपयोग करें।

4- माला जपते समय सामने देवी लक्ष्मी का चित्र तथा शुद्ध घी का दीपक जलते रहना चाहिए।

5- 12 लाख मंत्र जप होने पर यह मंत्र सिद्ध हो जाता है।

O.P. Tawaniya +919413074482

Saturday, April 16, 2011

जवानी में सफेद बाल, फिक्र छोडें और करें यह अचूक उपाय

बदलती हुई जीवनशैली में पूरे शरीर के साथ-साथ बालों की समस्या भी दिनों-दिन बढ़ती ही जा रही है। बालों का झडऩा और समय से पहले ही सफेद हो जाना आज एक महामारी का रूप ले चुका है।



तमाम कोशिशों और दवाइयों के बावजूद बालों का झडऩा और सफेद होना रुक ही नहीं पाता है। क्योंकि बालों के झडऩे या सफेद होने के पीछे सिर्फ शारीरिक कारणों का ही हाथ नहीं होता है बल्कि मानसिक परेशानियां जैसे तनाव आदि की भी अहम् भूमिका होती है।



सिर्फ दवाइयों से ही अगर बालों की समस्या का हल निकलता तो शायद अमीर वर्ग के लोगों को इससे निजात मिल चुकी होती, किन्तु ऐसा नहीं है।



असल में बालों की समस्या के पीछे कई कारण होते हैं, अत: सभी कारणों पर काम किये बगैर समस्या का हल नहीं निकल सकता। लेकिन हमने यहां कुछ ऐसे अनुभवी और सौ-प्रतिशत कारगर तरीके बताए हैं जो हर हाल में बालों की समस्या से छुटकारा दिला सकते हैं। तो आइये देखें कि वे उपाय क्या हैं-



- किसी जानकार व्यक्ति के मार्गदर्शन में क्षमतानुसार नियमित रूप से शीर्षासन का अभ्यास करें



- रात को सोते समय नियमित रूप से त्रिफला चूर्ण का सेवन करें।



- भोजन में सलाद और फलों का सेवन अवश्य करें।



- प्रतिदिन 3 से 4 किलोमीटर तक मोर्निग वॉक पर अवश्य जाएं।



- ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं, चाय, कॉफी जैसी चीजों यथा संभव दूर रहें।



- तनाव को अपने ऊपर हावी न होने दें, ध्यान आदि का सहारा लें।

Monday, April 11, 2011

किन्नर को दान क्यों देना चाहिए?

किन्नर एक ऐसा वर्ग है जो सभी के लिए अक्सर जिज्ञासा और आश्चर्य का विषय होता है। इनके जीवन का एक मात्र सहारा क्षेत्रीय नाच-गान ही है। हमारे यहां कोई भी तीज-त्यौहार या शादी ब्याह होता है तो किन्नरों को दान दिया जाता है। साथ ही कहा जाता है कि किन्नरों को दान देना चाहिए क्योंकि इन्हें दान देने से आर्थिक तरक्की होती है। कहते हैं यह अगर बुधवार के दिन किसी जातक को आशीर्वाद दे दें तो उसकी किस्मत खुल जाती है। शास्त्रों के अनुसार संचित,प्रारब्ध और वर्तमान मनुष्य के जीवन का कालचक्र है।

संचित कर्मों का नाश प्रायश्चित और औषधि आदि से होता है। आगामी कर्मों का निवारण तपस्या से होता है किन्तु प्रारब्ध कर्मों का फल वर्तमान में भोगने के सिवा अन्य कोई उपाय नहीं है। कर्मों के अनुसार स्त्री-पुरुष या नपुंसक योनि में जन्म लेना पड़ता है। ज्योतिष के अनुसार बुध को नपुंसक ग्रह माना गया है। माना जाता है कि किन्नरों पर बुध का विशेष प्रभाव होता है। इसीलिए किन्नरों को दान देने से बुध प्रसन्न होते हैं। बुध को धन, बुद्धि तर्क व कर्म का कारक ग्रह माना गया है। ऐसी मान्यता है कि बुध से संबंधित दान करने से संचित कर्मों का नाश होता है और अगले जन्म में किन्नर के रूप में जन्म नहीं लेना पड़ता है। इसीलिए किन्नरों को दान करने को विशेष महत्व दिया गया है।

कब और क्यों नहीं सोना चाहिए?

