Friday, December 24, 2010

राशि के अनुसार मंत्र जप से नहीं होगी पैसों की तंगीराशि के अनुसार मंत्र जप से नहीं होगी पैसों की तंगी


ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर व्यक्ति के जीवन पर उसकी राशि का विशेष प्रभाव पड़ता है। सभी अपनी राशि का मंत्र यदि नियमित रुप से पूजा के समय कम से कम एक माला जप करते रहे तो उसकी राशि पर अशुभ ग्रह के प्रभाव और दोषों का निवारण हो जाता है।

उसी प्रकार यदि किसी के घर में अलक्ष्मी का निवास हो गया हो। आर्थिक समस्याएं खत्म होने का नाम नहीं ले रही है तो अपनी राशि के अनुसार लक्ष्मी मंत्र का जप करें । इन मंत्रों के जप से आपकी गरीबी जरुर दूर हो जाएगी साथ ही ये मंत्र धनसम्पदा बढ़ाने और भौतिक सुख प्रदान करने में बहुत सफल माने गए हैं। इसलिए अगर आप चाहते हैं कि आपको न हो कभी पैसों की तंगी तो अपनी राशि के अनुसार लक्ष्मी मंत्र का जप आपके लिए निश्चित ही लाभदायक होगा।


मेष- ऊं ऐं क्लीं सौ:


वृष- ऊं ऐं क्लीं श्रीं


मिथुन- ऊं क्ली ऐं सौ:


कर्क-ऊं ऐं क्ली श्रीं


सिंह- ऊं ह्रीं श्रीं सौ:


कन्या- ऊं श्रीं ऐं सौ:


तुला- ऊं ह्रीं श्रीं सौं


वृश्चिक- ऊं ऐं क्लीं सौ:


धनु- ऊं ह्रीं क्लीं सौ:


मकर-ऊं ह्रीं क्लीं ह्रीं श्रीं सौ:


कुंभ- ऊं ह्रीं ऐं क्लीं श्रीं


मीन- ऊं ह्रीं क्लीं सौ:

Thursday, December 23, 2010

राशि के अनुसार ऐसे करें टेंशन को छू मंतर


ज्योतिष के अनुसार नौ ग्रहों में चंद्रमा को मन का स्वामी माना गया है। कुंडली में चंद्रमा की अशुभ स्थिति के कारण व्यक्ति अवसाद ग्रस्त हो जाता है और उसका मन कुंठीत हो जाता है। इसलिए अपनी राशि के अनुसार चंद्रमा से संबंधित प्रयोग करें तो आप अवसाद और टेंशन से बच सकते है।

मेष- मेष राशि वाले जातक रात में सिरहाने, तांबे के पात्र में जल भर कर रखें और सुबह कांटेदार पेड़ पौधे में डालें तो फ्रस्ट्रेशन से बच सकते है।

वृष- सोमवार को सफेद कपड़े में चावल और मिश्री बांधकर बहते हुए पानी में बहाने से आपका मन हमेशा स्वस्थ्य बना रहेगा।

मिथुन- मिथुन राशि वाले लोग गले में या कनिष्ठीका अंगुली यानी लिटिल फिंगर में चांदी की अंगुठी में मोती धारण करें।

कर्क- आपकी राशि का स्वामी चंद्रमा है इसलिए आप गाय के कच्चे दूध से शिव जी का अभिषेक करें।

सिंह- रात में तांबे के बर्तन में जल भर कर रखें और सुबह उस जल को पिने से आप कभी कुंठीत नही होंगे।

कन्या- आपकी राशि के अनुसार आपको पानी का दान देना चाहिए।

तुला- आपकी राशि का स्वामी ग्रह शुक्र है इसलिए आपको पानी का दान नही देना चाहिए।

वृश्चिक- वृश्चिक राशि वालों के लिए चंद्रमा अशुभ फल देने वाला होता है इसलिए इन्हे चांदी के साथ मोती धारण करना चाहिए और गहरे पानी से सावधान रहना चाहिए।

धनु- फ्रस्ट्रेशन से बचने के लिए धनु राशि वाले लोगो को श्मशान या अस्पताल में प्याऊ लगवाना चाहिए।

मकर- यह राशि शनि देव की राशि है इस राशि वालों को शिवलिंग पर गंगाजल चढ़ाना चाहिए।

कुंभ- अपनी राशि के अनुसार आपको पानी या कच्चा दूध मटके में रख कर सुखी नदी में गाढऩा चाहिए।

