Monday, July 19, 2010

मौत की भविष्यवाणी भी करते हैं सपनें


मौत ऐसी सच्चाई है जिसके बारे में सभी जानते हैं लेकिन फिर भी उससे अनभिज्ञ बने रहते हैं। भविष्य में घटने वाली शुभ-अशुभ घटनाओं के तरह सपने मौत की भविष्यवाणी भी करते हैं। आवश्यकता है उनका आशय समझने की। स्वप्न ज्योतिष में ऐसे स्वप्नों की जानकारी दी गई है।

1- जो व्यक्ति स्वप्न में स्वयं को शमशान अथवा पर्वत के शिखर पर बैठकर मदिरापान करता देखता है वह शीघ्र ही मृत्यु को प्राप्त होता है।
2- स्वप्न में जो स्वयं को स्याही अथवा तेल शरीर पर लगाकर गधे की सवारी करता देखता है, उसकी निश्चित रूप से मृत्यु हो जाती है।
3- जो व्यक्ति लगातार भयानक सपने देखता है, उसके प्राण एक वर्ष के भीतर यमराज हर कर ले जाते हैं।
4- यदि कोई स्त्री स्वप्न में स्वयं के सफेद बाल देखती है तो उसका पति से विछोह हो जाता है या उसके पति की मृत्यु हो जाती है।
5- यदि स्वप्न में आप स्वयं को यात्रा पर जाे हुए देंखे तो यात्रा टाल दें क्योंकि यात्रा में आपकी मृत्यु हो सकती है।
6- यदि सपने में शरीर का कोई अंग कटा हुआ देंखे तो निकट भविष्य में किसी परिजन की मृत्यु अवश्यासंभी है।
7- जो व्यक्ति स्वप्न में स्वयं को हंसता या नाचता हुआ देखता है उसकी हत्या हो जाती है।
8- जो व्यक्ति स्वप्न में कौआ देखता है उसे शीघ्र ही किसी की मृत्यु का समाचार मिलता है।
9- यदि कोई स्वयं को स्वप्न में काले कपड़े पहनकर, काले घोड़े पर सवार होकर देखता है तो किसी रोग के कारण शीघ्र ही उसकी मृत्यु हो जाती है।
10- जो व्यक्ति अपने इष्ट देवी की प्रतिमा को फूटते हुए या जलते हुए देखता है उसकी कुछ ही दिनों में मृत्यु हो जाती है।
11- यदि कोई लाल साड़ी पहनी हुई स्त्री स्वप्न में आलिंगन करे व सूखे फूलों की माला पहनाए तो उसकी मृत्यु शीघ्र ही हो जाती है।
12- जो व्यक्ति स्वप्न में स्त्री का स्तनपान करता है, उसकी मृत्यु निश्चित है।
13- यदि कोई लंबे नाखून, पीली आंख नाली निर्वस्त्र स्त्री स्वप्न में आलिंगन करे तो भी मृत्यु हो जाती है।
14- स्वप्न में यदि कोई स्वयं को पेड़ से गिरता हुआ देखता है तो रोग जनित होकर उसकी मृत्यु हो जाती है।
15- यदि कोई व्यक्ति स्वप्न में नगाड़े बते हुए स्वयं का मुंजाडन करवाता है तो शीघ्र ही उसके परिवार में किसी वृद्ध की मौत हो जाती है।

Saturday, July 17, 2010

क्यों होता है पहली नजर में प्यार


एक नजर ही काफी है दिल्लगी के लिए..., पहली ही बार में, एक छोटी सी झलक ने अटूट बंधन में बांध दिया.., पहली ही नजर ऐसी मिली उनसे कि, बस उन्हीं के होकर रह गए सदा के लिये और भी जाने क्या कुछ नहीं कहा जाता इस बारे में।

एक खास उम्र में सबकी पसंद का विषय ही प्यार और प्रेमी हो जाता है। भावनाओं को संभालकर या शांत करके गहराई से विचार करें कि क्या ऐसा होना संभव है। क्या पहली नजर में ही बिना किसी को जाने-पहचाने सच्चा प्रेम किया या करवाया जा सकता है? यदि ऐसा किसी को लगता है कि उसके साथ ऐसा हुआ है, तो क्या वाकई उसे सच्चा अनुभव हुआ है?