भागदौड़ से भरी जिंदगी में आराम के लिए समय ही नहीं है तभी तो कई बार दिन में लोग कुछ देर के लिए आराम करते हैं।कई लोग समय की कमी के कारण शाम के वक्त आराम करते हैं। यहां आराम करने से हमारा मतलब है-सोने से।पर शाम को सोना शास्त्रों की दृष्टि से अनुचित माना जाता है। क्या कारण है कि शाम को सोना वर्जित माना जाता है?

वैसे देखा जाए तो सोने के रात्रि को ही श्रेष्ठ माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार तो दिन भी नहीं सोना चाहिए। दिन में सोने से आयु घटती है, शरीर पर अनावश्यक चर्बी बढ़ती है, आलस्य बढ़ता है आदि।इसलिए दिन में सोना प्रतिबन्धित है। सिर्फ वृद्ध, बालक एवं रोगियों के मामले में यहां स्वीकृति है।

इस प्रकार जब शास्त्रों में दिन में सोने पर पाबंदी है तो शाम का समय तो वैसे भी संध्या-आचमन का होता है। शाम का समय देवताओं की आराधना एवं संध्या का होता है।

इस समय सोने से शरीर में शिथिलता आती है और नकारात्मक विचारों का आगमन होता है। इस समय तो पूरे भक्तिभाव से भगवान की पूजा-अर्चना एवं संध्या करनी चाहिए।शाम को सोने के साथ ही खाना खाना, पढ़ाई करना एवं मैथुन कर्म करना भी वर्जित है। कहते हैं इन कर्मों को शाम को करने से आयु तो घटती ही है, साथ ही यश, लक्ष्मी, विद्या आदि सभी का नाश हो जाता है।इसलिए शाम को सोना शास्त्रोक्त विधान के अनुसार अनुचित माना गया है।

सुबह उठने के बाद सबसे पहले जरूर करें ये '6 काम'

शास्त्रों के अनुसार हर समय के लिए अलग-अलग परंपराएं बताई गई हैं। सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक कई जरूरी कर्म बताए गए हैं जिन्हें करना हमारे स्वास्थ्य और धर्म के नजरिए से फायदेमंद है।



ऐसा माना जाता है सुबह नींद से जागने के बाद हम कोई शुभ कर्म करें तो पूरा दिन अच्छा रहता है। इसी वजह से कई ऐसी परंपराएं निर्धारित की गई हैं जिन्हें अपनाने वाले इंसान को किसी प्रकार की परेशानी या दुख नहीं रहता।



साथ ही इनसे स्वास्थ्य लाभ भी प्राप्त होता है। प्रतिदिन के सभी आवश्यक कार्यों के अतिरिक्त यहां कुछ कर्म ऐसे बताए जा रहे हैं जिन्हें प्रतिदिन करने से आपके लिए सुख और समृद्धि के नए रास्ते खुलेंगे।


सुबह उठते ही सबसे पहले हमें हमारे हाथों का दर्शन करना चाहिए। शास्त्रों में कर्म को प्रधान बताया गया और हाथों से कर्म किए जाते हैं। साथ ही एक और भी मान्यता है कि हमारे हाथों में विष्णु, लक्ष्मी और सरस्वती का वास होता है। सुबह-सुबह इनके दर्शन से दिन अच्छा रहता है।
प्रतिदिन जल्दी उठकर योग करना चाहिए। योग या ध्यान करने से हमारे मन को शांति और शरीर को कई रोगों से लडऩे की शक्ति मिलती है। दिनभर स्फूर्ति बनी रहती है और आलस्य नहीं रहता।
नित्य क्रियाओं के बाद पूजन-अर्चन करें। थोड़ा समय भगवान की भक्ति के लिए निकालना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार भगवान की भक्ति से सभी परेशानियां दूर होती हैं और जीवन सुखी बनता है।
सूर्य को अर्ध्य दें। प्रतिदिन सूर्य को अध्र्य देने से कई लाभ प्राप्त होते हैं। सूर्य को ज्योतिषीय महत्व भी है। यदि किसी व्यक्ति की पत्रिका में सूर्य अशुभ स्थिति में हो तो प्रतिदिन सूर्य को जल चढ़ाने से सभी दोष दूर होते हैं। साथ ही सूर्य मान-सम्मान और आकर्षक व्यक्तित्व देने वाले देवता माने गए हैं। इनकी आराधना से यह सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं।
शास्त्रों में माता-पिता को भगवान के बराबर ही बताया गया है। यदि माता-पिता आपसे खुश नहीं है तो देवी-देवताओं की कृपा भी प्राप्त नहीं की जा सकती अत: प्रतिदिन उनका आर्शीवाद लें।
घर से निकलने से पहले थोड़ा दही या कुछ मीठा खाकर निकलें।