Monday, August 24, 2009

नंद भारद्वाज को बिहारी पुरस्कार

नंद भारद्वाज को बिहारी पुरस्कार
25 अगस्त 2009, 01:39 hrs IST
जयपुर। पत्रकार, लेखक एवं साहित्यकार नंद भारद्वाज को सोमवार शाम के.के.बिडला फाउंडेशन के प्रतिष्ठित 'बिहारी पुरस्कार' से नवाजा गया। यह पुरस्कार राजस्थान के हिंदी एवं राजस्थानी लेखकों को दिया जाता है। भारद्वाज को वर्ष 2008 का यह पुरस्कार 'हरी दूब का सपना' कृति के लिए दिया गया है। जवाहर कला केन्द्र के रंगायन सभागार में हुए समारोह में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उन्हें प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह एवं एक लाख की राशि प्रदान की। समारोह में के.के.बिडला फाउंडेशन की अध्यक्षा शोभना भरतिया, फाउंडेशन के निदेशक निर्मलकांति भट्टाचार्जी, निर्णायक समिति की अध्यक्षा प्रो.रमा सिंह, मंत्रिमंडल के सदस्य, साहित्यकार एवं शहर के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
शोभना ने भारद्वाज के लेखन की तारीफ करते हुए कहा कि उनकी कविताएं मरू भूमि की सौंधी सुगन्ध से परिचय कराती हैं। प्रो. रमा सिंह ने कहा कि भारद्वाज की कृति आत्मसंवेदना और अनुभवों का दस्तावेज है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि लेखक, पत्रकार एवं साहित्यकार सदियों से समाज एवं सरकार का मार्गदर्शन करते आए हैं। वे हमेशा से सम्मानित रहे हैं और आगे भी रहेंगे।
सृजनशीलता को स्नेह पुरस्कार ग्रहण करने के बाद भारद्वाज ने कहा कि पुरस्कार साहित्यकार के सृजनात्मक कार्य को लोगों की नजरों में लाने का अवसर प्रदान करता है। वे इसे अपनी रचनाधर्मिता के प्रति स्नेह के रूप में देखते हैं।
40 कविताओं का संग्रहपुरस्कृत कृति 'हरी दूब का सपना' 40 कविताओं का संग्रह है। ये कविताएं मरूभूमि की विषमताएं, प्राकृतिक आपदाएं एवं सामाजिक विसंगतियों पर केन्द्रित हैं। कुछ कविताएं स्त्री की स्थिति, देश की समसामयिक समस्याओं एवं सामाजिक गैर-बराबरी के दर्द को भी बयां करती हैं।

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