Wednesday, December 28, 2011

चार गुना बढ़े नकली नोट, ऐसे करें असली और नकली में फर्क!


भोपाल. राजधानी में नकली नोटों का चलन साल दर साल बढ़ता जा रहा है? हां, कम से कम सरकारी आंकड़े तो इसकी पुष्टि करते नजर आ रहे हैं। पिछले चार सालों में यहां नकली नोटों की बरामदगी करीब 4 गुना हो चुकी है।

हाल ही में झाबुआ में नकली नोट छापने वाले एक व्यक्ति को सजा सुनाई गई। भास्कर ने जब राजधानी में नकली नोटों के चलन की पड़ताल की तो सामने आया कि बीते वित्तीय वर्ष में ही यहां २६ लाख २६ हजार रुपए के नकली नोट पकड़े जा चुके हैं।

हालांकि जानकारी के अभाव में आम आदमी नकली नोट की पहचान होते ही उससे पिंड छुड़ाने की जुगत में लग जाता है, जबकि बैंक के कर्मचारी ग्राहक नाराज न हो जाए इस डर से नकली नोट उसे वापस कर देते हैं या फिर उसे फाड़कर दूसरा नोट मांग लेते हैं।

बैरागढ़ में सबसे ज्यादा चलन

बैरागढ़ और कोहेफिजा में नकली नोट की समस्या सबसे अधिक है। यहां की बैंक शाखाओं में बल्क में आने वाले 100 और 500 रुपए के नोट कई बार नकली निकलते हैं, लेकिन ज्यादातर मामलों में लीपापोती होती रहती है।

इधर, आरबीआई ने जिन बैंकों को करंसी चेस्ट (तिजोरियां) उपलब्ध करा रखे हैं, वहां अत्याधुनिक मशीनों से नोट की शॉर्टिग होती है। इसलिए बैंकों का दावा है कि एटीएम से नकली नोट मिलने की संभावना काफी कम होती है।

क्या है नियम

किसी बैंक की शाखा में पहुंचे ग्राहक के पास नकली नोट निकलता है तो बैंककर्मी को तत्काल उस पर सील लगाकर ग्राहक के हस्ताक्षर लेना चाहिए। यहां ग्राहक का दायित्व है कि वह बैंक को बताए कि उसे यह नोट कहां से मिला ताकि यह पता लगाया जा सके कि यह नोट कहां से आया।

नोडल थाने भी बने

केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर सालभर पहले हर जिले में नकली नोटों के मामलों निपटाने के लिए एक नोडल थाना बनाया गया है। भोपाल में एमपी नगर थाने को नोडल थाना बनाया है। इस थाने में इसके लिए अधिकृत पुलिस अधिकारी की ये जिम्मेदारी है कि वह बैंक अफसरों के साथ मीटिंग करें और नकली नोटों पर नजर रखें।

हमारी बैंक के सभी कर्मचारियों को स्पष्ट निर्देश हैं कि अगर कोई ग्राहक नकली नोट लेकर आता है तो उसे तत्काल जब्त कर लिया जाए। जोनल ऑफिस में इसकी निगरानी के लिए एक अलग प्रकोष्ठ बना है।

- विजय रांगणोकर, पीआरओ, एसबीआई

हम बैंक में पैसा जमा कराने

जाएं और गड्डी से नकली नोट निकल आए तो कैशियर वह नोट फाड़कर उनकी जगह दूसरे नोट मांग लेता है।

- राजेंद्र कोठारी, पूर्व स्थानीय डॉयरेक्टर, पीएचडी चेंबर ऑफ कॉमर्स

कैसे जानें नोट असली या नकली

जब भी कोई नया नोट चलन में आता है तो आरबीआई उसकी स्पेशल पहचान जारी करती है। किसी भी ब्लू लाइट वाले अल्ट्रावायलेट लैंप की रोशनी में जब नोट को देखा जाता है तो उसकी विशेष पहचान के सभी चिह्न साफ दिखाई देते हैं। अगर कोई चिह्न उसमें न दिखाई दे तो समझ लीजिए कि यह नोट नकली है। हर बैंक के कैशियर के पास यह लैंप उपलब्ध होता है। वहां नोट की पहचान की जा सकती है।

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