मीन- आपकी राशि जलतत्व की राशि है इसलिए मीन राशि वाले लोगों को मछली को दाना डालना चाहिए

ऐसे सपने आएं मतलब जल्द ही चमकेगी किस्मत


कहते हैं ज्योतिष के माध्यम से किसी के भी भूत-भविष्य और वर्तमान का सटीक अंदाजा लगाया जा सकता है। ज्योतिष का ऐसा ही एक प्रकार स्वप्र ज्योतिष है, जिनसे हम भविष्य में क्या होने वाला है? इस प्रश्न का उत्तर खोज सकते हैं।

स्वप्न ज्योतिष के माध्यम से भविष्य में घटित होने वाले शुभ-अशुभ घटनाओं के संकेत मिलते हैं। नींद में सपने सभी देखते हैं। कुछ सपने याद रह जाते हैं, कुछ याद नहीं रहते। जो सपने याद रहते हैं उनके आधार पर हम भविष्य के संबंध में अंदाजा लगा सकते हैं।

-सपने में अपने आपको आग जलाते हुए देखना।

-सपने में किसी का कत्ल करना।

-नारियल का प्रसाद मिलना।

-सपने मे पहाड़ पर चढऩा।

-सपने में कोई धार्मिक कार्य करना या देवी-देवता की मूर्ति देखना।

-सपने में कोई कड़वी चीज खाना।

-सपने में अपने आप को छाता खोलते देखना।

-सपने में खुद को रोते हुए देखना।

यदि उपर लिखे सपनों में से कोई भी स्वप्न आपको दिखाई दे, तो समझना चाहिये कि आपके व्यवसाय या नौकरी के क्षेत्र में आपकी तरक्की के साथ ही आपका शीघ्र ही भाग्योदय होगा।

Tuesday, December 21, 2010

वो पांच शेयर जो दिलाएंगे आपको मुनाफा


आज हम फिर आपको बताएंगे उन पांच शेयरों के बारे में जो आपको दिला सकते हैं मुनाफा। आइए जानते हैं कि वे कौन से पांच शेयर हैं जो देंगे मुनाफा।

इस सूची में पहला नाम है कोल इंडिया का। इस कंपनी का कोयले के व्यवसाय के बड़े हिस्से पर कब्जा है। देश में कोयले की भारी कमी है। कंपनी अपना उत्पादन बढ़ाना चाह रही है और इसके लिए निवेश और प्रयास कर रही है। कंपनी के शेयर 312 रुपए पर खरीदें और टारगेट रखें 380 रुपए का।

अंसल प्रॉपर्टी ऐंड इन्फ्रा-यह कंपनी 19 टाउनशिप प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही है। इसकी बिक्री में 79 प्रतिशत का इजाफा हुआ है और इसका लाभ 54 प्रतिशत बढ़ा है। इसके मार्जिन में और सुधार की गुंजाइश है। कंपनी अपना कर्ज भी घटा रही है। इसे 58 रुपए तक खरीदें और इसका टारगेट होगा 75 रुपए का।

पॉवर ग्रिड-यह कंपनी सरकारी है और इस सेक्टर में सरताज है। ट्रांसमिशन के काम में हो रही बढ़ोतरी से इसके लाभ में और वृद्धि होगी। इसके अलावा कंपनी के टेलीकॉम टॉवर बिजनेस से भी उसे लाभ मिलेगा। इसे 97 रुपए पर खरीदें और इसका टारगेट रखें 120 रुपए।

थॉमस कुक-यह कंपनी टूरिज्म क्षेत्र की शुरूआती कंपनियों में से है। इस समय सर्दियों की छुट्टियों के कारण इसके कामकाज में बढ़ोतरी हो रही है। यह 72 शहरों में काम कर रही है और इसे बढ़ाती जा रही है। इसका रिजल्ट बढ़िया आने की उम्मीद है। इसे 58-60 रुपए पर खरीदें और टारगेट रखें 75 रुपए।

यस बैंक- इसका बिजनेस मॉडल इसे लाभ पहुंचाएगा। वर्तमान में यह कॉरपोरेट बैंक है इसलिए इसके बेहतर करने की उम्मीद है। यह अपने और ब्रांच खोलने जा रही है। इसे 299 रुपए में खरीदें और 360 रुपए का टारगेट रखें।

ललित खन्ना, चीफ कंसल्टेंट, ग्लोब कैपिटल मार्केट लिमिटेड

उद्घघोषणा- यह सलाह तात्कालिक परिस्थितियों पर आधारित है और इसमें समयानुसार बदलाव हो सकते हैं।

Tuesday, December 7, 2010

सपने में अगर ली चाय की चुस्की तो समझो...


