Saturday, May 12, 2012

सामने आया सबसे बड़ा सच, माया कैलेंडर में खुला असली राज !


ग्वाटेमाला सिटी। दुनिया के अंत की भविष्यवाणी कर रहे लोगों के लिए अच्छी खबर नहीं है। ऐसा लगता है कि 2012 दुनिया का आखिरी साल नहीं होगा। जिस माया सभ्यता के कैलेंडर की दुहाई देकर इस वर्ष दुनिया का अंत होने की भविष्यवाणियां की जा रही थीं, उसी के बनाए एक कैलेंडर ने इन आशंकाओं पर विराम लगा दिया है। ग्वाटेमाला के जंगलों में मिले माया कैलेंडर के अब तक के सबसे पुराने संस्करण से साफ है कि अगले कई अरब वर्षो तक पृथ्वी बनी रहेगी। कम से कम कुछ लाखों साल तक तो मानव सभ्यता के अंत का कारण बनने वाली कोई भी प्रलयंकारी आपदा नहीं आएगी।
अद्भुत खोज

पूवरेत्तर ग्वाटेमाला में माया सभ्यता के प्राचीन शहर शूलतुन में पुरातत्वविदों ने एक घर की दीवारों पर बनी पेंटिंग ढूंढ निकाली हैं। यह तस्वीरें न केवल गणितीय और ऐतिहासिक रूप से अहम है बल्कि इससे माया सभ्यता के जीवन की एक अनूठी झलक मिलती है। इस शोधकार्य को अंजाम देने वाले बोस्टन विश्वविद्यालय के पुरातत्वविद विलियम सैटनरे ने कहा कि माया सभ्यता के पुरोहित दरअसल ब्रrांडीय समय को समझने का प्रयास कर रहे थे और यही वह जगह है जहां वे इन गणनाओं को अंजाम दिया करते होंगे।

अंत का अंदेशा नहीं

दीवार पर बनी पेंटिंग्स में एक लगभग आधे वर्ग मीटर आकार का कैलेंडर है। वैज्ञानिक इसे अब तक मिला सबसे पुराना माया कैलेंडर करार दे रहे हैं। इस कैलेंडर में कई वर्षो के लिए समय की गणना की गई है और यह कम से कम 7000 साल आगे तक जाता है। जाहिर है 2012 का प्रलय इन मायावासियों के दिमाग में नहीं था। साथ ही इन गणनाओं के आधार पर लाखों-करोड़ों वर्ष आगे तक की भविष्यवाणियां की जा सकती हैं।यह नया कैलेंडर पत्थर की एक दीवार में तराशा हुआ है जबकि 2012 मे दुनिया के अंत की भविष्यवाणी करने वाले सभी माया कैलेंडर पुरानी पांडुलिपियों में मिलते हैं। दुनिया के अंत की घोषणा करने वाले सभी कैलेंडर इस पाषाण कैलेंडर से कई सौ वर्ष बाद तैयार किये गए थे।

2010 में मिला था शहर

शूलतुन के जंगलों में माया सभ्यता का एक महत्वपूर्ण शहर होने के बारे में पहली बार 1915 में पता चला था। इसके बाद यहां खजाना चोरों ने कई बार सेंध लगाने का प्रयास किया। प्रोफेसर सैटनरे के छात्र मैक्स चेम्बरलिन ने जब 2010 में एक सुरंग से जाकर यहां कुछ भित्तिचित्रों के होने का पता लगाया तो पूरी टीम खुदाई में जुट गई और उन्होंने सदियों से गुमनामी में खोए माया सभ्यता के इस प्राचीन शहर को ढूंढ निकाला। यह पूरा शहर 16 वर्गमील में फैला हुआ है और इसे पूरी तरह से खोदकर बाहर निकालने के लिए अगले दो दशकों का समय भी कम है।

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