Sunday, December 5, 2010

घर में जूते-चप्पल क्यों न पहनें?


आधुनिकता के दौर में कई परिवारों में घर के अंदर भी जूते-चप्पल पहनने का चलन बढ़ गया है। इसे स्टेटस सिंबोल माना जाता है। जबकि प्राचीन काल से ही ऋषि-मुनियों और विद्वानों द्वारा घर में चरण पादुकाएं अर्थात् जूते-चप्पल नहीं पहनने की बात कही गई है।
घर में जूते-चप्पल नहीं पहनना चाहिए इसकी वजह यह है कि जब हम कहीं बाहर से घर आते हैं तब जूते-चप्पल के साथ गंदगी में आती है। ऐसे में यदि हम वही जूते-चप्पल घर में लेकर जाते हैं तो वह गंदगी घर में फैलती है। जो कि परिवार के सदस्यों के लिए भी स्वास्थ्य की दृष्टि से हानिकारक होती है। इस गंदगी में कई प्रकार के बीमारियां फैलाने वाले कीटाणु रहते हैं। इस वजह से भी घर में जूते-चप्पल पहनना उचित नहीं है।
साथ ही इस बात के पीछे धार्मिक कारण भी है। घर में ही देवी-देवताओं का स्थान भी होता है। जहां हम रहते हैं वहां सभी दैवीय शक्तियां भी निवास करती हैं। ऐसे में यदि हम जूते-चप्पल पहनकर घर में घुमते हैं तो भगवान का भी अपमान होता है। वैसे तो आजकल सभी अपने-अपने घरों में परमात्मा के लिए अलग कक्ष बनवाते हैं फिर भी घर में कई स्थानों पर भगवान से संबंधित वस्तुएं रखी रहती है जो कि ईश्वर का ही प्रतिनिधित्व करती हैं। उनके सामने चरण पादुका यानि जूते-चप्पल पहनकर जाना निश्चित ही अनुचित है। घर में नंगे पैर ही रहना चाहिए इससे घर की पवित्रता बनी रहती है और ऐसे परिवार में देवी-देवता भी स्थाई रूप से निवास करते हैं। भगवान की कृपा से उस घर में किसी भी प्रकार धन, सुख-समृद्धि की कोई कमी नहीं रहती। इन कारणों से घर में जूते-चप्पल नहीं पहनना चाहिए।

No comments:

Post a Comment