स्वप्न ज्योतिष के माध्यम से भविष्य में घटित होने वाले शुभ-अशुभ कार्यों की जानकारी मिलती है। अक्सर नींद में सपने सभी देखते हैं। कुछ सपने याद रह जाते हैं, कुछ याद नहीं रहते। जो सपने याद रहते हैं उनके आधार पर हम भविष्य के संबंध में अंदाजा लगा सकते हैं। ऐसे ही कुछ सपनों की आज हम बात कर रहे हैं जो आने वाले कल के सुखमय होने का संकेत देते हैं।

- जो व्यक्ति सपने में तिल, चावल सरसों, जौ, अन्न, का ढेर देखता है। उस व्यक्ति को जीवन में सभी सुख मिलते हैं।

- कलश, शंख और सोने के गहने देखने से जीवन में हर सुख मिलता है।

- अगर सपने में खुद को चाय या चाय की चुस्की लेते देखें तो उसे जीवन में हर्ष उल्लास और समृद्धि मिलती है।

- जब कोई अपनी खोई हुई वस्तु प्राप्त करता है तो उसे आगामी जीवन में सुख मिलता है।

- यदि कोई व्यक्ति सपने में में इन्द्र धनुष देखता है तो उसका जीवन बहुत सुखमय और खुशियों से भरा होता है।

Sunday, December 5, 2010

गलती से भी बाल-नाखून न काटें, क्यों व किस दिन ?


परंपराएं, नियम-कायदे और अनुशासन आखिर क्या और क्यों हैं। आज के इस वैज्ञानिक युग में इन बातों का कोई महत्व या औचित्य है भी या नहीं, कहीं ये बातें अंध विश्वास ही तो नहीं हैं? दूसरे पहलू से सोचें तो क्या इन परंपराओं का इंसानी जिंदगी में कोई महत्वपूर्ण योगदान है? जब गहराई और बारीकी से अध्ययन और विश्लेषण करते हैं तो हम पाते हैं कि, अधिकांस परंपराओं और रीति-रिवाजों के पीछे एक सुनिश्वित वैज्ञानिक कारण होता है। किसी बात को पूरा का पूरा समाज यूं ही नहीं मानने लग जाता। अनुभव, उदाहरण, आंकड़े और परिणामों के आधार पर ही कोई नियम या परंपरा परे समाज में स्थान और मान्यता प्राप्त करते हैं। प्रात:जल्दी उठना, सूर्य व तुलसी को जल चढ़ाना, माता-पिता व गुरुजनों के चरण स्पर्श करना या तिलक लगाना , शिखा-जनेऊ धारण करना ..... आदि अनेक परंपराओं का बड़ा ही पुख्ता वैज्ञानिक आधार होता है।



बेहद महत्वपूर्ण और अनिवार्य परंपराओं व नियमों में बाल और नाखून काटने के विषय में भी स्पष्ट संकेत प्राप्त होते हैं। आज भी हम घर के बड़े और बुजुर्गों को यह कहते हुए सुनते हैं कि, शनिवार, मंगलवार और गुरुवार के दिन बाल और नाखून भूल कर भी नहीं काटना चाहिये। पर आखिर ऐसा क्यों?



जब हम अंतरिक्ष विज्ञान और ज्योतिष की प्राचीन और प्रामाणिक पुस्तकों का अध्ययन करते तो इन प्रश्रों का बड़ा ही स्पष्ट वैज्ञानिक समाधान प्राप्त होता है। वह यह कि शनिवार, मंगलवार और गुरुवार के दिन ग्रह-नक्षत्रों की दशाएं तथा अंनत ब्रह्माण्ड में से आने वाली अनेकानेक सूक्ष्मातिसूक्ष्म किरणें मानवीय मस्तिष्क पर अत्यंत संवेदनशील प्रभाव डालती हैं। यह स्पष्ट है कि इंसानी शरीर में उंगलियों के अग्र भाग तथा सिर अत्यंत संवेदनशील होते हैं। कठोर नाखूनों और बालों से इनकी सुरक्षा होती है। इसीलिये ऐसे प्रतिकूल समय में इनका काटना शास्त्रों में वर्जित, निंदनीय और अधार्मिक कार्य माना गया है।

घर में जूते-चप्पल क्यों न पहनें?