कुछ लोग हैं दुनिया में जो सिर्फ और सिर्फ सांइस को ही सच मानते हैं। वहीं कुछ लोग धर्म, ज्योतिष और प्राचीन शास्त्रों पर भी गहरी श्रृद्धा रखते हैं। यानि कि हमें अंतिम निर्णायक किसी एक को नहीं मानना चाहिये बल्कि बीच का रास्ता यानि कि संतुलन बनाने में ही समझदारी है। यानि प्यार जैसे जस्बाती मुद्दे पर हमें सांइस और विज्ञान दोनों की राय लेना चाहिये। तो आइये देखें कि क्या कहता हैं, विज्ञान और ज्योतिष पहली नजर के प्यार के बारे में-



ज्योतिष की नजर से: वीनस यानी शुक्र प्रेम का 'गवर्निंग प्लेनेट' है। शुक्र की स्थिति ही युवाओं की जिंदगी में प्यार और दाम्पत्य जीवन की स्थितियों को नियंत्रित करती है। कुछ अन्य ज्योतिषियों की मान्यता है कि युवाओं की जिंदगी में प्रेम प्रसंगों के लिये कुछ अन्य ग्रह भी जिम्मेदार होते हैं। लेकिन एक्सपट्र्स की मानें तो यह पूर्ण सत्य नहीं है। इसके लिए और भी ग्रह जिम्मेदार हैं। किसी भी युवा लड़के या लड़की की कुंड़ली में बृहस्पति यानी ज्यूपिटर ग्रह शरीर में ऐसे हार्मोन्स की वृद्धि करता है जो विपरीत जेंडर के प्रति आकर्षण बढाता है। यही संयोग जातक में इमोशनल सपोर्ट की अपेक्षाओं को जन्म देता है।



वीनस ग्रह लड़कों में प्रेम का कारक होता है। यही वीनस यानी शुक्र, ज्यूपिटर को संतुलित रखता है। जब किसी कारण से दो प्लेनेट का कॉम्बिनेशन असंतुलित या पूर्णत: एक समान होता है तो प्रेम मिलने का आधार पैदा होता है। चंद्रमा यानी मून, मन का मालिक होता है अत: चंद्रमा का भी प्रेम मिलने में अहम किरदार है। कन्या की कुंडली में चंद्रमा और बृहस्पति एक साथ मजबूत बैठे हों। एक-दूसरे में दृष्टि संबंध हो। स्थान परिवर्तन योग हो। शुक्र बृहस्पति के मुकाबले कमजोर हो। नवम-पंचम में हो तो प्रेम का योग बनता है।



विज्ञान की नजर से: सांइस की माने तो पहली नजर का प्यार जैसी कोई चीज नहीं होती। यह मात्र आकर्षण का ही परिणाम होता है। रसायन विज्ञानियों का मानना है कि ऐसा तब होता है जब शरीर में एक विशेष प्रकार हार्मोन्स का स्राव होने लगता है। किन्तु यदि हम मनोविज्ञान के दृष्टिकोण से सोचेंगे तो एक नई और अधिक व्यावहारिक बात सामने आएगी। वह यह कि इंसानी मन की यह फि तरत होती है कि उसे जिस काम से रोका जाए ,उसे उसी काम में अधिक रस मिलता है। लड़के और लड़कियों को बचपन से एक दूसरे से दूरी रखने का निर्देश दिया जाता है, जिससे उनके मन जिज्ञासा और भी बढ़ जाती है।

Saturday, July 10, 2010

कितने प्रेम प्रसंग बता देगी विवाह रेखा

हस्तरेखाएं भी ज्योतिष शास्त्र में काफी महत्व रखती हैं। हाथों की रेखाओं को व्यक्ति का दर्पण कहा जा सकता है। जो बात आप अपनी आंखों से, चेहरे के हाव-भाव से छुपा जाते हैं वे हाथों की लकीरें बता देती हैं।

अधिकांश लोग अपने प्रेम प्रसंग सभी से छुपाते हैं परंतु यदि कोई जानना चाहे तो उसके हाथों में विवाह रेखा को देखकर सब कुछ जान सकता है।

विवाह रेखा: सबसे छोटी उंगली के नीचे बुध पर्वत के प्रारंभिक भाग में होती है। यह रेखाएं आड़ी होती हैं। यदि ये रेखाएं एक से अधिक हैं तो ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ऐसा माना जाता है कि उस व्यक्ति के उतने प्रेम प्रसंग रहे हैं।

यदि यह रेखा टूटी हो या कटी हुई हो विवाह विच्छेद की संभावना होती है। साथ ही यह रेखा आपका वैवाहिक जीवन कैसा रहेगा यह भी बताती है। यदि रेखाएं नीचे की ओर गई हुई हों तो दांम्पत्य जीवन में आपको काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।