Saturday, September 10, 2011

एटीएम से पैसा निकाल रहे हैं तो अब थोड़ा रुकें


अजमेर.सावधान! अगर आप एटीएम से पैसे निकालने जा रहे हैं तो अपने आस-पास एटीएम पर नजर डाल लें। कोई आपके साथ तो नहीं खड़ा है या कोई आपको एटीएम प्रोसेस करते तो देख नहीं रहा है।

जयपुर सहित अन्य शहरों में एटीएम हैंग करके रुपए निकालने की वारदातों के बाद अजमेर में भी इस तरह की वारदातें होना असंभव नहीं है। इससे निपटने के लिए बैंकों में इंतजाम नाकाफी हैं।

आरआरबी के नियमों को ताक में रखकर कई जगह एटीएम डोर स्वैप ऑटो लॉक सिस्टम टूटे हुए हैं तो कई जगह एक एटीएम में रहते हैं चार से पांच लोग। अगर आपको ठगी से बचना है तो एटीएम हैंग होने पर डेढ़ मिनट तक वहीं रुकिए। क्योंकि इन डेढ़ मिनट में ही अपराधी देता है वारदात को अंजाम।

क्या है अजमेर में एटीएम की स्थिति...

ऑटो लॉक सिस्टम नहीं

शहर में कई एटीएम में आरआरबी के नियमों के मुताबिक कार्ड स्वैप ऑटो लॉक सिस्टम नहीं लगे हुए हैं। इस वजह से एटीएम में एक साथ कई उपभोक्ता प्रवेश कर जाते हैं और वारदातों की संभावना बढ़ जाती है। कई एटीएम में ऑटो लॉक सिस्टम लगे हुए है और वे भी खराब पड़े हुए हैं जिन्हें ठीक कराने के लिए बैंक प्रशासन कोई कदम नहीं उठाता है।

50 में से 25 में हैं खामी

अजमेर शहर में सरकारी बैंकों के कुल 30 और निजी बैंकों के 20 एटीएम हैं। इनमें से 50 प्रतिशत एटीएम ऐसे हैं जिनमें एंट्री गेट पर या तो लाकिंग सिस्टम नहीं है या फिर खराब पड़ा है। कई जगह एटीएम की स्क्रीन टूटी हुई है तो कई एटीएम महीनों से खराब पड़े हुए हैं।

गार्ड नदारद :

शहर के एटीएम पर एक सशस्त्र गार्ड का होना जरूरी है लेकिन इस बात का भी ख्याल कुछ ही बैंकों ने रखा ह।

नहीं है शिकायत नंबर :

शहर में लगे एटीएम में किसी भी प्रकार की शिकायत के लिए सम्पर्क नम्बर चस्पा नहीं है। अगर एटीएम कार्ड मशीन में फंस जाए, खाते से पैसे डेबिट हो जाए, एटीएम कार्ड खो जाए या एटीएम हैंग हो जाए तो उसकी शिकायत के लिए एटीम में कोई सूचना सम्पर्क नम्बर चस्पा नहीं किए गए हैं।

टाइम कम हो तो मिटे परेशानी

आईटी एक्सपर्ट की मानें तो एटीएम प्रोसेसिंग टाइम कम होने से सीधे तौर पर एटीएम में होने वाली वारदातों को रोका जा सकेगा। शहर में ज्यादातर सरकारी व गैर सरकारी बैंकों में फिलहाल प्रोसेसिंग टाइम 60 सेकंड है। अगर इस टाइम को कम किया जाए तो ऐसी वारदातों पर अंकुश लग सकता है एटीएम में प्रोसेसिंग टाइम अधिक होने के कारण ही अपराधी ऐसी वारदातें करने से बाज नहीं आते।

सावधानी हटी-दुर्घटना घटी

7 सितम्बर को जयपुर निवासी अजमेर एमडीएस यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरियन मंजुलिका राबिन्सन के एटीएम से कार्ड हैंग करके 30 हजार की वारदात की गई।

ये हैं विशेष नम्बर जिन पर होती है एटीएम से सम्बन्धित शिकायत

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया : 18004253800 (टोल फ्री)

पंजाब नेशनल बैंक - 9828076069 (1800180222)

बैंक ऑफ बड़ौदा : 1800223344 (टोल फ्री)

आईसीआईसीआई बैंक : 9829222292

आरबीआई की गाइडलाइन

एटीएम के प्रवेश द्वार पर कार्ड स्वैप ओटो लॉक सिस्टम हो, ताकि एक बार में एक ही उपभोक्ता उसमें प्रवेश कर सके।