आधुनिकता के दौर में कई परिवारों में घर के अंदर भी जूते-चप्पल पहनने का चलन बढ़ गया है। इसे स्टेटस सिंबोल माना जाता है। जबकि प्राचीन काल से ही ऋषि-मुनियों और विद्वानों द्वारा घर में चरण पादुकाएं अर्थात् जूते-चप्पल नहीं पहनने की बात कही गई है।
घर में जूते-चप्पल नहीं पहनना चाहिए इसकी वजह यह है कि जब हम कहीं बाहर से घर आते हैं तब जूते-चप्पल के साथ गंदगी में आती है। ऐसे में यदि हम वही जूते-चप्पल घर में लेकर जाते हैं तो वह गंदगी घर में फैलती है। जो कि परिवार के सदस्यों के लिए भी स्वास्थ्य की दृष्टि से हानिकारक होती है। इस गंदगी में कई प्रकार के बीमारियां फैलाने वाले कीटाणु रहते हैं। इस वजह से भी घर में जूते-चप्पल पहनना उचित नहीं है।
साथ ही इस बात के पीछे धार्मिक कारण भी है। घर में ही देवी-देवताओं का स्थान भी होता है। जहां हम रहते हैं वहां सभी दैवीय शक्तियां भी निवास करती हैं। ऐसे में यदि हम जूते-चप्पल पहनकर घर में घुमते हैं तो भगवान का भी अपमान होता है। वैसे तो आजकल सभी अपने-अपने घरों में परमात्मा के लिए अलग कक्ष बनवाते हैं फिर भी घर में कई स्थानों पर भगवान से संबंधित वस्तुएं रखी रहती है जो कि ईश्वर का ही प्रतिनिधित्व करती हैं। उनके सामने चरण पादुका यानि जूते-चप्पल पहनकर जाना निश्चित ही अनुचित है। घर में नंगे पैर ही रहना चाहिए इससे घर की पवित्रता बनी रहती है और ऐसे परिवार में देवी-देवता भी स्थाई रूप से निवास करते हैं। भगवान की कृपा से उस घर में किसी भी प्रकार धन, सुख-समृद्धि की कोई कमी नहीं रहती। इन कारणों से घर में जूते-चप्पल नहीं पहनना चाहिए।

हनुमान चालीसा का पाठ क्यों करते हैं?


उज्जैन. कलयुग में हनुमानजी की भक्ति सबसे सरल और जल्द ही फल प्रदान करने वाली मानी गई है। श्रीराम के अनन्य भक्त श्री हनुमान अपने भक्तों और धर्म के मार्ग पर चलने वाले लोगों की हर कदम मदद करते हैं। सीता माता के दिए वरदान के प्रभाव से वे अमर हैं और किसी ना किसी रूप में अपने भक्तों के साथ रहते हैं।
हनुमानजी को मनाने के लिए सबसे सरल उपाय है हनुमान चालीसा का नित्य पाठ। हनुमानजी की यह स्तुति का सबसे सरल और सुरीली है। इसके पाठ से भक्त को असीम आनंद की प्राप्ति होती है। तुलसीदास द्वारा रचित हनुमान चालीसा बहुत प्रभावकारी है। इसकी सभी चौपाइयां मंत्र ही हैं। जिनके निरंतर जप से ये सिद्ध हो जाती है और पवनपुत्र हनुमानजी की कृपा प्राप्त हो जाती है।
यदि आप मानसिक अशांति झेल रहे हैं, कार्य की अधिकता से मन अस्थिर बना हुआ है, घर-परिवार की कोई समस्यां सता रही है तो ऐसे में सभी ज्ञानी विद्वानों द्वारा हनुमान चालीसा के पाठ की सलाह दी जाती है। इसके पाठ से चमत्कारिक फल प्राप्त होता है, इसमें को शंका या संदेह नहीं है। यह बात लोगों ने साक्षात् अनुभव की होगी की हनुमान चालीसा के पाठ से मन को शांति और कई समस्याओं के हल स्वत: ही प्राप्त हो जाते हैं। साथ ही हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए कोई विशेष समय निर्धारित नहीं किया गया है। भक्त कभी भी शुद्ध मन से हनुमान चालीसा का पाठ कर सकता है।

इस रात लड़कियों पर रहता है भूत-प्रेत का डर!