सीसी टीवी कैमरों में रिकार्डिग 24 घंटे चालू रखी जाए।

एटीएम के बाहर सशस्त्र सुरक्षा गार्ड को तैनात किया जाए। एटीएम के भीतर प्रोसेसिंग की पूरी प्रक्रिया संबंधित चार्ट चस्पा हो।

समय-समय पर उपभोक्ताओं को एटीएम के इस्तेमाल में रखी जाने वाली सावधानियों से अवगत कराया जाए। संबंधित बैंक मोबाइल एसएमएस, ई-मेल और अन्य माध्यमों से उपभोक्ताओं को जागरूक करे।

एटीएम स्क्रीन पर 24 घंटे सुरक्षा संबंधी स्क्रोल मैसेज चलाकर उपभोक्ताओं को सजग किया जाए।

क्या करें उपभोक्ता

किसी को अपना पिन नम्बर नहीं बताएं।

एटीएम मशीन हैंग होने पर कम से कम डेढ़ मिनट तक वहीं रुके या वैलकम नोट आने तक वहां खड़े रहें।

बैंक खाते को मोबाइल एसएमएस खाते से जोड़ कर रखे जिसमें पैसा डेबिट होने पर तुरंत पता चले।

एसबीआई ने शुरू किया ‘ग्रीन चैनल’ :

एटीएम में बढ़ती वारदातों पर अंकुश के लिए हाल ही में एसबीआई ने मुख्य ब्रांच में ‘ग्रीन चैनल सिस्टम’ शुरू किया है। इससे बड़ी राशि डिपोजिट, व्रिडाल और ट्रांसफर की जा सकती है। इसमें एक स्वैप मशीन का इस्तेमाल बैंककर्मी की मौजूदगी में किया जाता है।

उपभोक्ता एटीएम कार्ड स्वैप कर डिपोजिट, व्रिडाल और ट्रांसफर की प्रक्रिया पूरी करता है। कार्ड स्वैप करते ही बैंक के कंप्यूटर सिस्टम पर आपके खाते की डिटेल आ जाती है। प्रक्रिया पूरी होने के बाद बैंक रसीद जारी करता है।

बैंक ऑफ बड़ौदा ने किया बदलाव :

कुछ समय पूर्व बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) ने प्रोसेसिंग टाइम घटाकर 30 सेकंड कर दिया। बीओबी के सभी एटीएम में सुरक्षा के दृष्टि से परिवर्तन किए गए हैं। प्रोसेसिंग टाइम कम करने के साथ ऐसी व्यवस्था की गई कि एक बार में एटीएम में एक ही उपभोक्ता जा सके। इसके लिए सुरक्षा गार्डो को विशेष दिशा-निर्देश दिए गए हैं।

"ग्रीन चैनल सिस्टम की मदद से बड़ी राशि डिपोजिट, व्रिडाल और ट्रांसफर की जा सकती है। प्रोसेसिंग टाइम कम किया जाएगा। "

सुगन चंद, बैंक मैनेजर (पीबीडी) एसबीआई

"शहर में 12 एटीएम लगे हैं। इन पर कार्ड स्वैप ऑटो लॉक सिस्टम लगा हुआ है? सशस्त्र गार्ड मौजूद रहता है। खराब होने पर तुरंत ठीक करवाते हैं। अगर हमें ऊपर से कोई गाइड लाइन मिलेगी तो हम जरूर प्रोसेसिंग टाइम में बदलाव करेंगे। "

बी.डी. सुमन, चीफ मैनेजर पंजाब नेशनल बैंक

"हमने आरआरबी की गाइड लाइन के अनुरूप प्रोसेसिंग टाइम में बदलाव किया है। बीओबी में सुरक्षा की दृष्टि से सभी एटीएम में परिवर्तन किया गया है। वारदातों के मद्देनजर सुरक्षा गार्ड को विशेष दिशा निर्देश भी दिए गए हैं। "

एम.टी.वाधवानी, लीड बैंक मैनेजर, बैंक ऑफ बड़ौदा

"कई एटीएम में सीसी टीवी कैमरा सही नहीं लगा है। रिकार्डिग में चेहरे स्पष्ट नहीं आ पाते। जिलेभर के करीब 50 प्रतिशत बैंकों में सुरक्षा गार्ड तक तैनात नहीं हैं। शातिरों ने उन्हीं एटीएम में वारदात की हैं, जहां सुरक्षा गार्ड तैनात नहीं है। वारदातों पर अंकुश के लिए विशेष टीम बनाई है।"

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