सामान्यत: ऐसी मान्यता है कि रात के समय किसी लड़की को अकेले घर से बाहर नहीं भेजना चाहिए। पुराने समय में इस बात का सख्ती से पालन कराया जाता था। साथ ही अमावस की रात को तो खासतौर पर लड़की को अकेले घर से बाहर निकलना मना किया जाता था।

ऐसा माना जाता है कि अमावस की रात को नकारात्मक शक्तियां अधिक सक्रिय रहती हैं जो कि लड़कियों को बहुत ही जल्द अपने प्रभाव में ले लेती हैं। यहां नकारात्मक शक्ति से अभिप्राय है कि आसुरी प्रवृत्तियां। अमावस की रात बुरी शक्तियां अपने पूरे बल में होती हैं। इन शक्तियों को लड़कियां पूरी तरह प्रभावित करती हैं। जिससे वे उन्हें अपने प्रभाव में लेने की कोशिश करती हैं। इन शक्तियों के प्रभाव में आने के बाद लड़कियों का मानसिक स्तर व्यवस्थित नहीं रह पाता और उनके पागल होने का खतरा बढ़ जाता है।

विज्ञान के अनुसार अमावस और हमारे शरीर का गहरा संबंध है। अमावस का संबंध चंद्रमा से है। हमारे शरीर में 70 प्रतिशत पानी है जिसे चंद्रमा सीधे-सीधे प्रभावित करता है। ज्योतिष में चंद्र को मन का देवता माना गया है। अमावस के दिन चंद्र दिखाई नहीं ऐसे में जो लोग अति भावुक होते हैं उन पर इस बात का सर्वाधिक प्रभाव पड़ता है।

लड़कियां मन से बहुत ही भावुक होती है। जब चंद्र नहीं दिखाई देता तो ऐसे में हमारे शरीर के पानी में हलचल अधिक बढ़ जाती है। जो व्यक्ति नकारात्मक सोच वाला होता है उसे नकारात्मक शक्ति अपने प्रभाव में ले लेती है। इन्हीं कारणों से अमावस की रात को लड़कियों को अकेले बाहर जाने के लिए मना किया जाता था।

चंद्रमा हमारे शरीर के जल को किस प्रकार प्रभावित करता है इस बात का प्रमाण है समुद्र का ज्वारभाटा। पूर्णिमा और अमावस के दिन ही समुद्र में सबसे अधिक हलचल दिखाई देती है क्योंकि चंद्रमा जल को शत-प्रतिशत प्रभावित करता है।

अब टेलीफोन बूथ से बात करते हुए चेहरा भी देखिए


एक जामाना था जब टेलीफोन बूथ या पीसीओ का धंधा खूब चलता था। लेकिन मोबाइल फोन के दिनों दिन बढ़ते इस्तेमाल के चलते ये धंधा काफी मंदा हो गया है। लेकिन अब जानी मानी टेलीकॉम कंपनी ‘एरिक्सन’ ने पीसीओ के कारोबार को मॉर्डन अंदाज में दोबारा शुरू करवाने की दिशा में पहल शुरू कर दी।


पीसीओ को पॉपुलर बनवाने के लिए कंपनी ने एक खास तरह का फोन तैयार किया है। जिसके जारिए आप फोन पर बात करते हुए लोगों का चेहरा भी देख सकेंगे। ये काफी कुछ वीडियो कॉल जैसा है। लेकिन खास बात ये है कि इसमें स्क्रीन काफी बड़ा लगाया गया है। यानी फोन पर बात करते हुए भी ऐसा लगेगा मानो आप आमने-सामने बात कर रहे हों।

एरिक्सन कंपनी इस तरह के पीसीओ को गांवों में पॉपुलर बनाने के जुगत में लगी है, क्योंकि वहां आज भी बड़ी आबादी के पास मोबाइल फोन की सुविधा नहीं है। यही वजह है कि अपने इस खास फोन को लेकर कंपनी ने बिहार, यूपी के गांवों में प्रयोग शुरू कर दिया है। हालांकि इसे व्यावसायिक तौर पर नहीं शुरू किया गया है।

कंपनी को उम्मीद है कि इस नए प्रयोग से एक बार फिर से पीसीओ और टेलीफोन बूथ की तरफ लोगों का रूझान बढ़ेगा। खास तौर पर ग्रामीण इलाकों में कंपनी को अच्छी लोकप्रियता मिलने की उम्मीद है।